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Meat Shop Ban: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने MCD कमिश्नर और मेयर को भेजा नोटिस
दिल्ली नगर निगम के मेयर द्वारा नवरात्रि (Navratri) में मीट की दुकानों को बंद रखने के लिए प्रस्ताव को लेकर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग में MCD के मेयर और कमिश्नर को नोटिस भेजा है।
Meat Shop Controversy : नवरात्र (Navratri) में मीट की दुकानों पर पाबंदी को लेकर घमासान जारी है। अब इस मामले को लेकर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के मेयर और कमिश्नर को नोटिस भेजकर इस मामले में जवाब तलब किया है। बता दें इससे पहले नवरात्र में मीट दुकानों पर पाबंदी को लेकर कई राजनीतिक दलों की ओर से बयान आए हैं।
क्या है विवाद?
मीट की दुकानों को लेकर यह बवाल तब शुरू हुआ जब दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के मेयरों ने अपने-अपने नगर निगम अधिकार क्षेत्र के मांस की दुकानों को नवरात्र के दौरान बंद रखने का बात कहा गया। मंगलवार को पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली के मेयरों ने पत्र लिखकर यह आह्वान किया कि नवरात्र के समय में मीट की दुकानों को बंद रखा जाए। क्योंकि इन 9 दिनों में लोग मांसाहारी भोजन नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि इन मेयरों के मांग को लेकर दिल्ली नगर निगम की ओर से कोई आधिकारिक आदेश या फैसला नहीं लिया गया है। इस मामले पर विवाद बढ़ता देख गुरुवार को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर और कमिश्नर को नोटिस भेजा है और इस मामले को लेकर उनसे जवाब देने को कहा गया है।
मीट दुकानों से मुद्दे पर टीएमसी सांसद का बयान
नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखने का मुद्दा सामने आते ही इस पर राजनीति गरमा गई। मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने राज्यसभा में कहा कि अगर संविधान मुझे मांसाहारी खाने का इजाजत देता है तो प्रशासन नॉनवेज खाने से हमें कैसे रोक सकता है।
मामले पर उमर अब्दुल्ला ने किया ट्वीट
मीट दुकानों के विवाद को लेकर उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने भी ट्वीट कर इस मुद्दे पर सवाल उठाया। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा की रमजान में हम सूर्योदय होने से सूर्यास्त तक कुछ नहीं खाते। अगर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में इस समय के बीच खाने पीने की सभी दुकानों पर प्रतिबंध लगा दिया जाए तो गैर मुस्लिम सैलानियों उनके लिए क्या यह ठीक रहेगा? उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि अगर मीट दुकानों पर प्रतिबंध का फैसला अगर दिल्ली में ठीक है तो कश्मीर में भी खाने-पीने की दुकानों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।