Tata and Haldiram: टाटा ग्रुप का नहीं होगा हल्दीराम,51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने वाली खबर का हुआ खंडन; कंपनी का ये जवाब

Tata and Haldiram: अगर दोनों कंपनियों के बीच यह सौदा सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता है, तो भारतीय समूह सीधे तौर पर पेप्सी और अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा। इसके अलावा हल्दीराम की 10 हिस्सेदारी की बिक्री बारे में बेन कैपिटल सहित निजी इक्विटी फर्मों के साथ भी बात कर रहा है।

Viren Singh
Published on: 6 Sep 2023 11:50 AM GMT (Updated on: 6 Sep 2023 5:23 PM GMT)
Tata and Haldiram: टाटा ग्रुप का नहीं होगा हल्दीराम,51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने वाली खबर का हुआ खंडन; कंपनी का ये जवाब
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Tata and Haldiram (सोशल मीडिया)

Tata Control Haldiram: कहा जाता है देश का सबसे पुराना कारोबारी समूह टाटा ग्रुप है। यह ग्रुप भारत में नमक के कारोबार से लेकर हवाई जहाज के क्षेत्र में कारोबार में लगा हुआ है और लगातार भारत सहित दुनिया में अपने प्रोडक्ट का लोगों के बीच लोहा मनवा रहा है। भारतीय बाजार में ऐसी खबर आ रही हैं कि अब टाटा समूह खाद्य पदार्थ के क्षेत्र में उतारने जा रहा रहा है। बाजार में नजर रखने वाले दो लोगों ने कहा कि टाटा समूह की उपभोक्ता इकाई लोकप्रिय भारतीय स्नैक फूड निर्माता हल्दीराम की कम से कम 51% हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत हो रही है। हालांकि वह इस हिस्सेदारी के लिए 10 अरब डॉलर के मूल्यांकन को लेकर सहज नहीं है। यानी टाटा ग्रुप हल्दीराम की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 10 अरब डॉलर चूकाने के मूड में नही हैं।

सौदा होता तो इन कंपनियों को मिलेगी टक्कर

अगर दोनों कंपनियों के बीच यह सौदा सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता है, तो भारतीय समूह सीधे तौर पर पेप्सी और अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा। इसके अलावा हल्दीराम की 10 हिस्सेदारी की बिक्री बारे में बेन कैपिटल सहित निजी इक्विटी फर्मों के साथ भी बात कर रहा है। आपको बता दें कि हल्दीराम घरेलू ब्रांड है।

टाटा ने कहा मांग बहुत अधिक

सूत्रों ने कहा कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, जो यूके की चाय कंपनी टेटली का मालिक है और भारत में स्टारबक्स के साथ साझेदारी करता है, हिस्सेदारी खरीद पर बातचीत कर रहा है। हल्दीराम की हिस्सेदारी खरीदने पर बातचीत की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि टाटा समूह 51% से अधिक खरीदना चाहता था, लेकिन उसने हल्दीराम से कहा है कि उसकी मांग बहुत अधिक है। टाटा ग्रुप उपभोक्ता के क्षेत्र में एक चाय कंपनी के रूप में देखा जाता है, जबकि हल्दीराम उपभोक्ता क्षेत्र में बहुत बड़ा है और इसकी व्यापक बाजार हिस्सेदारी है।

टाटा ग्रुप में दिया स्टॉक एक्सचेंज को यह जवाब

हालांकि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह बाजार की अटकलों पर टिप्पणी नहीं करता। वहीं, हल्दीराम के मुख्य कार्यकारी कृष्ण कुमार चुटानी और बेन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि कुछ देर बाद स्टॉक एक्सचेंज ने मीडिया की हिस्सेदारी वाली खबर पर टाटा कंज्यूमर से स्पष्टीकरण मांगा जिस पर कंपनी ने जवाब देते हुए कहा कि वह ऐसी कोई हिस्सेदारी नहीं खरीद रही है।

जानिए हल्कीराम के बारे में

भारत में हल्दीराम की शुरुआत 1937 में एक परिवार द्वारा की गई थी। तब यह एक छोटी सी दुकान हुआ करती थी। गंगाबिशनजी जी अग्रवाल ने बीकानेर में एक छोटे से नाश्ते रूप में दुकान खोली थी। धीरे धीरे अपने मेहनत के बल पर गंगाबिशनजी शहर में भजिया वाले के नाम से मशहूर हो गए और उन्हें हल्दीराम के नाम से जाना जाने लगा। हल्दीराम दुकान का नाम इसलिए रखा गया क्योंकि गंगाबिशनजी अग्रवाल का एक और नाम था।

1941 में मिली कारोबार को उड़ान

1941 में हल्दीराम को बीकानेर और आस-पास जिलों में प्रसिद्धि मिलने लगी। उन्हें इस दौरान दूसरे राज्यों से कई बड़े बड़े ऑर्डर मिलने लगे, जिसके बाद कारोबार में तेजी आने लगी। गंगाबिशनजी अग्रवाल के बाद उनकी अगली पीढ़ी ने कारोबार को संभालना शुरू किया और इसको खाद्य क्षेत्र की भारत की सबसे बड़ी कंपनी बना दी। आज हल्दीराम के देश में कुरकुरे "भुजिया" स्नैक के लिए प्रसिद्ध है। यह मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स पर 10 रुपये से भी कम में बेचा जाता है।

हल्दीराम की नमकीन स्नैक बाजार 13 फीसदी हिस्सेदारी

यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, भारत के 6.2 अरब डॉलर के नमकीन स्नैक बाजार में इसकी लगभग 13% हिस्सेदारी है। लेज़ चिप्स के लिए मशहूर पेप्सी का भी लगभग 13% हिस्सा है। हल्दीराम के स्नैक्स सिंगापुर और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों में भी बेचे जाते हैं। कंपनी के पास स्थानीय भोजन, मिठाइयाँ और पश्चिमी व्यंजन बेचने वाले लगभग 150 रेस्तरां हैं। साल 2019 में हल्दीराम का सालाना रेवेन्यू 7,130 करोड़ रुपये था।

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