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Assembly Election 2022: चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, अब रैलियों में शामिल हो सकेंगे 1000 लोग, देखें नई गाइडलाइन
Assembly Election 2022: भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें राजनीतिक दलों को बड़ी राहत दी गई है।
Assembly Election 2022: आगामी 10 फरवरी से देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान प्रस्तावित हैं। इस बीच भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें राजनीतिक दलों को बड़ी राहत दी गई है। चुनाव आयोग की ओर से पार्टियों को रैली और डोर टू डोर कैंपेन के लिए कुछ छूट दी गई है। जिसके तहत अब 500 की जगह 1000 लोग सभा में शामिल हो सकते हैं।
जाहिर है कि चुनावों के मद्देनज़र सभी राजनीतिक दल मतदाताओं का रुझान अपनी ओर आकर्षित करने को लेकर प्रयासरत है। ऐसे में बीते समय चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा भौतिक रैलियों (Physical Rally) पर लगाई गई रोक के चलते राजनीतिक दलों को जनता से सीधे तौर पर सम्पर्क साधने में समस्या हो रही थी, लेकिन इसी बीच चुनाव के मद्देनज़र सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को राहत दी गई है।
छूट में किया गया इजाफा
चुनाव आयोग (Election Commission) ने कुछ शर्तों के आधार पर पूर्व में सभी राजनीतिक दलों को भौतिक रैलियों की इजाजत दी थी, लेकिन अब और अधिक राहत देते हुए इस नियम के तहत दी गई छूट की मात्रा में इजाफा किया गया है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि पहले और दूसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में समस्त उम्मीदवार भौतिक रैलियां कर सकते हैं और इन रैलियों में उपस्थित लोगों की अधिकतम संख्या को 500 से बढ़ाकर 1000 कर दी गई है। इसके अलावा डोर टू डोर कैंपेन के लिए 10 की जगह 20 लोगों की इजाजत होगी और इनडोर बैठक अब 300 की जगह 500 लोगों के साथ की जा सकेगी।
यानी कि अब अधिकतम 1000 लोगों की संख्या के साथ सभी राजनीतिक दल भौतिक रैलियां और चुनाव प्रचार कर सकेंगे। हालांकि अभी के नियम के बाद इसे अन्य चरण के मतदान के मद्देनज़र भी लागू कर दिया जाएगा। यह उम्मीदवारों के लिए यकीनन राहत भरी खबर है, भौतिक रैलियां करने की छूट मिलने से समस्त उम्मीदवार अपनी रणनीति के मुताबिक मतदानों से मिलने के अतिरिक्त क्षेत्र में भ्रमण कर सकेंगे।
डिजिटल संपर्क करने में हो रही थी दिक्कत
चुनाव आयोग द्वारा भौतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाए जाने और वर्चुअल रैलियों करने के आदेश के साथ ही आमतौर पर सभी रानीतिक दलों को बेहद ही समस्या का सामना करना पड़ रहा था, इसका प्रमुख कारण है किसी भी नए नियम का अचानक से लागू हो जाना। साथ ही अचानक से आए इस नियम के जवाब में कई दलों के पास उचित साधन तक उपलब्ध नहीं थे, लेकिन अब चुनाव आयोग ने राहत भरी खबर सामने आ रही है।
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