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अशरफ गनी ने छोड़ा देश, तालिबान बोला- लोग और पुलिस ना डरे
तालिबान के कब्जे के बाद तालिबान के आगे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी सरकार ने सरेंडर कर दिया है...
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हो गई है। अफगान सरकार ने तालिबान के आगे घुटने टेक दिए हैं। 100 से अधिक दिनों से जारी संघर्ष के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया है। कब्जे के बाद तालिबान के आगे गनी सरकार ने सरेंडर कर दिया है। इसके बाद रविवार को सत्ता सौंपने की पूरी प्रक्रिया चली।
'शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत के जरिए हल हो'
तालिबान के नंबर-2 नेता मुल्ला बरादर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से सत्ता हस्तांतरण के लिए बातचीत करने पहुंचे थे। इससे पहले तालिबान की ओर से कहा गया कि वो शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत के जरिए हल चाहते हैं. देश की जनता को डरने की जरूरत है।
Highlights
- काबुल से 129 यात्रियों को लेकर एयर इंडिया की फ्लाइट AI244 दिल्ली लैंड कर चुकी है।
- तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है, 'तालिबान अगले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण चाहता है'।
- काबुल एयरपोर्ट पर एयर इंडिया की उड़ान की सुरक्षा और बोर्डिंग प्रक्रिया चल रही है। दिल्ली आने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट काबुल से 129 यात्रियों के साथ उड़ान भरेगी।
- Islamic Emirate of Afghanistan' के प्रतीक के तहत डिग्री जारी करना शुरू किया है।
- अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सेना से अपील की है कि काबुल में कानून-व्यवस्था बनाए रखें।
लोग काबुल छोड़ना चाहते हैं
तालिबान की ओर बयान जारी किया गया है कि देश की राजधानी काबुल सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है जहां किसी की जान, संपत्ति और सम्मान को नुकसान नहीं होगा, लेकिन दहशत के बीच लोग काबुल छोड़ना चाहते हैं। काबुल की सड़कें पर भारी जाम लग गया है।
पूर्व सीनेटर का दावा सही साबित हुआ
पाकिस्तान के पूर्व सीनेटर अफरासियाब खट्टक ने दावा किया था कि अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का हाथ है, जिसका समर्थन तालिबानियों को मिला हुआ है. अफरासियाब ने कहा कि आईएसआई तालिबानियों की मदद, अफगानिस्तान को अस्थिर करने में कर रहा है. महज कुछ दिनों के भीतर ही तालिबानी आतंकी काबुल पर भी कब्जा कर लेंगे.