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Bijli Sankat: दो दिन बाद अंधेरे में होगा देश, बिजली उत्पादन के लिए गहरा रहा कोयले का संकट
कोयले के संकट के चलते देश में बिजली का संकट गहराता नजर आ रहा
bijli sankat: देश में घोर बिजली (bijli) का संकट आने वाला है। उत्पादन केंद्रों में कोयले का स्टॉक काफी सीमित हो चुका है। इसके चलते ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही देश में बिजली की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। बता दें कि भारत में बिजली उत्पादन में सबसे ज्यादा कोयले की खपत होती है। ऐसे में यह खबर आ रही है कि कोयले पर आधारित बिजली (bijli) उत्पादन केंद्रों में स्टॉक काफी कम हो गया है। यह स्थिति देश के लगभग सभी राज्यों में बनी हुई है। उत्तर प्रदेश में महंगी बिजली के बावजूद भी कोयले की कमी का घोर संकट छा गया है।
उधर दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी टाटा पावर डीडीएल (Tata Power DDL) ने उपभोक्ताओं को मैसेज कर संभाल कर बिजली खर्च करने की सलाह दी है। टाटा पावर डीडीएल के मैसेज से समझा जा सकता है कि बिजली उत्पादन की क्या स्थिति है। वहीं यह भी माना जा रहा है कि जल्द ही इस समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो उपभोक्ताओं को बिजली कटौती की समस्या से दो चार होना पड़ सकता है। टाटा पावर ने बिजली सप्लाई की निरंतरता को बनाए रखने के लिए उपभोक्ताओं को संभाल कर खपत करने की गुजारिश की है।
इसी क्रम में टीपीडीडीएल के सीईओ गणेश श्रीनिवासन ने भी जानकारी दी है कि कोयले का स्टॉक सीमित होने के चलते दिल्ली वासियों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि उन्होंने दिल्ली और केंद्र सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों से राहत मिलने की उम्मीद भी जताई है। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस समस्या से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।
क्या था मैसेज
टाटा पावर की तरफ से उपभोक्ताओं को भेजे गए एसएमएस में लिखा है कि पूरे उत्तर भारत में कोयले का सीमित स्टॉक बचा है। ऐसे में दोपहर 2 से 6 बजे तक बिजली की सप्लाई में दिक्कत आ सकती है। कृपया संभाल कर बिजली का उपयोग करें। जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाएं। असुविधा के लिए हमें खेद है। बता दें कि टाटा पावर की तरफ से बिजली से जुड़ी कोई समस्या आने पर अपने उपभोक्ताओं को पहले ही सूचित कर दिया जाता है।
70 फीसदी बिजली कोयले पर आधारित
बिजली का संकट आते ही कोयले का जिक्र तेज हो गया है। ऐसे में बता दें कि भारत में 70 फीसदी बिजली कोयले से ही बनती है। इतना ही नहीं, देश में कोयले की कुल खपत का तीन चौथाई हिस्सा बिजली उत्पादन पर होता है। जानकारी के मुताबिक देश में 135 थर्मल पावर प्लांट्स हैं, जहां पर कोयले से बिजली का उत्पादन होता है। बिजली उत्पादन के लिए करीब 40 दिन का कोयले का स्टॉक रखा जाता है, जिससे कोयले की दिक्कत होने पर बिजली प्लांट को बंद न करना पड़े और सप्लाई निर्बाध जारी रहे।