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Bashir Ahmed: जॉली एलएलबी.2 की तरह है बशीर अहमद की कहानी, 11 साल बाद मिली रिहाई

Bashir Ahmed: गुजरात के जेल में बंद श्रीनगर के बशीर अहमद उर्फ ऐजाज गुलामनबी बाबा को बीते जून में 11 साल के बाद रिहाई मिली।

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Newstrack NetworkPublished By Chitra Singh
Published on: 10 July 2021 11:28 AM IST
Bashir Ahmed
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बशीर अहमद-अदालत (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया) 

Bashir Ahmed: क्या आपको बॉलीवुड खिलाड़ी अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी-2 (Jolly LL.B 2) का वो सीन याद है जब बेगुनाह शख्स को झूठे केस में फंसाकर उसे जेल में डाल दिया जाता है। पुलिस कैसे बेगुनाहों के साथ बर्ताव करती है, यहीं इस फिल्म में दर्शाया गया है। कुछ ऐसी ही कहानी श्रीनगर (Srinagar) का बशीर अहमद (Bashir Ahmed) के साथ। जी हां, ये वहीं बशीर अहमद (Bashir Ahmed) जिसे ऐजाज गुलामनबी बाबा (Ejaz Ghulamnabi Baba) के नाम से भी जाना जाता है। 13 मार्च 2010 में बशीर अहमद को आतंक रोधी दस्ते (ATS) ने गिरफ्तार किया था, जिसे हाल ही में कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया था।

गुजरात के जेल में बंद श्रीनगर (Srinagar) के बशीर अहमद उर्फ ऐजाज गुलामनबी बाबा को बीते जून में 11 साल के बाद रिहाई मिल गई थी। उसे एक झूठे केस में 11 साल तक जेल में रखा गया। कोर्ट ने अहमद को रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था, 'बशीर अहमद के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे यह साबित हो सके कि उसका संबंध किसी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ था या फिर वो गुजरात के मुस्लिम युवाओं को आतंकी गतिविधियों की ट्रेनिंग के लिए भेजा था'।

आणंद के सत्र न्यायालय (Anand Sessions Court)का कहना था, "इस केस में सबूत से ज्यादा भावनात्मक' दखल था"। कोर्ट ने कहा था कि, "कोर्ट में जो भी गवाह पेश किए गए, उसके बयान सही नहीं थे। वहीं फॉरेंसिक्स टीम ने भी पुलिस के इस मामले को सपोर्ट नहीं किया। बात रहीं अहमद के 'कुबूलनामा' की तो कोर्ट इस कबूनामे को सबूत के रूप में अस्वीकार किया जा सकता है।"

एक गवाह ने अपने बयान में कहा था कि 'बशीर अहमद अपने फोन से पाकिस्तान और दुबई बात करता था'। वहीं एटीएस का कहना था, "साल 2008 में अहमद के खिलाफ एक्सप्लोसिव्स सब्स्टैंस एक्ट के तहत करणनगर में एफआईआर दर्ज था। इस एफआईआर में आतंकी संगठन के लिए HM का यूज किया गया था।" एटीएस के बयान पर कोर्ट ने कहा, "एफआईआर में किए गए HM के इस्तेमाल पर यह नहीं कहा जा सकता है कि वह हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ है।" ठोस सबूत न मिलने के कारण कोर्ट ने बशीर अहमद उर्फ ऐजाज गुलामनबी बाबा जून में रिहा करने का आदेश दिया।

आपको बता दें कि बशीर अहमद को आतंकवाद रोधी बेहद सख्त कानून (UAPA) के तहत रिहाई मिली। 13 मार्च 2010 की मध्यरात्रि को आणंद से आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार किए गए बशीर अहमद उर्फ एजाज गुलामनबी बाबा 22 जून को अपने परिवार के पास लौट आया।



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Chitra Singh

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