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Atal Bihari Vajpayee: अटल के राजनीतिक जीवन के बारें में जानें, इन जगहों से लड़ा था चुनाव
Atal Bihari Vajpayee: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को आज उनकी तीसरी पूण्यतिथी पर पूरा भारत याद कर रहा है।
Atal Bihari Vajpayee: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को आज उनकी तीसरी पूण्यतिथी पर पूरा भारत उनको याद कर रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी की गिनती उन नेताओं में होती है जो सभी राजनीति बंधन में नहीं बधे।
आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी को साल 2015 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। भारत की सियासत में अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे नेता थे जिन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद तीन बार प्रधानमंत्री पद संभाला।
अटल बिहारी वाजपेयी ने नौ बार लड़ा लोकसभा चुनाव
अटल बिहारी वाजपेयी ने नौ बार लोकसभा सांसद की चुनाव लड़े थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1925 से लेकर 2004 तक चुनाव लड़े थे। अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से चुनावी मैदान में उतरे थे। 1952 में अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ से लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ने मैदान में उतरे थे।
लेकिन उन्हें इस चुनाव में जीत नहीं मिल सकी थी। उस चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी तीसरे स्थान पर रहे थे। जिसके बाद 1957 में जनसंघ की तीन सीट लखनऊ,मथुरा और बलरामपुर से चुनाव लड़ा। लेकिन लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी को कांग्रेस के पुलिन बिहारी बनर्जी ने जनसंघ प्रत्याशी ने अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था। वहीं मथुरा में वाजपेयी जी की जमानत जब्त हो गई थी।
वाजपेयी ने लखनऊ सीट से 1962 में चुनाव लड़ा
जिसके बाद अटल बिहारी वायपेयी लखनऊ सीट से साल 1962 में लोकसभा चुनाव में उतरे। लेकिन यहां भी उनको हार का सामना करना पड़ा। इस 1962 लोकसभा चुनाव में वाजपेयी को कांग्रेस के बीके धॉन ने हराया था। जिसके बाद फिर अटल बिहारी वाजपेयी 1967 में लोकसभा चुनाल लड़े और हार गए। लेकिन 1967 में ही उपचुनाव हुआ। और वाजपेयी जीतकर पहली बार लोकसभा सांसद बने।
1971 में पहली बार ग्वालियर सीट से लोकसभा सांसद बने वाजपेयी
जिसके बाद अब अटल बिहारी वाजपेयी साल 1971 में 5वें लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के ग्वालियर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। और ग्वालियर से जीतकर फिर सांसद बनकर संसद पहुंचे। वहीं उसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने आपाकाल के समय के बाद हुए चुनाव में साल 1977 से 1980 के मध्यवधि चुनाव में उन्होंने नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने साल 1984 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ा। लेकिन उनके खिलाफ कांग्रेस की ओर से माधवराव सिंधिया ने लोकसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल किया। और माधवराव सिंधिया ने अटल बिहारी वाजपेयी को करीब एक लाख पचहत्तर हजार वोटों से हरा दिया।
1991 में विदिशा और लखनऊ दो सीटों पर चुनाव लड़ा और जीता
इसके बाद वाजपेयी जी ने साल 1991 में लोकसभा के आम चुनाव में एक बार फिर लखनऊ से पर्चा भरा और इसके साथ ही मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से भी चुनावी मैदान में उतरे। इस चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी दोनों जगहों से चुनाव जीते। जिसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने विदिशा दी सीट को छोड़ दी।
1998 में अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ को अपनी कर्मभूमि बना ली
वहीं इसके बाद 1996 में हवाला कांड में लाल कृष्ण आडवामी का नाम आने से गांधी नगर से चुनाव नहीं लड़े। इस स्थिति को देखते हुए अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ और गांधीनगर दोनों सीटों से चुनाव लड़ा। और दोनों सीटों पर जीत हासिल की। जिसके बाद अटल बिहारी वायपेयी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को अपनी कर्म भूमि बना ली। और जिसके बाद 1998,1999,2004 में लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल करके सांसद बने।