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Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में होगा चुनाव, पहले फेज का मतदान 10 फरवरी को, 10 मार्च को आएंगे नतीजे
Assembly Election 2022: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग की ओर से तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।
Assembly Election 2022: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (assembly election 2022) का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग (Election commission) की ओर से तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। आयोग की ओर से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होगा जबकि मणिपुर में दो चरणों में मतदान कराया जाएगा। पंजाब गोवा और उत्तराखंड में एक चरण में ही मतदान होगा। चुनाव नतीजों की घोषणा 10 मार्च को की जाएगी।
कोरोना महामारी (corona pandemic) की वजह से आयोग ने सख्त प्रोटोकॉल लागू करने की बात कही है। आयोग की ओर से 15 जनवरी तक रैली रोड शो, साइकिल रैली और पदयात्रा पर रोक लगा दी गई है। वर्चुअल रैली के जरिए ही चुनाव प्रचार किया जा सकेगा। जीत के बाद उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार के विजय जुलूस निकालने की इजाजत नहीं होगी
यूपी में इन तारीखों पर होगा मतदान
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई है। उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा। दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी, तीसरे चरण का 20 फरवरी, चौथे चरण का 23 फरवरी, पांचवें चरण का 27 फरवरी, छठे चरण का 3 मार्च और सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को होगा। 10 मार्च को मतगणना के बाद चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे।
पंजाब गोवा और उत्तराखंड में 14 फरवरी को एक चरण में ही मतदान कराया जाएगा। मणिपुर में दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 27 फरवरी और दूसरे चरण का मतदान 3 मार्च को होगा।
18 करोड़ से ज्यादा मतदाता
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि पांच राज्यों के चुनाव में इस बार 18.34 करोड़ मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें से 24.9 लाख मतदाता ऐसे होंगे जो पहली बार मतदान करने के लिए पोलिंग बूथ पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि 11.4 लाख लड़कियां पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 29% मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। मतदाताओं की सुविधा के लिए सभी बूथ ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाए जाएंगे। इसके साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए पोलिंग बूथ पर व्यापक प्रबंध भी किया जाएगा। हर बूथ पर सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।
कोरोना के कारण विशेष व्यवस्था
उन्होंने कहा कि 5 राज्यों में कुल 630 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव कराए जाएंगे। कोरोना संक्रमण की रफ्तार ने एक बार फिर तेजी पकड़ ली है इस कारण चुनाव आयोग का मुख्य लक्ष्य कोविड सेफ इलेक्शन कराना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना काल में चुनाव करना वैसे भी बड़ी चुनौती है मगर हम सभी के सहयोग से इस चुनौती का मुकाबला करेंगे।
चुनाव आयोग की ओर से इस बार एक विशेष व्यवस्था भी की जाएगी। कोरोना से संक्रमित या कोरोना संदिग्ध के घर आयोग की ओर से टीम भेजी जाएगी और यह टीम संबंधित व्यक्ति का वोट डलवाकर आएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को बैलट पेपर पर मतदान करने का अधिकार दिया जाएगा।
अपराधिक पृष्ठभूमि की देनी होगी जानकारी
अपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के लिए आयोग ने इस बार अपने नियमों में बदलाव किया है। ऐसे उम्मीदवारों के बारे में अखबार, टीवी और अपनी वेबसाइट के होम पेज पर तीन बार अलग-अलग चरणों में सार्वजनिक रूप से जानकारी देनी होगी। जनता को ऐसे उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारने का कारण भी बताना होगा।
चुनाव आयोग की ओर से संवेदनशील बूथों पर वीडियोग्राफी की पूरी व्यवस्था की जाएगी। पिछले चुनावों की अपेक्षा इस बार चुनाव पर्यवेक्षकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि संवेदनशील बूथों पर पूरी नजर रखी जा सके।
1250 मतदाताओं के लिए एक बूथ
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार के चुनाव में 1250 मतदाताओं पर एक बूथ बनाया गया है। कोरोना की वजह से हर बूथ पर मतदाताओं की संख्या कम की गई है और इस कारण भूतों की संख्या में 16% की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों के साथ हुई ही 80 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों और दिव्यांगों के लिए पोस्टल बैलट की व्यवस्था रहेगी। दिव्यांगों के लिए हर बूथ पर विशेष इंतजाम किए जाएंगे। सभी बूथ पर महिला और पुरुष सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।