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तैयार हो जाएं भोले के भक्त: दो साल बाद कर सकेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन, इस दिन से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा
Amarnath Yatra: श्रद्धालु इस साल बर्फानी बाबा का दर्शन कर सकेंगे। इस साल अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 30 जून को होगी।
Amarnath Yatra: देश-दुनिया के श्रद्धालुओं की इस बार अमरनाथ यात्रा की मुराद पूरी होने वाली है। कोरोना महामारी के कारण दो साल से अमरनाथ की यात्रा स्थगित रही है मगर श्रद्धालु इस साल बर्फानी बाबा का दर्शन कर सकेंगे। इस साल अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 30 जून को होगी और रक्षाबंधन के दिन 11 अगस्त को यह यात्रा संपन्न होगी।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई श्राइन बोर्ड (Shrine Board) की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक अमरनाथ यात्रा के लिए यात्रियों के रजिस्ट्रेशन का काम 11 अप्रैल को शुरू होगा। दो साल स्थगित रहने के कारण इस बार श्रद्धालुओं को अमरनाथ यात्रा का बेसब्री से इंतजार है और माना जा रहा है कि इस बार काफी संख्या में श्रद्धालु बर्फानी बाबा का दर्शन करने के लिए पवित्र गुफा में पहुंचेंगे।
दो साल से स्थगित रही है यात्रा
पिछले साल 2021 में 56 दिनों की अमरनाथ यात्रा का कार्यक्रम घोषित किया गया था मगर बाद में कोरोना के केसों में बढ़ोतरी के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी। 2020 में भी कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालु बर्फानी बाबा का दर्शन नहीं कर सके थे। इससे पहले 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के कदम से ठीक पहले अमरनाथ यात्रा को बीच में ही स्थगित कर दिया गया था।
कोरोना केस घटने के बाद अब देश में सबकुछ सामान्य होता दिख रहा है और ऐसे में इस साल भक्तों की अमरनाथ यात्रा की मुराद भी पूरी हो सकेगी। इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए 43 दिनों के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई है और यह यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगी। जानकारों का मानना है कि यात्रा का आयोजन 2 साल बाद किया जा रहा है। इसलिए इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होना तय है।
रोजाना दस हजार श्रद्धालुओं को अनुमति
श्राइन बोर्ड की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक पहलगाम और बालटाल दोनों यात्रा मार्गों से प्रतिदिन 10,000 श्रद्धालुओं को अमरनाथ यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्री इस संख्या में शामिल नहीं होंगे।
कोरोना महामारी के बाद महामारी के बाद यह पहली अमरनाथ यात्रा होगी और इस दौरान यात्रियों को कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन करना होगा। 13 साल से कम और 75 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गों को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही 6 हफ्ते से ज्यादा प्रेग्नेंट महिलाएं भी अमरनाथ यात्रा नहीं कर सकेंगी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन का काम 11 अप्रैल से शुरू हो जाएगा। जानकारों का मानना है कि इस बार दस लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी व्यापक तैयारियों की रूपरेखा तैयार की गई है। अमरनाथ यात्रियों पर पूर्व में आतंकी हमले हो चुके हैं और इस कारण 250 कंपनियों के एक लाख जवानों को यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात करने की योजना है।
17 हजार फीट की ऊंचाई पर है अमरनाथ गुफा
अमरनाथ गुफा जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित है।। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को 17,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित गुफा में पहुंचना पड़ता है। इस गुफा पर पहलगाम और बालटाल के 2 मार्गों से पहुंचा जा सकता है। पहलगाम वाले मार्ग से करीब 48 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है जबकि बालटाल मार्ग से करीब 16 किलोमीटर की दूरी की खड़ी पहाड़ी पर चढ़कर यहां तक पहुंचा जा सकता है।
यह भी दिलचस्प है कि अमरनाथ गुफा की खोज 1850 में बूटा मलिक नामक एक मुस्लिम गडरिया ने की थी। वैसे इस गुफा का जिक्र 12वीं सदी में लिखी गई चर्चित किताब राजतरंगिणी में भी मिलता है। अमरनाथ यात्रा पर 1990 से 2017 के दौरान कई बार आतंकी हमले हो चुके हैं और इस दौरान 53 श्रद्धालु मारे जा चुके हैं। दो साल से बाबा के भक्तों को दर्शन का इंतजार है और इस बार श्राइन बोर्ड ने बाबा के भक्तों की मुराद को पूरी करने की योजना तैयार कर ली है।