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Assam-Mizoram Border Dispute: असम की एजवाइजरी पर कांग्रेस भड़की, बोली- मोदी है तो सबकुछ मुमकिन
Assam-Mizoram Border Dispute: असम सरकार की ओर से अपने नागरिकों को मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी गई है। इस पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।
Assam-Mizoram Border Dispute: असम और मिजोरम के बीच सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति शांतिपूर्ण तो बनी हुई है मगर दोनों पक्षों की ओर से तीखी बयानबाजी के कारण तल्खी में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आई है। भविष्य में हिंसा की किसी भी घटना को रोकने के लिए लैलापुर में दोनों राज्यों की सीमा पर केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी गई है।
इस बीच असम सरकार की ओर से अपने नागरिकों को मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी गई है। इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब किसी भी राज्य ने अपने नागरिकों को दूसरे राज्य में न जाने की सलाह दी है। असम की सलाह के बाद कांग्रेस (Congress) ने मोदी सरकार (Modi government) पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने कहा कि मोदी है तो यही मुमकिन है।
पहली बार जारी हुई ऐसी एडवाइजरी
केंद्र सरकार की ओर से दोनों राज्यों के बीच शांति स्थापित करने की कवायद के बावजूद तल्खी कम होती नहीं दिख रही है। असम के गृह सचिव एमएस मनिवनन्न ने असम के लोगों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि हाल में हुई हिंसक घटनाओं को देखते हुए असम के लोगों को नौकरी, कामकाज या किसी अन्य सिलसिले में मिजोरम जाने से परहेज करना चाहिए।
मौजूदा हालात में वहां की यात्रा करना सुरक्षा के नजरिए से उचित नहीं है। असम के गृह सचिव की ओर से जारी इस एडवाइजरी पर विवाद पैदा हो गया है। जानकारों का कहना है कि शायद यह पहला मौका है जब देश के ही किसी राज्य ने किसी दूसरे राज्य के खिलाफ इस तरह की एडवाइजरी जारी की है।
अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा असम
असम और मिजोरम की सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद असम की ओर से अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। कछार के जिलाधिकारी ने जिले के लोगों को सीमा की ओर जाने से रोक दिया है और इस बाबत कड़ी निगरानी की जा रही है। उनका कहना है कि कुछ स्थानों पर विभिन्न संगठनों की ओर से आर्थिक नाकेबंदी की कोशिश जरूर की गई है मगर इसका आंशिक असर ही दिख रहा है।
असम ने फिर लगाया मिजोरम पर आरोप
उधर असम के मंत्री अशोक सिंघल ने आरोप लगाया कि सीमा पर विवादित क्षेत्र में स्थापित चौकी से मिजोरम ना अभी तक अपने पुलिस बल को नहीं हटाया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद हमने फौरन अपनी चौकी सीआरपीएफ को सौंप दी है जबकि मिजोरम सरकार की ओर से अपने पुलिस बल को नहीं हटाया गया है। सिंघल ने सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का दौरा करके घायलों का हालचाल पूछा। उन्होंने 35 पुलिसकर्मियों और दो नागरिकों को एक-एक लाख का चेक भी सौंपा।
केंद्र से दखल देने की मिजोरम की मांग
दूसरी और मिजोरम सरकार ने असम के साथ चल रहे सीमा विवाद के मामले में एक बार फिर केंद्र सरकार से दखल देने का अनुरोध किया है। मिजोरम के गृह सचिव का कहना है कि कई संगठनों के आह्वान के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 306 को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया गया है। इस कारण मिजोरम में यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया है। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि जरूरी सामानों और यात्रियों की आवाजाही के लिए केंद्र सरकार को तत्काल इस मामले में दखल देना चाहिए। मिजोरम की नाकेबंदी को तत्काल खत्म किया जाना जरूरी है और इसके लिए केंद्र सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
इस बीच मिजोरम के डिप्टी सीएम तवनलुइया ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री के जमीन पर कब्जा करने के आरोपों में किसी भी प्रकार का कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि असम की ओर से कोर्ट में मामला ले जाने की धमकी दी जा रही है मगर मिजोरम भी इस मामले में किसी भी मुकदमे का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा
असम सरकार की ओर से जारी किए गए परामर्श पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि यह देश के लिए काफी शर्मसार करने वाला दिन है क्योंकि पहली बार किसी राज्य ने अपने राज्य के लोगों को दूसरे राज्य में न जाने की सलाह दी है। कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह शर्मनाक है कि एक राज्य को दूसरे राज्य के संबंध में इस तरह की एडवाइजरी जारी करनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि देश में जब प्रधानमंत्री के पद पर नरेंद्र मोदी बैठे हों तो यह सबकुछ संभव है। उन्होंने कहा कि जब मोदी है तो यही मुमकिन है। सुरजेवाला ने कहा कि सवाल यह भी है कि क्या ऐसे माहौल में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को अपने पद पर बने रहने का अधिकार है? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को इस बाबत जवाब देना चाहिए।
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