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दीपिका कुमारी कैसे बनी दुनिया की नंबर वन तीरंदाज, जानें इनके जीवन से जुड़ी कई बातें
Archery Deepika Kumari :दीपिका कुमारी अपने नाम कई अंतर्राष्ट्रीय मैडल अपने नाम किए। अपने जीवन में कई सम्मान प्राप्त किए।
Archery Deepika Kumari : भारत की लोकप्रिय महिला दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) ने तीरंदाजी (Archery) में अपना नाम कमाया है। यह एक सामान्य परिवार में जन्मी दीपिका कुमारी ने आज देश - दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस महिला ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला तीरंदाजों में से एक हैं। दीपिका कुमारी ने अब तक कई अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट (International Tournament) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। आइए जानते हैं दीपिका कुमारी किस खेल से संबंधित है।
भारतीय महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी ने अपने नाम कई अंतर्राष्ट्रीय मैडल (International Medal) अपने नाम किए हैं। इन्होंने अपने जीवन में कई सम्मान प्राप्त किए हैं। 2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दीपिका कुमारी को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था। यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। आइए जानते हैं इनके जीवन के बारे में।
भारतीय तीरंदाज दीपिका कुमारी ने रविवार को पेरिस में चल रहे आर्चरी वर्ड कप स्टेज 3 टूर्नामेंट में 3 गोल्ड मैडल जीते हैं। टूर्नामेंट में अब तक देश के नाम 4 स्वर्ण पदक हो गए हैं। दीपिका कुमारी ने एक दिन में तीन स्वर्ण पदक दिलाए। दीपिका ने अपने पति अतनु दास के साथ मिलकर पहली बार पति - पत्नी के रूप में किसी इवेंट का फाइनल जीता है।
दीपिका कुमारी की जीवनी
दीपिका कुमारी का जन्म झारखण्ड की राजधानी रांची में 13 जून 1994 में हुआ था। दीपिका के पिता उस समय ऑटो चलाते थे और इनकी मां मेडिकल कॉलेज में नर्स रह चुकी हैं। यह बड़े ही सामान्य परिवार में जन्मी थी। इन्हें बचपन से निशाना लगाना पसंद था। यह आम पेड़ पर लटके आमों को पत्थर से मारकर गिराने में काफी मजा आता था।
साधारण परिवार से होने की वजह से शुरुआत में वह बांस के डंडों से धनुष और तीर बनाकर निशाना लगाती थी। बाद में टाटा तीरंदाज़ी अकादमी में ट्रेनिंग ले रही अपनी चचेरी बहन विद्या कुमारी की मदद से उन्हें सही राह मिल गई। अकादमी में अपनी प्रतिभा को निखारने के बाद उन्होंने 2009 में कैडेट विश्व चैंपियनशिप जीती। उसी वर्ष उन्होंने अमेरिका के ओग्डेन में 11वीं युवा विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप भी जीती।
ऐसे हुई थी करियर की शुरूआत
आपको बता दें कि दीपिका कुमारी की तीरंदाजी की शुरूआत साल 2005 में हुई। वो पहली बार अर्जुन आर्चरी अकादमी की हिस्सा बनी। जिसके बाद साल 2006 में उन्होंने टाटा तीरंदाजी अकादमी का हिस्सा बनी। यहां पर उन्होंने तीरंदाजी के सही से सीखा। इसके बाद साल 2006 में मैरीदा मेक्सिकों में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया। यहीं से उनकी यह सफर शुरू हुई। सिर्फ इतना ही नहीं दीपिका को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गिया है। इसके साथ ही साल 2016 में तत्कालीन प्रबण मुखर्जी ने उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया।
अतनु- दीपिका 30 जून को मना रहे पहली एनिवर्सरी
दीपिका कुमारी ने अपने साथी भारतीय तीरंदाज अतनु दास से शादी (Deepika Kumari Marriage) की। अतनु दास और दीपिका कुमारी ने पिछले साल 30 जून को शादी की थी। 30 जून को यह अपनी पहली मैरिज एनिवर्सरी मनाने जा रहे हैं। इन्होंने पहली बार पति - पत्नी के रूप में गोल्ड मैडल जीता है। यह गोल्ड एक तरफ से इस जोड़े का एनिवर्सरी का तोहफा है। दीपिका ने मैच जीतने के बाद कहा 'ऐसा लगता है जैसे हम एक दूसरे के लिए बने हुए हैं।'
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