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Air Pollution News: वायु प्रदूषण का हाल, उत्तर भारत में जहरीली हवा, दक्षिण में सुकून

Air Pollution News: भारत में गाजियाबाद शहर की हवा देश में सबसे ज्यादा जहरीली है। वहीं, उत्तर भारत में शहरों की हवा इतनी जहरीली हो गई है, कि लोगों को सांस से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जबकि दक्षिण में अमूमन ऐसी कोई समस्या नहीं है।

Neel Mani Lal
Report Neel Mani LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 23 Nov 2021 6:52 AM GMT
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वायु प्रदूषण का हाल: उत्तर भारत में जहरीली हवा, दक्षिण में सुकून। (Photo-Social Media) 

Air Pollution News: भारत के साथ-साथ चीन (China), बांग्लादेश (Bangladesh) और पाकिस्तान (Pakistan) भीषण वायु प्रदूषण (air pollution) से जूझ रहे हैं। अब एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के 100 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में इन्हीं चार देशों के सबसे ज्यादा शहर हैं। भारत में भी गाजियाबाद शहर (air pollution in ghaziabad) की हवा देश में सबसे ज्यादा जहरीली है और वह चीन के होटान शहर (hotan city of china) के बाद दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। सूची में तीसरे पर बुलंदशहर (Bulandshahr), चौथे पर बिसरख जलालपुर (bisrakh jalalpur), पांचवें पर भिवाड़ी (Bhiwadi), छठे पर नोएडा (Noida), सातवें पर ग्रेटर नोएडा (Greater Noida), आठवें पर कानपुर (Kanpur), नवें पर लखनऊ (Lucknow )और 10वें स्थान पर दिल्ली (Delhi) है। लेकिन एक बड़ी बात ये है कि सबसे बुरी हालत उत्तर भारत की है जबकि दक्षिण (South India) में अमूमन ऐसी कोई समस्या नहीं है।

ये जान लीजिये कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि हर साल वायु प्रदूषण (air pollution) से 70 लाख मौतें होती हैं। लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में भारत में 16 लाख 70 हजार लोगों की मौत का कारण वायु प्रदूषण (air pollution) रहा। वायु प्रदूषण (air pollution) व्यक्ति के दिमाग, आंखों, फेफड़ों और दिल पर असर डालता है और इसके कारण कैंसर से लेकर डायबिटीज तक होने का खतरा रहता है।

हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने वाले 'आईक्यू एयर' के अनुसार वर्ष 2020 में 100 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में भारत के 46, चीन के 42, पाकिस्तान के छह, बांग्लादेश के चार तथा इंडोनेशिया और थाईलैंड के एक-एक शहर शामिल थे। इन सभी शहरों में हवा की पीएम 2.5 गुणवत्ता रेटिंग 50 के पार थी। इसका मतलब यहां की हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। दुनिया के सबसे प्रदूषित 10 शहरों में से नौ भारत के हैं।

हवा में पीएम की मौजूदगी खतरनाक

हवा में पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5, पीएम 10, ओजोन, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड और कार्बन मोनोक्साइड के स्तर के आधार पर गुणवत्ता मापी जाती है। पार्टिकुलेट मैटर अत्यंत सूक्ष्म कण हैं जो स्वास्थ्य को अत्यधिक नुकसान पहुंचाते हैं। ये सांस के जरिये फेफड़े में जाते हैं और मौत का कारण भी बनते हैं। हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मौजूदगी को सबसे खतरनाक माना जाता है। इनका कणों का व्यास क्रमश: 2.5 म्यूएम और 10 म्यूएम होता है, जबकि इंसान के बाल का व्यास 50 से लेकर 70 म्यूएम तक होता है। आमतौर पर 50 एक्यूआई से कम हवा को गुड क्वालिटी का माना जाता है, वहीं 50 से 100 तक की हवा को मॉड्रेट और 100 एक्यूआई से ऊपर की हवा को खतरनाक माना जाता है।

