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भागवत के बयान पर पलटवार: असदुद्दीन ओवैसी बोले- ''ये नफरत हिंदुत्व की देन है''
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लिखा कि भागवत ने कहा लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे।
नई दिल्ली: RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) द्वारा रविवार को धर्म और लिंचिंग को लेकर दिए गए बयान पर अब बहस शुरू हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सोमवार यानी आज सुबह मोहन भागवत के बयान पर अपनी प्रतिक्रया दी है। ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लिखा कि भागवत ने कहा लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ओवैसी ने लिखा कि ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है। केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है।
ओवैसी ने कहा कि कि आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि "क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?" कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है, मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।
दिग्विजय सिंह ने भी उठाये सवाल
मोहन भागवत के बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Congress leader Digvijay Singh) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे? यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो भाजपा में वे सब नेता जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें।
क्या कहा था RSS प्रमुख ने?
आपको बता दें कि रविवार को एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि यदि कोई हिन्दू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वो हिन्दू नहीं है। गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिन्दुत्व के खिलाफ हैं। ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए। इसके अलावा मोहन भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो। उन्होंने लिंचिंग को लेकर कहा कि इसमें शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं और लोकतंत्र में हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है। हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है क्योंकि वे अलग नहीं बल्कि एक हैं। उन्होंने कहा था कि पूजा करने के तरीके को लेकर लोगों के बीच अंतर नहीं किया जा सकता।