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Fourth Wave Of Coronavirus: जून में कोरोना की चौथी लहर का अंदेशा, हो जाएं सावधान
Fourth Wave Of Coronavirus: एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस (Coronavirus history) अभी खत्म नहीं हुआ है और यह कुछ ही महीनों में यानी की जून तक एक नई लहर (coronavirus update) लेकर आयेगा। और इसके लिए लोगों को तैयार रहना चाहिए।
New Delhi: भारत में कोरोना महामारी (corona epidemic in india) की तीसरी लहर (third wave of corona) लगभग खत्म हो गई है, केस घटते जा रहे हैं और मौतें भी काफी कम हो गईं हैं। लगभग सभी राज्यों में कोरोना से जुड़ी सभी पाबंदियां हटा ली गई हैं। लोग तो पहले से ही बेपरवाह थे और अब तो किसी में कोई फ़िक्र नहीं दिखती है। लेकिन एक्सपर्ट्स ने कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus history) अभी खत्म नहीं हुआ है और यह कुछ ही महीनों में एक नई लहर (coronavirus update) लेकर आयेगा। और इसके लिए लोगों को तैयार रहना चाहिए।
आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में जून के मध्य में कोरोना की चौथी लहर (fourth wave of coronavirus) आने की आशंका है। आईआईटी कानपुर के गणित विभाग के सबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने जिम्बाब्वे के आंकड़ों के आधार पर भारत के लिए चौथी लहर का अलर्ट जारी किया है। इसके अनुसार जून में चौथी लहर शुरू होगी, अगस्त में यह पीक पर पहुंचेगी और अक्टूबर में कमजोर पड़ेगी। यानी कुल चार महीने तक इसका प्रकोप रहेगा, ये अनुमान गणितीय कैलकुलेशन (mathematical calculation) पर आधारित है और इसमें मेडिकल पहलुओं का कोई समावेश नहीं है।
ऐसे में चौथी लहर का लोगों की सेहत पर क्या असर होगा, ये अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। सिर्फ एक अटकल है कि यह तीसरी लहर की तरह ही कमजोर होगी। चूँकि देश में व्यापक वैक्सीनेशन हुआ है, बूस्टर लग रहे हैं और बच्चों को भी वैक्सीन लग रही है सो व्यापक रूप से लोगों के बीमार पड़ने की आशंका कम ही है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना ओमीक्रान वेरियंट (corona omicron variant symptoms) अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेटेड वेरियंट है जिसका दुनिया ने सामना किया है। अपने स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक म्यूटेशन के साथ यह वेरियंट चिंता का कारण बना है। लेकिन अगली लहर में कौन सा म्यूटेशन किस तरह का वेरियंट लायेगा ये कहा नहीं जा सकता। कोरोना टास्क फोर्स टीम के विशेषज्ञों के अनुसार, ओमीक्रान का बीए1 या बीए2 सब वेरियंट मामलों में नया उछाल नहीं लायेंगे। बल्कि चौथी लहर कोई नया वेरियंट लायेगा।
तीसरी बार की कोरोना लहर की भविष्यवाणी
यह तीसरी बार है जब आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने देश में कोरोना की लहर की भविष्यवाणी की है। उनकी भविष्यवाणियां, विशेष रूप से तीसरी लहर के बारे में लगभग सटीक रही हैं। ये रिसर्च आईआईटी कानपुर के मैथमैटिक्स एंड स्टैटिस्टिक डिपार्टमेंट के एसपी राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने की थी। अपनी भविष्यवाणी के लिए टीम ने सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग करते हुए कहा कि कोरोना की चौथी लहर कोरोना महामारी की शुरुआत (When did COVID pandemic start) के करीब 936 दिन बाद आ सकती है।
हांगकांग में रिकार्ड संख्या में मौतें
