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Amazon vs Future Group: अमेजन ने हमें बर्बाद कर दिया, SC में बोले बिग बाजार वाले फ्यूचर ग्रुप

Amazon vs Future Group: अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच एक बेहद कड़वी और लंबी कानूनी लड़ाई चल रही है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Praveen Singh
Published on: 1 April 2022 7:29 PM IST
Amazon vs Future Group Supreme court
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सुप्रीम कोर्ट (फोटो साभार- Social media)

Amazon vs Future Group: किशोर बियानी (Kishore Biyani Big Bazaar) के बिग बाजार वाले फ्यूचर ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज "अमेजन हमें बर्बाद करना चाहता था, और ऐसा करने में वाफ सफल रहा है। अमेज़न और फ्यूचर ग्रुप के बीच एक बेहद कड़वी और लंबी कानूनी लड़ाई चल रही है। इस बीच फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के सीईओ सदाशिव नायक ने बिना कोई कारण बताए पद से इस्तीफा दे दिया है।

फ्यूचर रिटेल और अमेज़ॅन के बीच कानूनी लड़ाई रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को फ्यूचर ग्रुप की बिक्री को लेकर है। अमेज़न ने 2019 के अनुबंध के उल्लंघन का हवाला देते हुए इस बिक्री पर आपत्ति जताई है और इसे कानूनी पचड़े में फंसा दिया है।

अमेज़न और फ्यूचर ग्रुप के बीच बातचीत विफल होने के बाद कोर्ट में जिरह चल रही है। रिलायंस ने पिछले महीने किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप के सैकड़ों बिग बाजार और एफबीबी स्टोरों को 4800 करोड़ के बकाए किराए के बदले में अधिग्रहित कर लिया था।

धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करते हुए फ्यूचर ग्रुप ने अदालत में कहा कि "1400 करोड़ रुपये के विवादित सौदे के लिए, अमेज़न ने 26,000 करोड़ रुपये की कंपनी को नष्ट कर दिया है। अमेज़न जो करना चाहता था उसमें वह सफल रहा है।

रिलायंस द्वारा अपने स्टोरों के अधिग्रहण का जिक्र करते हुए फ्यूचर रिटेल ने कहा - हम एक धागे से लटके हुए हैं। अब कोई हमारे साथ व्यापार नहीं करना चाहता। जब मकान मालिक बेदखली का नोटिस देता है, तो हम क्या कर सकते हैं? हमने 835 से अधिक स्टोरों का नियंत्रण खो दिया है, शेष 374 स्टोर भगवान भरोसे चल रहे हैं।

इस बीच अमेज़न ने फ्यूचर ग्रुप के दावों की तुलना को हैरतअंगेज बताया है। उसने कहा कि फ्यूचर के पास नकदी न होने और लीज रेंट का भुगतान करने में असमर्थ होने का दावा एक चाल है। और सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के आदेश आने तक फ्यूचर ग्रुप की परिसंपत्तियों के किसी भी अधिग्रहण को रोकना चाहिए। फ्यूचर ग्रुप ने यह कहते हुए जवाब दिया कि वह अपने किराए का भुगतान करने में असमर्थ है और यहां तक कि उसे अपने स्टोर भी बंद करने पड़े हैं। मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।



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