Assam-Mizoram Border Dispute: गोलाबारी कर रहे उपद्रवी, CRPF से लेकर गृहमंत्री तक तनाव पर काबू पाने में जुटे

Assam-Mizoram Border Dispute : असम-मिजोरम सीमा विवाद के बाद सीआरपीएफ की 4 टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की।

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Report AkshitaPublished By Shivani
Published on: 27 July 2021 9:01 AM GMT
Assam-Mizoram Border Dispute: क्या है असम-मिजोरम सीमा विवाद, यहां जानें कारण
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सीमा पर हुई झड़प का दृश्य (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Assam-Mizoram Border Dispute: असम-मिजोरम सीमा विवाद में सोमवार को हिंसा के दौरान असम पुलिस के छः जवानों की मौत के बाद तनाव बढ़ गया है। दोनों ही राज्य एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। जिस क्षेत्र में हिंसा हुई वहां, सीआरपीएफ की 4 टीमों ने पहुंच कर मोर्चा संभाल लिया है। हालात को देखते हुए 6 टीमों को तैयार रहने को कहा गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और तनाव कम करने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए। वहीं असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने इस हिंसा में जान गंवाने वाले 5 पुलिसकर्मियों को सिलचर जाकर श्रद्धांजलि दी, तो वहीं घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की।

असम -मिजोरम सीमा पर हिंसा के बाद ट्वीट पर भिड़े दोनो सीएम

दरअसल, बीते दिन असम -मिजोरम की सीमा पर गोलाबारी हो गई। घटना कछार जिले में हुई जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हुए है। इस बीच दोनो राज्यों के बीच ट्वीट के ज़रिए विवाद देखा गया। मिजोरम में मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए और केंद्रीय मंत्री अमित शेष से विवाद रुकवाने की अपील की, तो वहीं असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वारमा ने वीडियो पोस्ट कर जोरामथांगा को टैग किया और लिखा कि आपके राज्य के पुलिस अफसर हमारे राज्य के अधिकारियों को पोस्ट से हटने के आइये धमका रहे हैं। ऐसे हालात में सरकार कैसे चलेगी। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब इन दो राज्यों के बीच सीमा विवाद भड़का है.इस विवाद की जड़ 146 साल गहरी है।

पिछले साल अक्टूबर में भी असम और मिजोरम के लोगों के बीच झड़पें हुई थीं। एक ही हफ्ते के अंदर दो बार झड़पों में तब कई लोग घायल हुए थे और झोपड़ियां व दुकानें जला दी गई थीं.

क्या है असम-मिजोरम का विवाद? (kya Hai Assam Mizoram Vivad)

असम और मिजोरम की सीमाओं पर विवाद कुछ क्षेत्र को लेकर है जिसे दोनों तरफ के लोग अपना बताते हैं. असम और मिजोरम की सीमा लगभग 165 किलोमीटर लंबी है. लेकिन ब्रिटिश युग में मिजोरम का नाम लुशाई हिल्स हुआ करता था और यह असम का एक जिला था.
विवाद की जड़ में 146 साल पुराना एक नोटिफिकेशन है. 1873 के बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन एक्ट के तहत 1875 में एक नोटिफिकेशन जारी हुआ. इस नोटिफिकेशन में लुशाई हिल्स को कछार के मैदान से अलग किया गया. फिर 1933 में एक और नोटिफिकेशन जारी कर लुशाई हिल्स और मणिपुर के बीच की सीमा भी अंकित की गई.
लेकिन दोनों नोटिस सीमा को अलग-अलग दिखाते हैं। मिजोरम के लोगों का मानना है कि सीमाओं को 1875 के नोटिफिकेशन के आधार पर तय किया जाना चाहिए। मिजो नेता यह तर्क देते रहे हैं कि 1933 का नोटिफिकेशन मान्य नहीं है क्योंकि उसके लिए मिजो समुदाय से विचार-विमर्श नहीं किया गया था।

उधर असम सरकार 1933 का नोटिफिकेशन मानती है. इस कारण विवाद है. और यह विवाद यदा-कदा उबलता रहता है. फरवरी 2018 में भी इस सीमा को लेकर हिंसा हो चुकी है. तब मिजोरम के प्रभावशाली छात्र संगठन मिजो जिरला पॉल (MZP) ने किसानों के लिए जंगल में एक विश्राम घर बना दिया था.
असम के अधिकारियों ने कहा कि विश्राम घर असम की जमीन पर बना था. इसलिए पुलिस और वन विभाग ने उसे तोड़ दिया. तब मिजो छात्र संगठन और असम के कर्मचारियों के बीच हिंसक झड़पें भी हुईं.

अब क्या हुआ?

मिजोरम के कोलासिब जिले के तत्कालीन उपायुक्त एच लालथंगलियाना ने 2020 में इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया था कि कुछ साल पहले दोनों राज्यों के बीच एक समझौता हुआ था जिसमें साझा क्षेत्र यानी नो मैन्स लैंड पर यथास्थिति बनाए रखने पर सहमति बनी थी. लेकिन असम के अधिकारी दावा करते हैं कि जिस इलाके को लेकर विवाद है वह असम की सीमा में है न कि नो मैन्स लैंड में।
इस साल जून में कुछ लोगों ने सीमांत इलाके में दो खाली पड़े घर फूंक दिए. इसके बाद तनाव बढ़ गया. जुलाई की शुरुआत में दोनों राज्यों ने एक दूसरे पर कोलासिब जिले में सीमा लांघने का आरोप लगाया. असम ने कहा कि मिजोरम के लोग असम की सीमा के 10 किलोमीटर अंदर आकर हेलाकांडी में खेती कर रहे हैं. असम के कछार जिले की पुलिस ने वैरेंगटे गांव के आसपास अपने जवान तैनात कर दिए और 29 जून को वहां से मिजो लोगों को हटाकर इलाके पर कब्जा कर लिया.
मिजोरम के कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक वनलालफाका राल्टे ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि यह हमला है. उन्होंने कहा, "यह पड़ोसी राज्य द्वारा सीधा हमला है क्योंकि वह इलाका मिजोरम का है. स्थानीय किसानों को वहां से भगाया गया."

शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद पर बात की और उनसे विवाद का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने को कहा। सूत्रों ने बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा के साथ टेलीफोन पर अलग-अलग बातचीत के दौरान शाह ने उनसे अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा।
गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि सीमा विवाद को आपसी सहमति से हल करें। दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री को आश्वासन दिया है कि शांति सुनिश्चित करने और सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। सूत्रों ने कहा कि दोनों राज्यों के पुलिस बलों के विवादित स्थल से लौटने की उम्मीद है। असम के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि कछार जिले में अंतरराज्यीय सीमा पर मिजोरम से उपद्रवियों की गोलीबारी में असम पुलिस के पांच जवान शहीद हो गए।
Shivani

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