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Amit Shah's Jammu Kashmir Visit: गृह मंत्री अमित शाह की रैली आज, जनता को देंगे संदेश

अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर दूर जम्मू में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली से कई संदेश देने की तैयारी है। नए जम्मू-कश्मीर की तस्वीर पेश करने के साथ अमित शाह देश-दुनिया को 370 का सच भी बताएंगे।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 24 Oct 2021 2:09 AM GMT
Home Minister Amit Shah
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गृह मंत्री अमित शाह। (Social Media)

Amit Shah's Jammu Kashmir Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के 3 दिवसीय दौरे पर हैं। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्‍त किए जाने के बाद यह यहां का उनका पहला दौरा है, जिस दौरान उन्‍होंने इस साल आतंकियों के हमले में शहीद एक पुलिस अधिकारी के परिजनों से मुलाकात की तो घाटी में सुरक्षा हालात की समीक्षा को लेकर एक बैठक की अध्‍यक्षता भी की।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर दूर जम्मू में रविवार को शाह की रैली से कई संदेश देने की तैयारी है। नए जम्मू-कश्मीर की तस्वीर पेश करने के साथ अमित शाह देश-दुनिया को 370 का सच भी बताएंगे।

जम्मू-कश्मीर के विकास और शांति में बाधा उत्पन्न करने के लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर पड़ोसी मुल्क को कड़ा संदेश देंगे। विशेष दर्जे की समाप्ति पर हो हल्ला मचा रहे विपक्षी दलों पर भी वह निशाना साध सकते हैं। रैली के जरिए गृहमंत्री विकास से नाता जोड़ते हुए युवाओं, महिलाओं, शरणार्थियों, किसानों, वाल्मीकि समाज समेत तमाम तबके को यह विश्वास दिलाने की कोशिश होगी कि मोदी सरकार सबका साथ-सबका विकास के मूल मंत्र पर कायम है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर आए अमित शाह का पूरा जोर अनुच्छेद 370 हटाने के फायदे-नुकसान की गणित लोगों को समझाने पर हो सकता है।

वह यह बताने की कोशिश करेंगे कि इस अनुच्छेद की वजह से जम्मू-कश्मीर पिछड़ा रह गया और देश के साथ कदम नहीं मिला सका। कैसे अलगाववादियों ने युवाओं को बेवकूफ बनाते हुए उन्हें पत्थरबाजी व देशविरोधी गतिविधियों की आग में झोंक दिया और अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाते रहे। अलगाववादियों व नेताओं की वजह से बेरोजगारी बढ़ती रही। विकास कार्य ठप रहे।

वहीं, सिक्के का दूसरा पहलु भी दिखाने की कोशिश करेंगे कि 370 हटने के बाद दो सालों में कितना विकास हुआ है। युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खुले हैं। कई परियोजनाएं शुरू हो गई हैं। महिलाओं को उनका हक मिलने लगा है। पंचायतों को उनके अधिकार मिल गए हैं। घाटी में शांति है। पत्थरबाजी थम गई है। अलगाववादी सुर गायब हो गए हैं। तिरंगा अब शान से हर ओर लहराने लगा है। अब युवाओं को अपना उज्ज्वल भविष्य सामने दिख रहा है।

रैली दौरान पाकिस्तान पर साध सकते हैं निशाना

विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान भी निशाने पर रहेगा। जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान और सीमा पार बैठे आकाओं को चेतावनी देकर वे लोगों में राष्ट्रवाद का जोश भरने की कोशिश करेंगे। बॉर्डर इलाके में रहने वाले लोगों के लिए बंकर निर्माण, आरक्षण की बात कर वे भाजपा को सच्चा हितैषी बताने की कोशिश कर सकते हैं।

इसी बहाने वे विपक्षी दलों पर भी निशाना साधेंगे। यह बताने की कोशिश करेंगे कि पिछली सरकारों ने उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, पर असली चिंता मोदी सरकार ने की।

जम्मू-कश्मीर को सौगात की उम्मीद

जानकारों का कहना है कि अमित शाह के पहले दौरे से जम्मू के लोगों को खासी उम्मीदें भी हैं। युवाओं को रोजगार के और अधिक अवसर मुहैया कराने के साथ ही शरणार्थियों को आर्थिक सहायता वितरण में तेजी की आस है। सीमावर्ती लोगों को गोलाबारी के दौरान सुरक्षित ठिकाने के लिए पांच मरला जमीन की घोषणा की भी उम्मीद है। इन लोगों को आस है कि सभा के दौरान अमित शाह कुछ मांगों को लेकर घोषणा भी कर सकते हैं।

Deepak Kumar

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