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Assam-Mizoram Border Clash: असम की नाकाबंदी से मिजोरम में सामान की कमी
असम ने सीमावर्ती इलाकों में मिजोरम के लिए ब्लॉकेड लगा दिए हैं। इससे मिजोरम में जरूरी सामान की कमी पड़ने लगी है...
Assam-Mizoram Border Clash: 26 जुलाई को हुई हिंसक झड़प के बाद से असम और मिजोरम के बीच तनाव जारी है। असम ने सीमावर्ती इलाकों में मिजोरम के लिए ब्लॉकेड लगा दिए हैं। नतीजा ये हो रहा है कि मिजोरम में जरूरी सामान की कमी पड़ने लगी है। लोगों को पेट्रोल-डीजल भी एक लिमिट में ही दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, पेट्रोल-डीजल के लिए जिले के डिप्टी कमिश्नर की अनुमति भी लेनी होगी।
मिजोरम में दोपहिया गाड़ियों को अभी हर दिन 3 लीटर पेट्रोल या डीजल ही दिया जा रहा है। इसके अलावा मीडियम प्राइवेट गाड़ियों के लिए 5 लीटर की लिमिट तय कर दी गई है। इस बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने इसकी जानकारी केंद्र सरकार को दी है। जोरामथंगा ने कहा, 'असम ने मिजोरम के खिलाफ नाकेबंदी कर दी है।केंद्र सरकार को तुरंत इसमें दखल देना चाहिए, ये दूसरा बर्लिन नहीं बनना चाहिए।'
मिजोरम सरकार शांति से सुलझाना चाहती है मामला
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने कहा कि मिजोरम सरकार चाहती है कि असम के साथ अंतर्राज्यीय सीमा मुद्दे को शांति और समझ के माहौल में सुलझाया जाए। इसके लिए, हम असम राज्य से विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल वातावरण बनाने का आह्वान करते हैं।
असम सरकार ने कहा मिजोरम के लोग हमे धमकाते हैं
वहीं, असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि एक वीडियो फुटेज में मिजोरम के लोग हमें धमकाते दिख रहे हैं और वे हथियारों से भी लैस हैं। इसलिए हमने अपने नागरिकों को मिजोरम न जाने की एडवाइजरी जारी की है। यदि इसके बावजूद कोई वहां जाता है तो हम उसकी जिम्मेदारी नहीं लेंगे।
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लगाए एक दूसरे पर आरोप
इससे पहले मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और एक-दूसरे की पुलिस को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। दोनों ने केंद्र से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा से बात की है और उनकी पुलिस शांति बनाए रखेगी।
जोरामथांगा ने असम पुलिस पर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के आरोप लगाए जबकि असम की पुलिस ने दावा किया कि मिजोरम से बड़ी संख्या में ''बदमाशों'' ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमला किया।