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Aaj Ka Mausam : शीतलहर से आज थोड़ी राहत मगर गलन का होगा एहसास, लखनऊ से गोरखपुर तक तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक नीचे
इस समय देश में देश के तीन छोर पर मौसमी सिस्टम बने हुए हैं। पहला, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ पहुंच रहा है। दूसरा, सर्कुलेशन बांग्लादेश और इससे सटे भागों पर बन रहा है, जिसका असर पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत पर दिख सकता है।
Aaj Ka Mausam 22 December 2021 : इस समय देश में देश के तीन छोर पर मौसमी सिस्टम बने हुए हैं। पहला, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) पहुंच रहा है। दूसरा, सर्कुलेशन बांग्लादेश और इससे सटे भागों पर बन रहा है, जिसका असर पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत पर दिख सकता है।और तीसरा, मौसमी सिस्टम अंडमान सागर में है जो काफी मजबूत है। इसका असर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के भागों पर दिखाई दे रहा है। यही आने वाले दिनों में देश की मौसमी हलचल को प्रभावित करेंगे।
Aaj kaisa rahega mausam- भारतीय मौसम विभाग (Bhartiya Mausam Vibhag) के अनुसार, अभी एक मौसमी सिस्टम पश्चिमी विक्षोभ के रूप में देश के उत्तरी भारत के करीब पहुंचा हुआ है, उसका प्रभाव शुरुआत में कुछ ही इलाकों पर दिखाई देगा। लेकिन, दिसंबर का महीना खत्म होते-होते दो और मजबूत मौसमी सिस्टम देश में देखने को मिलेंगे जिसका असर मध्य और पूर्वी भारत तक दिखाई देगा। आज यानी 22 दिसंबर को गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख तथा हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड में कुछ जगहों पर बादल बनने की संभावना है। ऊंचाई वाले उत्तरी हिस्सों में वर्षा या बर्फबारी देखने को मिल सकती है। लद्दाख तथा उत्तराखंड में फिलहाल अगले 24 घंटों में मौसम शुष्क रहेगा। अब, बात मैदानी इलाकों की करें तो, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश ये वो राज्य हैं जहां बीते एक हफ्ते से सर्दी का असर बढ़ता ही जा रहा है। इसकी मुख्य वजह उत्तरी दिशा से ठंडी हवाओं और शीतलहर का चलना है।
22-12-2021 Mausam- राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के वो भाग जो आपस में सटे हुए हैं, वहां बीते कुछ समय ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग (mausam vibhag) की मानें तो इस शहरों में पाला पड़ने की घटनाएं सामने आई हैं। जिससे फसलों को काफी नुकसान भी पहुंचा है। पश्चिमी विक्षोभ के आने से उत्तरी हवाओं का प्रभाव कम हो रहा है। इसी कारण मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट का सिलसिला कुछ समय के लिए थम जाएगा। इसीलिए इन चार मैदानी राज्यों में अब सुबह के समय तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होगी। मतलब, कड़ाके की ठंड से लोगों को राहत मिलने का अनुमान है। आज यानी 22 दिसंबर से मौसमी बदलाव दिखने लगेंगे। उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों की तरफ चलें, तो लखनऊ से लेकर वाराणसी तक और प्रयागराज से गोरखपुर तक, इन सभी इलाकों में पश्चिमी हवाओं का प्रभाव बना रहेगा। यहां कुछ स्थानों पर तापमान काफी कम यानी सामान्य से 2 से 5 नीचे रिकॉर्ड किया जा सकता है। मौसम पूर्वानुमान है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोल्ड डे कंडीशन (Cold Day Condition) देखने को मिल सकती है।
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम का हाल- वहीं, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों में देश के उत्तरी भारत जैसी स्थितियां ही रहेंगी। कोहरा बढ़ने का अनुमान है। बांग्लादेश के ऊपर बने मौसमी सिस्टम के कारण असम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा में कई जगहों पर वर्षा हो सकती है। ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण और गुजरात की बात करें तो इन सभी क्षेत्रों में भी हवाओं का असर रहेगा, तापमान अभी गिरेंगे और तेज सर्दी पड़ेगी। मध्य प्रदेश के कई शहर ऐसे हैं जहां पहाड़ी राज्यों के शहरों से ज्यादा ठंड पद रही है। तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक में मौसम शुष्क रहेगा। आंध्र प्रदेश और रायलसीमा, तमिलनाडु, केरल तथा पुडुचेरी और लक्षद्वीप में भी मौसम शुष्क रहेगा।
ठंड के बढ़ते प्रभाव से बच्चे, बूढ़े और सांस के रोगियों को सावधान रहने की जरुरत है। इन्हें न सिर्फ कोविड के नए संस्करण से बचाव करना है बल्कि शीतलहर के ताजा दौर में अपनी हिफाजत भी करनी है। मौसम विभाग का अनुमान है, कि इस सप्ताह ठंड से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं।
शीतलहर के प्रकोप से दिल्ली जहां कंपकंपा रही है। वहीं, कई अन्य राज्य बुरी तरह पीड़ित हैं। इस दौरान सांस और ठंड जनित बीमारियों के रोगियों से अस्पताल भर गए हैं। हालांकि, मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर नजर डालें तो दिल्ली के लोगों को शीतलहर की स्थिति से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। क्योंकि, तीन पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अगले 10 दिनों तक न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है। मौसम विभाग ने यह भी कहा है, कि अगले दो दिनों तक दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शीतलहर से लेकर गंभीर शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी। हालांकि, इसके बाद तापमान में मामूली बढ़ोतरी की संभावना है। इस बीच, दो पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव में 22 से 25 दिसंबर के बीच पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की भी संभावना है।