दक्षिण भारत में हवा साफ

उत्तर भारत (North India) में शहरों की हवा इतनी जहरीली हो गई है, कि लोगों को सांस से जुड़ी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। सरकारें किसी तरह प्रदूषण (air pollution) कम करने के उपाए सोच रहीं हैं लेकिन प्रदूषण काबू में आने का नाम ही नहीं ले रहा है। जहां दिल्ली (Delhi) और उसके आस पास के इलाकों में इतना प्रदूषण (air pollution)फैला हुआ है, वहीं देश में कई स्थान ऐसे हैं जहां की एयर क्वालिटी इस वक्त बहुत अच्छी है। इन शहरों में प्रदूषण ना के बराबर रहा है। कई शहर ऐसे भी हैं जिनकी एयर क्वालिटी 10 से 20 के बराबर है। तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर (Coimbatore city of Tamil Nadu) की एयर क्वालिटी करीब 18 एक्यूआई है, जो की उत्तर भारत (North India) की जहरीली हवा के मुकाबले बहुत कम है।

मिजोरम की राजधानी आइजोल (Aizawl) में कम जनसंख्या, पहाड़ और हरियाली होने के कारण यहां का वातावरण भारत के सबसे बेहतर वातावरण में से एक है। आइजोल (Aizawl) की एयर क्वालिटी करीब 13 एक्यूआई के आसपास है।

आंध्र प्रदेश के अमरावती शहर (Amaravati city of Andhra Pradesh) की एयर क्वालिटी करीब 23 एक्यूआई के आसपास है, जो खतरे के निशान से काफी कम है। वहीं कर्नाटक के मैसूर शहर (Mysore city of Karnataka) की एयर क्वालिटी रीब 40 एक्यूआई के करीब है, जो उत्तर भारत (North India) के किसी बड़े शहर के मुकाबले बहुत कम है।

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) सबसे कम प्रदूषित राजधानियों में से एक है। यहां की एयर क्वालिटी 38 एक्यूआई के आसपास है। आंध्र (Andhra Pradesh) के बिजनेस कैपिटल विशाखापट्नम (Visakhapatnam) की आबो हवा भी भारत की सबसे साफ हवाओं में से एक है। यहां की एयर क्वालिटी 26 एक्यूआई के आसपास है, जो कि कई प्रदूषित राज्यों से बहुत कम है। यही कारण है कि उत्तर भारत से लोग प्रदूषण के दौरान इन जगहों पर जाकर कुछ बेहतर महसूस कर सकते हैं।

चीन का होटान सबसे अधिक प्रदूषित शहर South

चीन (China) भले ही बहुत आगे निकल चुका है लेकिन प्रदूषण से वह बुरी तरह घिरा हुआ है। 2020 में चीन का होटान (hotan) सबसे प्रदूषित शहर रहा। मेडिकल जर्नल लान्सेट के मुताबिक, 2019 में वायु प्रदूषण के कारण भारत में 16 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई थी। प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन की जगह रसोई गैस का इस्तेमाल बढ़ने से 1990 के बाद घरों में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें कम हुई हैं, लेकिन वातावरण में फैले प्रदूषण तत्व अधिक घातक साबित हो रहे हैं। वाहनों और उद्योगों से निकलने और पराली जलाने से होने वाला धुआं प्रदूषण की मुख्य वजहों में शामिल है।

राजधानी नई दिल्ली (New Delhi) में हवा में पीएम 2.5 का स्तनर WHO के स्वीहकार्य स्तणर से 34 गुना ज्‍यादा है। ठंड में हवा सबसे ज्याषदा जहरीली हो जाती है जब किसान पराली जलाते हैं। पीएम 2.5 पार्टिकल इंसान के फेफड़ों को तबाह करके रख देते हैं।

बनाये जा रहे स्मोग टॉवर

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वाहनों और उद्योगों से निकलने वाला धुंआ और फसलों को जलाया जाना हवा में पीएम 2.5 और अन्यह प्रदूषकों को बढ़ा रहा है। बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अब भारत और चीन के शहरों में स्मोहग टॉवर बनाए जा रहे हैं। दिल्लीन में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऐसे दो टॉवर लगाए गए हैं। ये टॉवर 1 किमी के इलाके में काम करते हैं और दावा किया जाता है कि ये पीएम 2.5 के स्तदर को 50 फीसदी तक कम कर देते हैं। हालांकि ये असल में कितना कारगर होते हैं, ये अभी तय नहीं है ।

दुनिया के 10 शीर्ष प्रदूषित शहर

होटान - 110.2

गाजियाबाद - 106.6

बुलंदशहर - 98.4

बिसरख जलालपुर - 96

भिवाड़ी - 95.5

नोएडा - 94.3

ग्रेटर नोएडा - 89.5

कानपुर - 89.1

लखनऊ - 86.2

दिल्ली - 84.1

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Deepak Kumar

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