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Assembly Election 2022 : चुनाव आयोग 22 जनवरी के बाद भी रैली और रोड शो पर जारी रख सकता है पाबंदी

आगामी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन, कोरोना महामारी और लगातार वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते चुनाव आयोग ने रैली और रोड शो पर 22 जनवरी 2022 तक रोक लगाई हुई है।

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Newstrack NetworkPublished By aman
Published on: 20 Jan 2022 11:03 AM IST (Updated on: 20 Jan 2022 11:20 AM IST)
Assembly Election 2022 : चुनाव आयोग 22 जनवरी के बाद भी रैली और रोड शो पर जारी रख सकता है पाबंदी
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आगामी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन, कोरोना महामारी और लगातार वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते चुनाव आयोग ने रैली और रोड शो पर 22 जनवरी 2022 तक रोक लगाई हुई है। अब मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा कि आयोग की ये पाबंदियां आगे भी जारी रह सकती हैं।

हालांकि, चुनाव आयोग प्रचार पर लगी दूसरी अन्य पाबंदियों पर कुछ छूट दे सकता है। सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग 22 जनवरी को इस बारे में समीक्षा बैठक करेगा। फिलहाल, निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में टीकाकरण की बढ़ी रफ्तार पर संतुष्टि जाहिर की है। लेकिन, पंजाब और मणिपुर में टीकाकरण के मौजूदा आंकड़े और रफ्तार को लेकर आयोग चिंतित है।

समीक्षा के बाद ही नए निर्देश

गौरतलब है, कि कोविड-19 (COVID-19) मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों में कोरोना संक्रमण की दर ने बीते आठ महीने का रिकॉर्ड तोड़ा है। पहले भी देश में कोरोना मामलों की रफ्तार को देखते हुए चुनाव आयोग ने उन पांच राज्यों में रैलियों, जनसभा और रोड शो पर 22 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी थी, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने कहा था, कि स्थिति की समीक्षा के बाद ही वह नए निर्देश जारी करेगा।

फिलहाल ये मिली है छूट

हालांकि, एक आधिकारिक बयान के बाद आयोग ने राजनीतिक दलों को छूट दी है, कि अधिकतम 300 व्यक्तियों की भागीदारी या हॉल क्षमता के 50 प्रतिशत या राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा निर्धारित सीमा के तहत बंद जगहों पर बैठकें आयोजित की जा सकती हैं।

अभी क्या हैं चुनाव आयोग के निर्देश?

निर्वाचन आयोग ने कहा था, कि 22 जनवरी 2022 तक राजनीतिक दलों या संभावित उम्मीदवारों सहित प्रत्याशियों या चुनाव से संबंधित किसी अन्य समूह की किसी भी प्रत्यक्ष रैली को अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग ने कहा था, 'अधिकतम 300 व्यक्तियों या हॉल की क्षमता का 50 प्रतिशत या राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा निर्धारित सीमा के साथ बंद स्थान में बैठक को अनुमति दी जाएगी।' आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव संबंधी गतिविधियों के दौरान आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार और दिशानिर्देशों का पालन करने का भी निर्देश दिया है।

हालांकि, राजनीतिक पार्टियों को डिजिटल माध्यम से रैलियों की इजाजत है। क्षेत्रीय दलों ने चुनाव आयोग से प्रत्यक्ष रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के मानदंडों में ढील का आग्रह करते हुए कहा था, कि डिजिटल रैलियों से केवल उन बड़ी पार्टियों को मदद मिलेगी जिनके पास आयोजन के लिए अधिक संसाधन हैं।



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aman

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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