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मुश्किल में रामदेव, सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथी और डॉक्टरों पर की गई टिप्पणी का असल वीडियो किया तलब

एलोपैथिक दवा और डॉक्टरों पर टिप्पणी करके चर्चा में आए योग गुरु रामदेव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।

Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 30 Jun 2021 3:11 PM IST (Updated on: 30 Jun 2021 3:12 PM IST)
Supreme Court and ramdev
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बाबा रामदेव और सुप्रीम कोर्ट की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: कोरोना काल के दौरान एलोपैथिक दवा और डॉक्टरों पर टिप्पणी करके चर्चा में आए योग गुरु रामदेव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव की टिप्पणी का मूल वीडियो उनके वकील से प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने योग गुरु रामदेव की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा, 'असल में रामदेव ने क्या कहा था? तथ्य में आपने सारी बातें पेश नहीं की है। इस पर रोहतगी ने पीठ को बताया कि वह प्रतिलिपि के साथ मूल वीडियो कोर्ट के समक्ष पेश करेंगे। इस पर पीठ ने 5 जुलाई तारीख देते हुए अगली सुनवाई पर पेश करने का आदेश दिया।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव की उस याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवा के इस्तेमाल के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर बिहार और छत्तीसगढ़ में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की तरफ से उनके खिलाफ दर्ज करायी कई प्राथमिकियों के संबंध में कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई है। गौरतलब है कि आईएमए की पटना और रायपुर इकाई ने रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि कोरोना काल के दौरान उनकी टिप्पणियों से पूर्वाग्रह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और यह महामारी के खिलाफ उचित इलाज के प्रति लोगों को हतोत्साहित कर सकती है।

ज्ञात हो कि रामदेव ने अपनी याचिका में पटना और रायपुर में दर्ज प्राथमिकियों को दिल्ली स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया है। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान रोहतगी ने पीठ से कहा कि याुग गुरु रामदेव एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और वह योग तथा आयुर्वेद के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि रामदेव एक कार्यक्रम के दौरान व्हाट्सऐप पर आए एक मैसेज को पढ़ा था, जिसे किसी ने उन्हें भेजा गया था। मुकुल रोहतगी ने कहा कि रामदेव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनके दिल में डॉक्टरों तथा किसी के भी खिलाफ कुछ नहीं है। उन्होंने अनुरोध करते हुए कहा कि अलग-अलग स्थानों पर उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन सभी शिकायतों को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया जाए।



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