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Afghanistan Taliban New Government : भारत ने तालिबान सरकार को बताया महज एक व्यवस्था, इससे ज्यादा कुछ नहीं

Afghanistan Taliban New Government : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को इस बात का एलान कर दिया कि वे तालिबान की नई सरकार को एक व्यवस्था ('डिस्पेंसेशन') से अधिक कुछ नहीं समझते हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 12 Sept 2021 7:59 AM IST
Two plus two meeting between India and Australia
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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई टू प्लस टू मीटिंग (फोटो- सोशल मीडिया)

Afghanistan Taliban New Government : अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार को भारत ने मानने से मना कर दिया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को इस बात का एलान कर दिया कि वे तालिबान की नई सरकार को एक व्यवस्था ('डिस्पेंसेशन') से अधिक कुछ नहीं समझते हैं। इस व्यवस्था में भी सभी वर्गों के शामिल ना होने से परेशान है। साथ ही भारत को अफगानिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के बदहाल स्थिति पर चिंता जाहिर की है।

तालिबान की नई सरकार के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत चाहता है कि अफगानिस्तान की धरती को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल ना किया जाए। इसको लेकर भारत ने ऑस्ट्रेलिया से संयुक्त राष्ट्र के 2593 विधेयक को लागू करने को लेकर चर्चा की है। इस विधेयक के तहत किसी भी देश को आतंकवाद को बढ़ावा देने से रोकने पर जो दिया जाता है।

महिलाओं-अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक

दरअसल शनिवार को दो देशों भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टू प्लस टू मीटिंग हुई। इसके बाद विदेश मंत्री मीडिया कॉन्फ्रेंस की। जिसमें देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरी पायने और रक्षा मंत्री पीटर ड्यूटन भी उपस्थित थे।

जिसमें एस जयशंकर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ टू प्लस टू मीटिंग में अफगानिस्तान में डिंस्पेनशेसन (व्यवस्था) के इनक्लुसिवनेस यानि समावेशीकरण और महिलाओ-अल्पसंख्यकों के हालात पर चर्चा हुई।

वहीं ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरी पायने ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती को आतंकियों की पैदावर के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। अफगानिस्तान में मानवधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।

9/11 हमले के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के आज (शनिवार को) 9/11 हमले की 20वीं जयंती है। ये हमला याद दिलाता है कि हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई भी समझौता नहीं करना चाहिए। भारत तो इसलिए भी नहीं कर सकता है क्योंकि आतंकवाद का केंद्र ('ऐपीसेंटर') हमारे करीब है। वहीं ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मेरी पायने ने भी कहा कि हमारे मित्र-देश ऑस्ट्रेलिया पर हुए 9/11 हमले को हम कभी भुला नहीं सकते।

आपको बता दें कि शनिवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संपन्न हुई पहली टू प्लस टू बैठक में दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने एक साथ बातचीत की। जिसमें अफगानिस्तान प्रमुख मुद्दा रहा बातचीत का। ये बैठक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई थी।






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