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निर्मला सीतारमण ने कहा- देश के कई जिलों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव, बड़े बैंकों की जरूरत
निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश के कई जिलों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव है।
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के प्रयासों को और बेहतर करें। इस दौरान बैंकों के बारे में उन्होंने बैंकों से कहा कि उनके पास विकल्प है कि वे यह तय कर सकते हैं कि गली-मोहल्ले में छोटे स्तर के मॉडल के जरिये कहां पर बैंकिंग मौजूदगी दर्ज कराने की जरूरत है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश के कई जिलों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में आर्थिक गतिविधियों का स्तर काफी ऊंचा है, लेकिन बैंकिंग उपस्थिति काफी कम है। वे अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के प्रयासों को और बेहतर करें।
डिजिटलीकरण और प्रयासों के खिलाफ नहीं
बैंकिंग सेवा को लेकर उन्होंने बैंकों से कहा कि उनके पास विकल्प है कि वे यह तय कर सकते हैं कि गली-मोहल्ले में छोटे स्तर के मॉडल के जरिये कहां बैंकिंग मौजूदगी दर्ज कराने की जरूरत है। उन्होंने ये भी बताया कि वह डिजिटलीकरण और प्रयासों के खिलाफ नहीं हैं। आज बैंकों का बही-खाता अधिक साफ-सुथरा है। इससे सरकार पर बैंकों के पुनर्पूंजीकरण का बोझ कम होगा।
आगे निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश के कई जिलों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से देश की इकोनॉमी एक नई दिशा की ओर बढ़ रही है और जिस प्रकार इंडस्ट्री नई चीजों को अपना रही है, उससे कई नई चुनौतियां पैदा हुई हैं। इसको देखते हुए भारत को ना सिर्फ ज्यादा संख्या में बल्कि अधिक बड़े बैंकों की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बैंकों को तेज-तर्रार बनने की जरूरत है। उन्हें प्रत्येक इकाई की जरूरत को समझना होगा जिससे 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सके। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हिसाब से भारत को भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की तरह ही चार या पांच अन्य बैंकों की जरूरत है।