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रियल लाइफ हीरो मंजूर अहमद, खुद को आस्थमा, फिर भी कोरोना पेशेंट की ऐसे बचा रहे जान

इस विकट परिस्थिति में जहां लोगों को घरों में रहकर बीमारी से बचने को कहा जा रहा, ऐसे मंजूर अहमद का जज्बा काबिले तारीफ है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Suman Mishra | Astrologer
Published on: 12 May 2021 10:15 AM IST (Updated on: 12 May 2021 1:07 PM IST)
मंजूर अहमद  लोगों को पहुंचा रहे ऑक्सीजन
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कोरोना वॉरियर मंजूर अहमद की तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

कश्मीर: कोरोना महामारी ( Coronavirus) की दूसरी लहर ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। रोज अनगिनत लोगों की मौत इस महामारी से हो रही है। कुछ संक्रमण से लड़ रहे हैं तो संक्रमण से मुक्त होने के बाद लोगों की मदद कर रहे हैं, जो जरूरतमंद हैं। उनके लिए कोरोना वारियर्स भोजन पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। कोरोना मरीजों की संख्या लाखों तक पहुंच चुकी है। वहीं इस दौर में कुछ लोग हैं, जो दूसरों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने के लिए तैयार हैं।

ऐसे ही एक कोरोना वारियर ( Corona Warriors) हैं मंजूर अहमद। कश्मीर (Kashmir) के बडगाम के रहने वाले 48 साल को मंजूर, खुद अस्थमा के मरीज हैं, और पिछले 3 साल से ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। लेकिन ऐसी हालत में भी वह एक छोटे से ट्रक में जरूरतमंद कोविड पेशंट्स तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। वह कहते हैं, 'मैं एक अक्सीजन सिलेंडर ( Oxygen Cylinder) की अहमियत और उसके न मिलने की पीड़ा को बहुत अच्छे से समझता हूं।

मानवता के लिए जरूरी

मंजूर ने एक इंटरव्यू में कहा है कि, 'इंसानियत के नाते, अगर मैं किसी तक ऑक्सीजन पहुंचाने और उसकी जिंदगी बचाने में कामयाब रहता हूं, या उसे थोड़ी सी भी राहत देता हूं तो मैं खुद के लिए बेहतर महसूस करूंगा। मैं खुद दमे का मरीज हूं, और जानता हूं कि जब सैचुरेशन लेवल कम होता है तो एक मरीज के लिए ऑक्सीजन का क्या मतलब होता है। यही छोटा सा काम है जो मैं लोगों के लिए करना चाहता हूं।'

सांकेतिक तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

जिम्मेदारियों से नहीं मान सकते हार

इस महामारी के चलते वो घर में बैठकर नहीं रह सकते। उनपर परिवार की जिम्मेदारी है और अपने परिवार के लिए कमाना है। खुद उनकी दवाइयां भी महंगी हैं। जिसपर हर माह 6 से 7 हजार रुपये खर्च होते हैं।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर लोगों की हिम्मत तोड़ रही है! ऑक्सीजन, दवाइयों और अस्पतालों में बेड की कमी ने कईयों से जीने की उम्मीद छीन ली। इस विकट परिस्थिति में जहां लोगों को घरों में रहकर बीमारी से बचने की हिदायत दी जा रही है ऐसे मंजूर अहमद का जज्बा काबिले तारीफ है। क्योंकि इस स्थिति में भी वो दूसरों के लिए उम्मीद बनकर उभरे हैं। वह ना सिर्फ लोगों के घरों तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचा रहे हैं, बल्कि उन्हें खाली सिलेंडर को दोबारा भरने की सुविधा भी देते हैं। वह कहते हैं कि उनका भी एक परिवार है जिसका उन्हें पेट भरना होता है। इसलिए वो जिंदगी में इतनी जल्दी हार नहीं मान सकते।और मैं चाहता हूं कि लोग उम्मीद न खोएं। उन्हें मजबूत रहें।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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