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शाह के घर पर महिला प्रदर्शनकारियों से बदसलूकी का आरोप,दिल्ली पुलिस की सफाई-ऐसा कुछ नहीं हुआ
Amit Shah Ke Ghar Pe Mahila Pradarshankariyon Se Badsaluki : अमित शाह के आवास पर रविवार को हुए प्रदर्शन को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की महिला कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास (Amit Shah Ke Ghar Pe Mahila Pradarshankariyon Se Badsaluki) पर रविवार को हुए प्रदर्शन को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की महिला कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला कार्यकर्ताओं का कहना है कि शाह के आवास पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी और दुर्व्यवहार किया।
महिला कार्यकर्ता श्रेया ने इस बाबत सोशल मीडिया पर एक ऑडियो भी जारी किया है। कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की ओर से जारी बयान में भी दिल्ली पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए महिला कार्यकर्ताओं के साथ गलत तरीके से पेश आने का आरोप लगाया गया है।
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने आइसा की महिला कार्यकर्ताओं के आरोप को पूरी तरह निराधार और बेबुनियाद बताया है। दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर जसपाल सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने महिला कार्यकर्ताओं के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पर लगाए गंभीर आरोप
दरअसल, आइसा की ओर से लखीमपुर खीरी कांड (lakhimpur kheri violence) और नए कृषि कानूनों के खिलाफ रविवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah Ka Avas) के आवास पर प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। शाह के आवास (Amit Shah Ka Ghar) की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस की ओर से कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। इसी दौरान महिला कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली पुलिस का टकराव हुआ था।
कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की केंद्रीय कमेटी की ओर से इस बाबत जारी बयान में कविता कृष्णन ने आरोप लगाया है कि मौके पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों ने महिला कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी (mahila se badsaluki) की। उन्होंने दो महिला कार्यकर्ताओं के कपड़े उठाने का गंभीर आरोप भी लगाया है। उन्होंने इस बाबत किए गए ट्वीट में शाह को घेरते हुए कहा कि देश की महिलाएं इस बाबत सजा जरूर देंगी।
महिला प्रदर्शनकारी (Mahila Pradarshan) को गलत तरीके से छुआ
आइसा की महिला कार्यकर्ता श्रेया ने इस बाबत एक ऑडियो जारी करते हुए दावा किया कि यह उसी समय का है जब दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोका था। वैसे अभी तक इस ऑडियो की पुष्टि नहीं हो सकी है।
श्रेया ने प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रदर्शनकारी पुरुष कार्यकर्ताओं के साथ भी दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने दुर्व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि आइसा की महिला कार्यकर्ता नेहा तिवारी का मोबाइल उस समय छीन लिया गया जब वे घटना का वीडियो बना रही थीं।
उन्होंने महिला पुलिसकर्मियों पर गलत तरीके से छूने का भी आरोप लगाया। उनका दावा है कि महिला पुलिसकर्मियों के इस दुर्व्यवहार के समय पुरुष पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने हुए थे। श्रेया ने प्रदर्शन के दौरान लगी चोटों के बावजूद चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न कराने का भी आरोप लगाया। उनका यह भी आरोप है कि प्रदर्शनकारियों को इस मामले में शिकायत दर्ज कराने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी गई।
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने आरोपों को निराधार बताया
दूसरी और दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर जसपाल सिंह ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से वही किया गया है जो उनके स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर में है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लगातार प्रदर्शनों का दौर चल रहा है । ऐसे माहौल में दिल्ली पुलिस के अधिकारी और कर्मी पूरी जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पिछले दिनों भाजपा के प्रदर्शन के दौरान भी पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया था। प्रदर्शनकारियों को आवास से 250 मीटर दूर रोककर गिरफ्तार किया गया था। दूसरे स्थानों पर प्रदर्शन के दौरान भी पुलिस ने इसी तरह जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार किया है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अफसर ने कहा कि दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू है। आम तौर पर जंतर मंतर पर ही प्रदर्शन होते रहे हैं । इसीलिए उस इलाके को निषेधाज्ञा से मुक्त रखा गया है। अब वरिष्ठ नेताओं के आवास के बाहर प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है। उन्होंने इस प्रवृत्ति को गलत बताते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस ज्यादा सतर्क रवैया अपनाती है।