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Indiscipline : शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन बड़ा एक्शन, कांग्रेस, शिवसेना, TMC, CPI के 12 सांसद राज्यसभा से निलंबित
आज संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से कृषि कानून वापसी बिल पास करा लिया गया। विपक्ष के हंगामे के बीच तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही राज्यसभा से पास कराया गया।
Indiscipline : आज संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से कृषि कानून वापसी बिल पास करा लिया गया। विपक्ष के हंगामे के बीच तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही राज्यसभा से पास कराया गया। इस मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे से उनके आने वाले दिनों की मंशा भी दिख रही थी। फलस्वरूप राज्यसभा के उपसभापति ने आज कांग्रेस, टीएमसी और शिवसेना के कुल 12 सांसदों को सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया।
ये सांसद हुए सस्पेंड
सदन के पिछले सत्र में अनुशासनहीनता के आरोप में राज्यसभा के जिन 12 सांसदों को निलंबित किया गया है। वो हैं, फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, कांग्रेस पार्टी से। बिनॉय विश्वम सीपीआई से, डोला सेन और शांता छेत्री तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से, प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शिवसेना से। इन सांसदों को वर्तमान सत्र के शेष भाग के लिए निलंबित कर दिया गया है।
क्या हुआ था मानसून सत्र में ?
याद कीजिये ये वही सांसद हैं जिन्होंने मानसून सत्र में भी जमकर बवाल काटा था। वह दिन था 11 अगस्त 2021 का। इस दिन इंश्योरेंस बिल पर राज्यसभा में चर्चा हो रही थी। इसी दौरान राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। संसद के भीतर अजीब हालात बन गए थे। जबरदस्त खींचातानी होने लगी थी। आख़िरकार, मामले को शांत कराने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ गया था, जो अक्सर संसदीय कार्यवाही में देखने को नहीं मिलता है। उस दिन हुए हंगामे पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा था कि 'आज जो कुछ सदन में हुआ है, उसने लोकतंत्र के इस मंदिर को अपवित्र कर दिया है।'
सत्ता पक्ष-विपक्ष थे आमने-सामने
तब इस मामले ने ऐसा जोर पकड़ा था कि दोनों ही पक्ष आमने-सामने आ गए थे। सरकार ने विपक्ष पर आरोप लगाया था, कि उन्हें धमकी दी गई थी कि इंश्योरेंस बिल, ओबीसी बिल सहित कोई अन्य बिल भी पास कराने की कोशिश की गई की गई तो अंजाम भुगतना होगा। तब राज्यसभा में हुए हंगामे पर केंद्र के 8 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। साथ ही, विपक्ष से माफी मांगने को कहा था।
यह कैसा असंसदीय व्यवहार है?
इस एक्शन के बाद शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का बयान आया है जिसमें वो कह रही हैं, सीसीटीवी फुटेज देखें तो यह रिकॉर्ड हो गया है कि कैसे पुरुष मार्शल महिला सांसदों के साथ झड़प कर रहे थे। एक तरफ ये सब और दूसरी तरफ आपका फैसला? यह कैसा असंसदीय व्यवहार है?