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Bihar Political News: लोजपा के झगड़े में अब तेजस्वी की एंट्री, चिराग बोले, मोदी सरकार में पशुपति कतई मंजूर नहीं
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टूट का मास्टरमाइंड बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने लोजपा में इस टूट की सियासी पटकथा लिखी है और अब इस मामले में अनभिज्ञता जताने की कोशिश कर रहे हैं।
Political News: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच छिड़े सियासी संघर्ष में अब बिहार के राजद नेता तेजस्वी यादव की भी एंट्री हो गई है। तेजस्वी यादव ने पहली बार इस मामले में टिप्पणी करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लोजपा में मचे घ्ामासान के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने चिराग पासवान को साथ आने का खास ऑफर भी दिया है। उन्होंने चिराग को याद दिलाया कि कैसे लालू की मदद से 2010 में रामविलास पासवान राज्यसभा पहुंचे थे।
दूसरी ओर चिराग पासवान ने लोजपा में टूट के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी से मदद की गुहार लगाई है। खुद को मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग ने कहा कि खामोशी से हनुमान का वध होते देखना राम को शोभा नहीं देता। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पशुपति पारस को लोजपा सांसद के रूप में मोदी सरकार में जगह मिली तो यह उन्हें कतई मंजूर नहीं होगा।
नीतीश पर लोजपा में टूट कराने का आरोप
पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच लोजपा पर कब्जे की लड़ाई शुरू होने के बाद पहली बार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि हर किसी को पता है कि लोजपा में हुई इस टूट का मास्टरमाइंड कौन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोजपा में इस टूट की सियासी पटकथा लिखी है और अब इस मामले में अनभिज्ञता जताने की कोशिश कर रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो साजिश रचने में माहिर होते हैं मगर बाद में पूरी तरह अनजान बन जाते हैं। नीतीश कुमार ऐसे ही राजनेता हैं और उन्होंने अपने लोगों की मदद से लोजपा तोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि नीतीश 2005 और 2010 में भी लोजपा को तोड़ने की कोशिश कर चुके हैं।
चिराग को राजद में साथ आने का ऑफर
लोजपा पर कब्जे की लड़ाई को धारदार बनाने के लिए चिराग पासवान 5 जुलाई से हाजीपुर से अपनी आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं। ऐसे समय में तेजस्वी यादव ने चिराग को राजद में साथ आने का विशेष ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि संकट के समय में लालू प्रसाद यादव ने भी रामविलास पासवान की मदद की थी।
तेजस्वी ने कहा कि 2010 में लोजपा के पास कोई सांसद या विधायक नहीं था मगर लालू ने राज्यसभा के लिए रामविलास पासवान को मदद पहुंचाई थी। ऐसे में चिराग को बिहार में राजद के साथ आना चाहिए। तेजस्वी यादव की ओर से दिए गए इस खास ऑफर पर अभी चिराग पासवान ने कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है।
हनुमान का वध नहीं देख सकते भगवान राम
लोजपा में मचे सियासी घमासान पर भाजपा की चुप्पी से चिराग पासवान का काफी निराश बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी मध्यस्थता के जरिए इस विवाद को सुलझाने में मदद करेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव के समय चिराग ने खुद को मोदी का हनुमान बताया था। उन्होंने कहा कि भगवान राम हनुमान का वध होते नहीं देख सकते। चिराग ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भाजपा के साथ उनका संबंध एकतरफा नहीं रह सकता। अगर भाजपा दूर से ही सारा तमाशा देखती रही तो हम भी भाजपा के साथ अपनी दोस्ती को लेकर पुनर्विचार करेंगे। हालांकि पासवान ने कहा कि अभी भी उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में पूरा विश्वास है।
चिराग ने फिर नीतीश को घेरा
चिराग पासवान ने एक बार फिर जदयू पर लोजपा में दोफाड़ कराने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जदयू नेता इस काम में काफी दिनों से लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि भाजपा की ओर से इसमें हस्तक्षेप किया जाएगा मगर पार्टी ने कोई कदम नहीं उठाया। अगर भाजपा की ओर से पशुपति पारस को लोजपा सांसद के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है तो मुझे यह कतई स्वीकार नहीं होगा। यदि उन्हें निर्दलीय या किसी अन्य दल से मंत्रिमंडल में लिया जाता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
भाजपा ने इसलिए साध रखी है चुप्पी
लोजपा के सियासी घमासान पर भाजपा ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल और प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने लोजपा के इस झगड़े को पार्टी का आंतरिक मामला बताया है। सियासी जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की भूमिका से काफी नाराज हैं। यही कारण है कि भाजपा की ओर से इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की जा रही है। भाजपा इस मामले में हाथ डालकर बिहार सरकार के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करना चाहती। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी इस मामले से दूरी बनाकर चल रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग ने जदयू को काफी सियासी नुकसान पहुंचाया था। जदयू ने करीब तीन दर्जन सीटों पर हार के लिए चिराग पासवान को दोषी ठहराया था। इस कारण अब भाजपा ने भी जदयू की नाराजगी की आशंका से पूरे मामले से किनारा कर लिया है।