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ASEAN Summit : आतंकवाद और कट्टरपंथ दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने आतंकवाद और कट्टरता को शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 16 Jun 2021 1:07 PM IST (Updated on: 16 Jun 2021 1:08 PM IST)
ASEAN Summit : आतंकवाद और कट्टरपंथ दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा- राजनाथ सिंह
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आसियान समिटि को संबोधित करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सोशल मीडिया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद और कट्टरता को शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है। राजनाथ सिंह ने कहा देशों की क्षेत्रीय अखंडता और सम्प्रभुत्ता, संवाद के जरिए विवादों के शांतिपूर्ण समाधान तथा अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के अनुपालन के आधार पर इस क्षेत्र को मुक्त, खुला और समावेशी बनाने का आह्वान किया। डीएमएम-प्लस आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संघ) के 10 देशों और उसके आठ वार्ता सहयोगियों भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और अमेरिका शामिल हैं।

आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत की अवधारणा 'वसुधैव कुटुंबकम' है। पूरी दुनिया एक परिवार है। ये और प्रासंगिक हो गई है। वर्तमान क्षेत्रिय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा माहौल को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के सामने नई चुनौतियां पैदा हो गई हैं। उन्होंने कहा भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी व्यवस्था का आह्वान करता है जो राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर आधारित हो और विवादों का समाधान अंतर्राष्ट्रीय नियमों और कानूनों के माध्यम से बातचीत से शांतिपूर्वक हो। रक्षामंत्री ने कहा कि, दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के साथ भारत का जुड़ाव नवंबर 2014 में पीएम मोदी द्वारा घोषित 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' पर आधारित है। इस नीति के महत्वपूर्ण तत्व आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक संबंध बढ़ाना और इंडो पैसिफिक क्षेत्र के देशों के साथ रणनितिक संबंध स्थापित करना है।

रक्षा मंत्री ने कहा, ''भारत आतंकवाद के बारे में वैश्विक चिंताएं साझा करता है और यह मानता है कि जब आतंकवादियों के बीच गठजोड़ चिंताजनक स्थिति तक पहुंच रहा है तो केवल सामूहिक सहयोग से ही आतंकी संगठन और उनके नेटवर्कों को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सकता है, दोषियों की पहचान की जा सकती है और उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हिंद-प्रशांत के बारे में उन्होंने देशों की क्षेत्रीय अखंडता और सम्प्रभुत्ता, संवाद के जरिए विवादों के शांतिपूर्ण समाधान तथा अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के अनुपालन के आधार पर इस क्षेत्र को मुक्त, खुला और समावेशी बनाने का आह्वान किया।

इस दौरान राजनाथ सिंह ने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि सामूहिक रूप से हमारे सामने जो चुनौती है वह है- कोविड-19। रक्षा मंत्री ने कहा कि वायरस अपने रूप बदलता है और इसके नए-नए वैरिएंट सामने आते रहते हैं, जिसने हमारी चिकित्सा प्रक्रिया को सीमा तक धकेल दिया है।




Rahul Singh Rajpoot

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