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Assembly Election 2022: क्या हैं चैलेंज और टेंडर वोट, जानें कब और कैसे करते हैं इनका इस्तेमाल
Assembly Election 2022: निर्वाचन आयोग ने मतदाता को टेंडर वोट व चैलेंज वोट के प्रयोग का अधिकार दिया है। तो चलिए जानते हैं टेंडर वोट व चैलेंज वोट में अंतर-
Assembly Election 2022: आज पंजाब की 117 सीटों और उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण में 59 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहे हैं। चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से यूपी और पंजाब दोनों राज्यों में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक खास व्यवस्था की गई है, वो है चैलेंज वोट (Challenge Vote) और टेंडर वोट (Tender Vote) की। जब भी मतदान होते हैं तो जिन लोगों का नाम वोटर लिस्ट (Voter List) में होता है, वह अपनी एक आईसी के साथ अपना वोट मनचाहे कैंडिडेट को डाल सकते हैं।
लेकिन अगर मतदान केंद्र पर मतदाता के नाम पर किसी और ने वोट डाल दिया हो, तो भी उसके पास मतदान करने का अधिकार होता है। साथ ही अगर आपकी पहचान पर सवाल उठाया जाए, लेकिन आप सही हैं तो भी आप वोट डा सकते हैं। इसके अलावा अगर वोटर सर्विस मतदाता है और बाहर तैनात है तो वह अपने परिवार के किसी एक सदस्य को वोट देने के लिए नामित कर सकता है। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने मतदाता को टेंडर वोट व चैलेंज वोट के प्रयोग का अधिकार दिया है। तो चलिए जानते हैं टेंडर वोट व चैलेंज वोट में अंतर-
चैलेंज वोट (Challenge Vote)
वोटिंग के दौरान मतदान केंद्र पर चुनाव आयोग की ओर से चैलेंट वोट की भी व्यवस्था की जाती है। इसका प्रयोग कर कोई भी मतदाता अपने को सही साबित करने के लिए कर सकता है। जैसे कि अगर आप पोलिंग बूथ पर जाएं और वहां बूथ का एजेंट या कोई अन्य व्यक्ति आपत्ति कर दे कि इस नाम का व्यक्ति गांव में नहीं रहता है तो ऐसी स्थिति में आप चैलेंज वोट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
खुद को सही साबित करने के लिए आपको पीठासीन अधिकारी से शिकायत करनी होगी। साथ ही फीस के तौर पर दो रूपये जमा करने होंगे। इसके बाद अधिकारी मामले की जांच करेगा और यदि जांच में आप सही पाए जाते हैं तो फिर आपको मतदान का अधिकार होगा। वहीं अगर जांच में आप गलत पाए जाते हैं तो फिर फर्जी मतदान करने की कोशिश के आरोप में पुलिस को सौंप केस दर्ज किया जा सकता है।
टेंडर वोट (Tender Vote)
चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर अक्सर ऐसी भी स्थिति सामने आती है, जहां मतदाता वोट डालने जाता है तो उसे पता चलता है कि उसका वोट पहले ही डाला जा चुका है। ऐसी स्थिति में इस टेंडर वोट के जरिए पुराने वोट को चैलेंज कर, नया वोट डाला जा सकता है। इसके लिए वोटर को पहले अपने पीठासीन अधिकारी से शिकायत करनी होगी। मतदाता सूची में नाम होने की स्थिति में पीठासीन अधिकारी उससे एक प्रपत्र पर मतदान करवाता है। टेंडर वोट बैलेट पेपर पर लिया जाता है।
बता दें कि इस वोट की गणना तब की जाती है, जब मतगणना के समय कम वोट के अंतर से हार जीत की स्थिति बन जाए। इसे टेंडर वोट कहा जाता हैं।
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