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Afghanistan Crisis: न्यूज ट्रैक की अफगानी छात्रों से खास बातचीत, सुनाई आपबीती
न्यूजट्रैक ने अफगानी छात्र व छात्राओं से उनके परिवारवालों के संबंध में खास बातचीत की, और उनसे तालिबान के बारे में भी पूछा गया..
अफगानिस्तान से भारत के कई अलग-अलग विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राएं स्कॉलरशिप पर पढ़ने के लिए आते हैं। जिनका पूरा खर्च भारत सरकार उठाती है ऐसे ही लगभग 60 से ज्यादा छात्र-छात्राएं लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ऐसे ही कुछ छात्रों से न्यूज़ ट्रैक ने की खास बातचीत। काबुल के रहने वाले मुक्तदिर ने बताया कि वह एक रिसर्च स्कॉलर है और कुछ समय पहले ही लखनऊ विश्वविद्यालय अपनी पढ़ाई पूरी करने आया है। वहीं मुक्तदिर ने बताया कि उसकी मां और उसका बड़ा भाई अफगानिस्तान के काबुल में रहते हैं।
रोजाना फोन पर बातचीत हो जाती है लेकिन मन में डर है क्योंकि तालिबान अपनी जुबान के पक्के नहीं है पहले भी इन्होंने कई वादे किए हैं जिन्हें सरेआम तोड़ा गया। मुक्तदिर ने जानकारी देते हुए हमें बताया कि इस वक्त काबुल में तालिबानी जगह जगह अपने चेकप्वाइंट बनाए हुए हैं। फिलहाल अभी तक काबुल में किसी भी आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया है। लेकिन उनकी मंशा पर जरा भी एतबार नहीं किया जा सकता।
वहीं दूसरे छात्र नेमतुल्लाह अफगानिस्तान के गजनी के रहने वाले हैं। जो लखनऊ विश्वविद्यालय से रिसर्च स्कॉलर है और अपने बीवी बच्चों संग लखनऊ में रह रहे हैं। उनकी मां और भाई काबुल में और अन्य रिश्तेदार व परिजन गजनी में रह रहे हैं। नेमतुल्लाह ने हमें बताया कि वहां के हालात कुछ खास ठीक नहीं है। फिलहाल गनीमत है कि आम व्यक्तियों को अभी उस तरीके से परेशान नहीं किया जा रहा वहीं जो सरकारी मुलाजिम है उन्हें भी काबुल में आने जाने दिया जा रहा है। नेमतुल्लाह ने बताया कि गजनी में रह रहे उसके रिश्तेदार और काबुल में रह रहे भाई व मां को लेकर बहुत चिंतित है। और वह सब ऊपर वालों से रोज यह दुआ करते हैं कि अफगानिस्तान में जल्द से जल्द सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जाए।