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Amrit Mahotsav : नेहरू की तस्वीर गायब होने पर पैदा हुआ विवाद, कांग्रेस हमलावर, राहुल ने उठाए सवाल

Amrit Mahotsav : अमृत महोत्सव के समारोह में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाए जाने पर विवाद पैदा हो गया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shraddha
Published on: 29 Aug 2021 5:57 AM GMT (Updated on: 29 Aug 2021 8:39 AM GMT)
Amrit Mahotsav : नेहरू की तस्वीर गायब होने पर पैदा हुआ विवाद, कांग्रेस हमलावर, राहुल ने उठाए सवाल
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Amrit Mahotsav : आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) के समारोह के पोस्टर से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) की तस्वीर हटाए जाने पर विवाद पैदा हो गया है। भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) की ओर से जारी पोस्टर में पंडित नेहरू को जगह न दिए जाने पर कांग्रेस ने तीखी आपत्ति जताई है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस पर तीखी आपत्ति जताते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।


पार्टी ने इसे भद्दा कदम बताते हुए आईसीएचआर की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी ने इस कदम को लेकर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि पंडित नेहरू की तस्वीर तो हटाई जा सकती है मगर उन्हें लोगों के दिलों से कैसे निकालोगे। कांग्रेस के अलावा शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस ने भी आईसीएचआर के कदम पर आपत्ति जताते हुए इसे छोटी सोच बताया है।

आईसीएचआर के पोस्टर से नेहरू गायब

दरअसल , आईसीएचआर की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के समारोह के सिलसिले में एक पोस्टर जारी किया गया है। इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार बल्लभ भाई पटेल, पंडित मदन मोहन मालवीय, भगत सिंह, राजेंद्र प्रसाद, बीआर अंबेडकर और वीर सावरकर की तस्वीरों को जगह दी गई है मगर पंडित नेहरू गायब है। आईसीएचआर की ओर से उठाए गए इस कदम को लेकर अब खासा विवाद पैदा हो गया है। कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्र सरकार और आईसीएचआर पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस के कई नेताओं ने आईसीएचआर के पोस्टर का स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

आईसीएचआर के पोस्टर से गायब जवाहर लाल नेहरू (फोटो - सोशल मीडिया)


राहुल ने पूछा-लोगों के दिलों से कैसे निकालोगे

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंडित नेहरू की तस्वीर को स्थान न देने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश के प्यारे पंडित नेहरू ने लोगों के दिलों में जगह बनाई थी। उन्होंने फेसबुक पर पंडित नेहरू के जीवन से जुड़ी तमाम तस्वीरें साझा करते हुए सरकार पर हमला भी बोला है। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू की तस्वीर तो हटाई जा सकती है मगर उन्हें लोगों के दिलों से कैसे निकाला जा सकता है।

राहुल गांधी ( फाइल फोटो - सोशल मीडिया)

शशि थरूर ने आईसीएचआर को घेरा


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने भी आईसीएचआर को घेरते हुए कहा कि पंडित नेहरू की तस्वीर हटाकर उसने खुद को कलंकित किया है। उन्होंने कहा कि यह निंदनीय और इतिहास को झुठलाने वाला कदम है। देश की आजादी के संघर्ष में पंडित नेहरू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्हें हटाकर आजादी का जश्न कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कदम के जरिए आईसीएचआर ने खुद अपना नाम खराब किया है। धीरे-धीरे यह आदत बनती जा रही है। कांग्रेस के कई नेताओं ने थरूर के इस बाबत किए गए ट्वीट को रिट्वीट किया है।

कई अन्य नेताओं ने भी जताई आपत्ति

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने भी पंडित नेहरु की तस्वीर हटाए जाने पर तीखी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अपने पहले प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाने वाला कदम नहीं उठाएगा मगर अपने देश में यह काम भी किया गया। उन्होंने इस कदम को तुच्छ और अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आईसीएचआर की ओर से पंडित नेहरू और अबुल कलाम आजाद की तस्वीरों को हटाया जाना बहुत छोटी सोच और अन्याय से भरा हुआ कदम है।

उन्होंने यह मुद्दा उठाते हुए संघ पर भी हमला बोला है। गोगोई ने कहा कि देश इस बात को कभी नहीं भूल सकता कि संघ ने आजादी के संघर्ष से दूर रहने का फैसला लिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आईसीएचआर के कदम को भद्दा करार दिया है।


कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव से पंडित नेहरू की तस्वीर हटा देने से उनकी शख्सियत कमजोर नहीं हो जाती। इस कदम से पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पंडित नेहरू के विरासत से कितना डरते हैं। पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है।

तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना ने भी किया विरोध

कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस ने भी आईसीएचआर के इस कदम पर आपत्ति जताई है। पार्टी के नेता साकेत गोखले ने कहा कि पीएम मोदी को पता है कि वे कोई भी विरासत छोड़कर नहीं जाएंगे। इतिहास उन्हें कमजोर और अहंकारी व्यक्ति के रूप में ही याद रखा जायेगा । उन्होंने देश को बेचने और बर्बाद करने की कोशिश की है। पंडित नेहरू और मौलाना आजाद को मिटाने के लिए मोदी जी बहुत छोटे हैं।

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी आईसीएचआर के कदम पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव तभी मनाया जा सकता है जब इसमें सभी की भूमिका को स्वीकार किया जाए।


ट्विटर पर भी यह मुद्दा काफी गरमाया हुआ है कई लोगों ने इस मामले में कांग्रेस का पक्ष लिया है तो कई लोगों ने कांग्रेस की आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा है कि पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन के दौरान भी पंडित नेहरू के योगदान को याद किया था।

आईसीएचआर और भाजपा का जवाब

इस बाबत आईसीएचआर के अध्यक्ष ओम जी उपाध्याय ने एक चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि इस विवाद में कोई दम नहीं है क्योंकि आईसीएचआर का इरादा किसी को कमतर साबित करने का नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने आजादी के लडाई से जुड़े उन व्यक्तित्वों को स्थान देने की कोशिश की है जिनके योगदान को अभी तक ज्यादा महत्व नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि अभी पोस्टर में सिर्फ 8 लोगों को जगह दी गई है मगर जब 16 या 24 चेहरे सामने आएंगे तो उसमें नेहरू भी शामिल हो सकते हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री बी मुरलीधरन ने भी पीएम मोदी के लाल किले के संबोधन की याद दिलाते हुए कांग्रेस को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने खुद पंडित नेहरू को याद किया था तो इस तरह का विवाद पैदा करने की क्या जरूरत है।

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