भारत और तमाम अन्य देशों में कोरोना का प्रकोप भले ही काफी कम पड़ गया है लेकिन हांगकांग में हालात विषम बने हुए हैं। वहां कोरोना से इतने लोगों की मौत हो गई है कि अस्पतालों और मुर्दाघरों में लाशों को रखने के लिए जगह कम पड़ रही है। संक्रमण के मामलों और संक्रमण से मरने वालों की संख्या रिकॉर्ड स्तरों को छू रही है। हांगकांग के पब्लिक डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख टोनी लिंग ने बताया है कि पूरे शहर के अस्पतालों में दर्जनों लाशें मुर्दाघरों तक पहुंचाए जाने का इंतजार कर रही हैं। मानव संसाधनों और भंडारण क्षमता की इतनी कमी है कि इन लाशों को पहुंचाए जाने में अभी और समय लगेगा।
2020 में महामारी की शुरुआत से लेकर अभी तक हांग कांग में कोरोना वायरस की वजह से 600 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। यह संख्या इसी तरह के दूसरे बड़े शहरों के आंकड़ों के मुकाबले कम ही है। लेकिन अब यह संख्या बढ़ती जा रही है। बीते रविवार को एक ही दिन में 83 लोगों की मौत हो गई है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। पिछले एक सप्ताह में करीब 300 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से अधिकांश लोगों ने टीका नहीं लगवाया था।
हांगकांग में ऐसे बुजुर्ग बड़ी संख्या में हैं जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। कई लोगों ने दुष्परिणामों की वजह से टीका नहीं लगवाया तो कई लोगों ने 2021 में वायरस को नियंत्रण में रखने में हांगकांग की सफलता की वजह से नहीं लगवाया। हांगकांग की आबादी करीब 74 लाख है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इसी तरह कोविड से मौतों का सिलसिला चलता रहा तो मई के मध्य तक मरने वालों की कुल संख्या 3,206 हो जाएगी। 2020 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हांगकांग में हर महीने औसतन 4,000 लोगों की मौत हो जाती है।
दुनिया में सबसे कड़े नियम
हांगकांग ने बड़ी सख्ती से जीरो कोरोना वायरस नीति (zero corona virus policy) लागू की है जिसका उद्देश्य चीनी मैनलैंड की तरह ही हर प्रकोप पर नियंत्रण पाना है। इस नीति के तहत हांगकांग में महामारी की शुरुआत के मुकाबले अभी बेहद कड़े कदम लागू किए हुए हैं। यहां पहले से ही जो नियम लागू थे वो दुनिया में सबसे कड़े थे और धीरे धीरे नए नियमों को भी जोड़ा गया। शहर में अभी तक संक्रमण के कुल 1,71,000 मामले सामने आए हैं। इनमें से करीब 1,60,000 मामले फरवरी के बाद से ओमीक्रान वेरिएंट की वजह से सामने आए हैं।
पहले मरने वालों के बारे में विस्तृत जानकारी भी आसानी से उपलब्ध नहीं थी, लेकिन हाल के दिनों में यह स्थिति बदली है और सरकार ने बताया है कि मरने वालों में अधिकांश लोगों ने टीका नहीं लगवाया था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हांगकांग की सरकार को महामारी पर नियंत्रण पाने को अपने "मुख्य मिशन" बनाने के लिए कहा है। इसके बाद चीनी अधिकारियों ने भी हांगकांग सरकार की मदद करना शुरू कर दिया है।
डब्लूएचओ का बयान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के प्रमुख ने कहा है कि अगर दुनिया के लगभग 70 प्रतिशत लोगों को टीका लगाया जाता है, तो इस साल महामारी का तीव्र चरण समाप्त हो सकता है। संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस (Director General of the organization Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि - हमारी उम्मीद है कि इस साल इस महामारी का तीव्र चरण समाप्त हो जाएगा। निश्चित रूप से एक शर्त के साथ कि इस साल जून-जुलाई तक 70 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त किया गया है।
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