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Assembly Elections 2022: यूपी से लेकर पंजाब तक जारी है दलबदल का खेल, इन नेताओं ने गुरुवार 27 जनवरी को बदला पाला
Assembly Election 2022: देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच नेताओं का दल बदल का दौर जारी है। चुनाव से ऐन पहले नेता अपने भविष्य का गुणा – भाग कर अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं।
Assembly Election 2022: देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच नेताओं का दल बदल का दौर जारी है। चुनाव से ऐन पहले नेता अपने भविष्य का गुणा – भाग कर अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं। अब तक दर्जनों छोटे बड़े नेता एक पाले से दूसरे पाले की तरफ जा चुके हैं। इनमे से अधिकांश नेताओं को टिकट भी मिल चुका है। यही सिलसिला आज भी जारी रहा। यूपी से लेकर पंजाब तक कई नेताओं ने आज अपनी पूरानी पार्टी छोड़ नई पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सबसे अधिक भगदड़ मची हुई है। सबसे अधिक सीटें होने के कारण यहां नेताओं के दलबदलू नेताओं की संख्या भी ज्यादा है। अभी तक महत्वपूर्ण नेताओं को अपने पाले में लाकर बीजेपी (BJP) को जोर का झटका देने वाले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में अब बीजेपी (BJP) ने सेंध लगाई है। देश की राजधानी दिल्ली में सपा के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री शिवाकांत ओझा (Former Minister Shivakant Ojha) और जलालबाद से एसपी विधायक शरदवीर सिंह (Jalalabad SP MLA Sharadveer Singh) ने साइकिल की सवारी छोड़ कमल का फूल उठा लिया। इनके अलावा पूर्व सांसद और प्रियंका गांधी के सलाहाकर टीम के सदस्य राकेश सचान ने भी पंजे का दामन छोड़ कमल का दामन थाम लिया। इन नेताओं को केंद्रीय मंत्री और यूपी के चुनाव प्रभारी धमेंद्र प्रधान (UP election in charge Dharmendra Pradhan), केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Former State BJP President Laxmikant Bajpai) की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दिलवाई गई।
सपा को झटका
पूर्व मंत्री शिवाकांत ओझा (Former Minister Shivakant Ojha) चार बार विधायक रहने के साथ ही अखिलेश सरकार (Akhilesh Government) में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। यूपी की राजनीति में जाने पहचाने चेहरे ओझा अखिलेश के अलावा भाजपा (BJP) की कल्याण सिंह सरकार (kalyan singh government) में भी मंत्री पद पर काम कर चुके हैं। वहीं, शरदवीर सिंह जलालाबाद से सपा का टिकट नहीं मिलने के कारण बीजेपी में शामिल हो गए। पिछली बार बीजेपी की लहर होने के बावजूद वो ये सीट निकाल गए थे। हालांकि सपा ने इस बार उन्हें मौका न देकर जलालाबाद सीट (Jalalabad seat) से नीरज मौर्य को टिकट दिया है। अब देखना होगा कि क्या बीजेपी उन्हें जलालाबाद से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर उतारती है या नहीं। वहीं शिवाकांत ओझा को पार्टी किस सीट से चुनाव लड़वाती है इसका भी इंतजार रहेगा।
प्रियंका के ग्रुप में सेंध
बीजेपी (BJP) कांग्रेस (Congress) में लगातार सेंधमारी करने में जुटी हुई है। पहले टीम राहुल के बड़े चेहरे के तौर पर देखे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह (Former Union Minister RPN Singh) को अपने पाले में मिलाया, तो अब उनकी बहन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के करीबियों पर भी बीजेपी ने डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में गुरुवार को दिल्ली में पूर्व सांसद और प्रियंका गांधी के सलाहाकर टीम के सदस्य राकेश सचान को पार्टी में शामिल करवाया। फतेहपुर सीट (Fatehpur seat) से लोकसभा सांसद रहे सचान ने 2019 में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) छोड़ कांग्रेस ज्वाइन की थी। उन्होंने पंजे के निशान पर फतेहपुर से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन बीजेपी के साध्वी निरंजन ज्योति के हाथों पराजित हुए। सचान 2009 में फतेहपुर से लोकसभा सांसद चुने गए थे। इससे पहले वो दो बार विधायक भी रह चुके हैं। ऐसे में बीजेपी उन्हें किस सीट पर चुनाव लड़वाती है इस पर निगाह रहेगी।
पंजाब में दलबदल
पंजाब में मनजीत सिंह मन्ना मियांविंड ने अकाली दल छोड़ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। अकाली दल से टिकट नहीं मिलने से नाराज मन्ना ने पाला बदल लिया। मन्ना बाबा बकाला साहिब से टिकट मांग रहे थे लेकिन उन्हें नहीं मिला। माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें यहीं से चुनाव मैदान में उतारेगी। लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके मन्ना को 2017 में शिकस्त का सामना करना पड़ा था। 2017 में वो श्रीहरिगोबिंदरपुर से चुनाव मैदान में थे, मगर हार गए।
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