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Amarnath Yatra 2021: श्रद्धालूओं के लिए बड़ी खबर, इस बार भी नहीं होगी अमरनाथ यात्रा, ऐसे कर सकेगें दर्शन

Amarnath Yatra 2021: इस बार भी अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) नहीं होगी। बीते साल की तरह ही इस साल भी सिर्फ पारंपरिक पूजा-पाठ ही होगा।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 6 Jun 2021 9:02 AM IST
Amarnath Yatra will not happen this time too, Aarti will be telecast live
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बाबा अमरनाथ यात्रा (फोटो-सोशल मीडिया)

Amarnath Yatra 2021: अमरनाथ यात्रा को श्रद्धालूओं को महीनों से इंतेजार रहता है। ऐसे में इस बार भी अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) नहीं होगी। बीते साल की तरह ही इस साल भी सिर्फ पारंपरिक पूजा-पाठ ही होगा। लेकिन बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा से इस बार भी बाबा बर्फानी की आरती का सीधा प्रसारण किया जाएगा।

महामारी कोरोना वायरस(Corona Virus) के फैलते संक्रमण को देखते हुए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा न कराने का सैद्धांतिक फैसला किया है। ऐसे में आम लोगों की पहुंच से बाहर होने की वजह से हेलिकॉप्टर से यात्रा का प्रस्ताव भी फिलहाल अभी के लिए खारिज कर दिया गया है।

ऐसे होगा पूजन

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण को देखते हुए अमरनाथ यात्रा न कराने का सैद्धांतिक तौर पर फैसला ले लिया गया है। हालांकि, सभी पारंपरिक पूजन पहले ही की तरह होंगे।

इसके साथ ही छड़ी निकलेगी और ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पूजन भी होगा। वैसे इस साल श्राइन बोर्ड ने 28 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू कराने का फैसला किया था। बता दें, पहले दिन उप राज्यपाल एवं अन्य लोग बाबा बर्फानी की पूजा अर्चना करेंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी में बताया कि बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए इस बार हेलिकॉप्टर सेवा श्रीनगर से ही शुरू किए जाने का विकल्प तलाशा जा रहा था। इसके लिए निविदाएं भी आमंत्रित की गई थीं। इसके लिए 31 मई तक तिथि बढ़ाई गई।

वहीं कई इच्छुक कंपनियों का किराया अधिक होने की वजह से इस प्रस्ताव को अब खारिज कर दिया गया है। जिसके चलते बोर्ड प्रशासन ने बाबा के दर से सुबह-शाम की आरती के लाइव प्रसारण के लिए करार कर लिया है। ऐसे में नियमित रूप से पवित्र गुफा से आरती का प्रसारण होगा। जिसके द्वारा बाबा भोले के भक्त देशभर से मां वैष्णो की तरह आरती का लाइव प्रसारण देख सकेंगे।


इस पर श्राइन बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि इस बार अमरनाथ यात्रा न कराने का फैसला कर लिया गया है। चूंकि, अभी कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा है। इस महीने के आखिर तक संक्रमण दर शून्य प्रतिशत तक होने की उम्मीद है।

आगे उन्होंने बताया कि हवाई यात्रा का विकल्प भी काफी महंगा है। इस वजह से वह भी आम श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी नहीं होगा। इन सब वजहों से यात्रा न कराने का निर्णय किया गया है। इस सब के बावजूद गृह मंत्रालय ने यात्रा कराने के लिए कहा तो प्रशासन इसके लिए पूरी तरह तैयार है।

बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए इस बार बोर्ड ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू की थीं। जिसे लेकर उप राज्यपाल और श्राइन बोर्ड के सीईओ की अध्यक्षता में कई बैठकें हो चुकी थीं। अखाड़ा परिषद को भी न्योता देने का फैसला किया गया था। उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार छह लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे।

वहीं कुछ दिन पहले ऑनलाइन यात्रा पंजीकरण भी शुरू किया गया था, लेकिन अप्रैल में संक्रमण बढ़ने पर इसे रोकना पड़ा। दूसरी तरफ अब तक लंगर समितियों को भी इजाजत नहीं दी गई है। लंगर समितियों के संगठन साबलो ने पिछले दिनों एलजी प्रशासन से यात्रा पर जल्द फैसला लेने और समितियों को इजाजत देने का आग्रह किया था।

बाबा अमरनाथ पूर्ण आकार में


ताजा जानकारी देते हुए बता दें, कि बाबा बर्फानी इस साल पूर्ण आकार में है। पवित्र गुफा से हाल के दिनों में वायरल फोटो और वीडियो में बाबा अमरनाथ पूर्ण आकार में दिख रहे हैं। वहीं गुफा के आस पास अभी भी बर्फ जमा है।

कोरोना महामारी की वजह से पहलगाम में अमरनाथ यात्रियों का ट्रांजिट कैंप और सुरक्षा चेक प्वाइंट बिल्कुल शांत सूने पड़े हैं। यहां किसी प्रकार की तैयारी नहीं दिख रही है। न तो रंगरोगन हो रहा है और न ही साफ सफाई।

लेकिन पहलगाम विकास प्राधिकरण (पीडीए) के सूत्रों ने जानकारी दी है कि प्राधिकरण की ओर से पहलगाम ट्रैक से बर्फ हटाई जा रही है। जिससे कि यात्रा भले ही न हो, लेकिन छड़ी तो इसी रास्ते से जाएगी। इसलिए ट्रैक की सफाई जरूरी है।

आगे सूत्रों का ये भी कहना है कि यदि अचानक ही यात्रा शुरू करने की योजना बन गई तो ट्रैक से बर्फ हटाने में काफी मुश्किलें आएंगी। इस वजह से भी सफाई शुरू करना जरूरी है। महामारी कोरोना ने श्रद्धालूओं की आस्था में बाधा बनी, जिससे यात्रा पर रोक लगानी पड़ी।

जहां श्रद्धालू बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए जोरों-शोरों से तैयारियां करने लगते थे, जगह-जगह दान कैंप इत्यादि लगे रहते थे। पहलगाम में हलचल मचने लगती थी, अब सन्नाटा पसरा हुआ है।



Vidushi Mishra

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