लॉकडाउन में रेल पटरियों पर 8700 लोगों की गई जान,ज्यादातर प्रवासी मजदूर

जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक रेल पटरियों पर कुचले जाने से 8733 लोगों की जान चली गई

Rahul Singh Rajpoot
Published By Rahul Singh Rajpoot
Published on: 3 Jun 2021 8:53 AM GMT
पिछले साल करीब 8,700 लोगों की रेल पटरियों पर जान गई
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फाइल फोटो, साभार सोशल मीडिया

क्या आप जानते हैं कि पिछले साल हुए लॉकडाउन में रेल पटरियों पर कुचले जाने से कितने लोगों की मौत हो गई है। जो सरकारी आंकड़े सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में रेलवे बोर्ड ने राज्य पुलिस के हवाले से जानकारी दी है कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक रेल पटरियों पर कुचले जाने से 8733 लोगों की जान चली गई, जबकि 800 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

आरटीआई के जरिए हुआ खुलासा

ये खुसाला मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी के उत्तर में रेवले बोर्ड ने साझा किए हैं। जिसमें 8733 लोग लॉकडाउन के दौरान रेल पटरियों के जरिए अपने घर जाते वक्त हादसे का शिकार हुए।

मृतकों में ज्यादातर प्रवासी मजदूर

जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक मृतक में ज्यादातर प्रवासी मजदूर थे। जो रेल पटरी पर चलकर अपने घर को निकले थे। लेकिन रास्ते में वह दुर्धटना का शिकार हो गए। ये मजदूर पुलिस से बचने और दूरी को कम करने के लिए इस रास्ते को चुना था। क्योंकि रेल मार्ग सड़क की अपेक्षा छोटा माना जाता है। बता दें लॉकडाउन के दौरान केवल मालवाहक रेलगाड़ियों का परिचालन हो रहा था। बाद में रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को लाने-ले जाने के लिए एक मई से श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां चलाई थीं। यात्री सेवाएं चरणबद्ध तरीके से फिर से खोली और प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया गया था।

रेलवे के प्रवक्ता डीजे नारायण का बयान

रेलवे के प्रवक्ता डीजे नारायण ने कहा कि इस तरह की घटनाएं "दुर्घटनाओं के कारण नहीं बल्कि सीमा का उल्लंघन करके इधर उधर चलने के कारण पटरियों पर होती हैं। "यह चिंता का एक विषय है। पटरियों पर चलने से बचने के लिए रेलवे ने हमेशा संवेदनशील बनाने के लिए बड़े प्रयास किए हैं। देश भर में लगभग 70,000 किलोमीटर की रेल पटरियां फैली हुई हैं, जिसमें 17,000 से अधिक पर सभी प्रकार की ट्रेनें दैनिक आधार पर चलती हैं। पटरियों पर मौत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। यात्रियों और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर हमारी चिंता किसी से कम नहीं है। उन्होने ने कहा, "इस तरह की दुर्घटनाएं शायद लापरवाह रोड-क्रॉसिंग के कारण सड़कों पर अधिक होती हैं।

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