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Aaj Ki Good News: भिखारियों के लिए नौकरी, सरकार बनाएगी शेफ, जानिए भारत में भिखारियों की दशा

Aaj Ki Good News : अब भिखारियों को सरकार नौकरी देने की तैयारी में है। इसके लिए उनकी ट्रैनिंग कराई जा रही है।

Akshita
Report AkshitaPublished By Shivani
Published on: 9 Aug 2021 11:33 AM GMT (Updated on: 10 Aug 2021 5:38 PM GMT)
Aaj Ki Good News: भिखारियों के लिए नौकरी, सरकार बनाएगी शेफ, जानिए भारत में भिखारियों की दशा
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Aaj Ki Good News: राजस्थान सरकार अब भिखारियों के पुनर्वास के लिए पूरी तरह से तैयार है। फरवरी 06 ,2021 में सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग का समाज सेवी संस्था या एनजीओ के साथ ज्ञापन हुआ था। पिछले साल से ही इस दिशा में काम करने शुरू कर दिए थे ।पहले सरकार ने शुरुआत राजधानी जयपुर से की थी। पर धीरे - धीरे यह पूरे राज्य को शामिल कर लिया गया।

भिखारियों को नौकरी देगी राजस्थान सरकार

सरकार राजधानी जयपुर को भिखारी मुक्त ( Beggar Free Jaipur ) बनाने की मुहिम शुरू की।एनजीओ के माध्यम से भिखारियों का जीवन स्तर सुधारने का प्रयास किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल ( Master Bhanwar Lal Meghwal ) ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी थी।प्रयोग के तौर पर पहली बार में 100 भिखारियों की देखरेख की जिम्मेदारी एनजीओ को दी गयी। कौशल विकास के जरिए इन भिखारियों को रोजगार के लिए तैयार किया गया।इनके बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा भी दी है रही है।अब ये भिखारी रोजगार के लिए तैयार हो गए हैं। जिन्हें इसी दिशा में गुरुवार को जयपुर में सड़क पर भीख मांगने वाले 60 लोगों को 1 साल की ट्रेनिग देने के बाद रोजगार दिया गया है।


राज्य सरकार के राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम के निदेशक नीरज के. पवन ने सरकार की इस पहल के बारे में बताते हुए कहा कि पुलिस-प्रशासन की तरफ से भिखारियों को सड़क से लाया गया और हमारे केंद्र पर कौशल प्रशिक्षण दिया गया।अब उनको रोजगार मिल गया।

भिखारियों की ट्रेनिंग

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बड़ी संख्या में भिखारी भीख मांगते हुए दिखाई दे जाते हैं। राज्य सरकार ने कई योजनाओं के तहत इनके पुनर्वास के लिए कदम उठाया है। रेस्टोरेंट के मालिकों ने बताया कि इन्हें शुरआत में ट्रेनिंग देने मुश्किल था। लेकिन 15 -20 दिन बाद वे सारे एडजस्ट हो गए हैं ।और अब रोजगार पाकर खुश हैं।

भारत में भिखारियों का आंकड़ाः

भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 4 लाख से ज्यादा भिखारी हैं।इस लिस्ट में टॉप पर पश्चिम बंगाल है।साल 2011 की जनगणना के अनुसार, देशभर में कुल 4,13,670 भिखारियों की संख्या है, जिसमें 2,21,673 पुरुष और 1,91,997 महिला भिखारी हैं. सबसे ज्यादा 81,244 भिखारी पश्चिम बंगाल में हैं।उसके बाद उत्तर प्रदेश में 65,835 ,आंध्र प्रदेश में 30,218, बिहार में 29,723, मध्य प्रदेश में 28,695, राजस्थान में 25,853 और दिल्ली में 2,187 भिखारी हैं जबकि चंडीगढ़ में केवल 121 भिखारी हैं और इसमें सबसे कम भिखारी के मामले में लक्षद्वीप है, जहां सिर्फ 2 भिखारी हैं।

राजस्थान में सबसे पहला भिखारियों के लिए पुनर्वास केंद्र

पिछले साल जयपुर जिला कलक्टर से प्राप्त प्रस्तावों में से महिला समग्र उत्थान समिति बीकानेर का चयन किया गया था। भिखारियों के लिए पुनर्वास केंद्र खुलने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य होगा। सबसे बड़ी बात यह भी है कि पिछले गहलोत सरकार में विधानसभा में भिखारियों और निर्धन व्यक्तियों का पुनर्वास अधिनियम बनाया गया था।अब गहलोत सरकार ही इस अधिनियम को लागू करने के बाद भिखारियों को रोजगार देने में सफल हो पायी है।


भिखारियों के पुनर्वास केंद्र में ये सुविधाएं

संस्था द्वारा पुनर्वास केंद्र में भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों को आवास-भोजन और कपड़े निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध करवाई गयी।पुनर्वास गृह संचालन के लिए संस्था को 2000 रुपये प्रतिमाह प्रति रहवासियों के हिसाब से राज्य सरकार द्वारा अनुदान जारी किया गया था।गहलोत सरकार की इस पहल से निर्धन व्यक्तियों को संबल मिला और अब वहीं, समाज को नई दशा और दिशा मिल पा रही है।

राजस्थान सरकार ने "कौशल वर्धन केंद्र" में 20 सेंटर में 100 लोगो को सिखाया जिसमे अभी 60 पूरी तरह से तैयार हैं।भिखारियों के आवास के साथ ही उन्ही शारिरिक क्रियाओं पर भी बल दिया गया।उन्हें योगा,खेल कूद भी सिखाया जा रहा है।उनकी शिक्षा के अनुसार के भिखारी कंप्यूटर भी सीख रहे हैं।जब इस अभियान की शुरआत की गई। तभी ही नौकरी के लिए आश्वस्त कर दिया गया था।अब सभी भिखारी रोजगार पाकर खुश हैं।इसमे राहस्थान के अलावा 43 भिखारी उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और उड़ीसा राज्यों से हैं।इस अभियान के तहत सभी जिलों ,सभी जगह के भिखारियों को शामिल किया गया था।

क्या भिखारी पढ़े लिखे होते हैं

किये गए सर्वे में 1162 भिखारियों में 5 भिखारी पोस्ट ग्रेजुएट थे जबकि 193 बारहवीं पास थे। 39भिखारी साक्षर थे जबकि 903 असाक्षर थे। 419 को नौकरी नही मिलने पर वे भिखारी बने जबकि 27 पढ़ाई करना चाहते थे।पर ये सभी लोग किसी न किसी तरह से होटल या अन्य कहीं जॉब चाहते थे।जिसे सरकार न समझ और इनका सपना भी पूरा हो रहा है।इससे अनेक अपराधों में अब लगाम लग पायेगी।

Shivani

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