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Rajyasabha Election 2022: निर्विरोध चुनी गईं बीजेपी प्रत्याशी फांगनोन कोन्याक, जीतते ही रचा इतिहास

Rajyasabha Election 2022: नागालैंड की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मैदान में उतरीं बतौर भाजपा उम्मीदवार फांगनोन कोन्याक निर्विरोध चुनाव जीत गईं हैं।

Krishna Chaudhary
Report Krishna ChaudharyPublished By Shreya
Published on: 21 March 2022 11:03 PM IST
Rajyasabha Election 2022: निर्विरोध चुनी गईं बीजेपी प्रत्याशी फांगनोन कोन्याक, जीतते ही रचा इतिहास
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बीजेपी प्रत्याशी फांगनोन कोन्याक (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Rajyasabha Election 2022: देश में इन दिनों 13 सीटों पर होने जा रहे राज्यसभा चुनाव के लिए सियासी सरगर्मी तेज है। इसी क्रम में पूर्वोतर राज्य नागालैंड (Nagaland) की एक सीट पर राज्यसभा का चुनाव होना था। लेकिन यहां मतदान से पहले ही बीजेपी की महिला प्रत्याशी ने जीत अपने नाम कर ली। नागालैंड की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मैदान में उतरीं बतौर भाजपा उम्मीदवार फांगनोन कोन्याक (Phangnon Konyak) निर्विरोध चुनाव जीत गईं हैं। ऐसा करके उन्होंने इतिहास भी रच दिया है। वो राज्य की पहली महिला राज्यसभा सांसद होने के साथ – साथ नागालैंड से भी बीजेपी की पहली महिला सांसद (BJP First Woman MP) हैं।

नागालैंड भाजपा महिला ईकाई की अध्यक्ष फांगनोन कोन्याक ने सोमवार सुबह राज्य के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष तेमजेन इल्मा अलोंग की उपस्थिति में अपना नामांकन (Phangnon Konyak Filed Nomination) दाखिल किया। नागालैंड की इस अकेली सीट पर 31 मार्च को मतदान निर्धारित था। लेकिन बीजेपी प्रत्य़ाशी कोन्याक आज ही जीत गईं। दरअसल आज नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था, औऱ तय समय तक किसी उम्मीदवार ने अपना नामंकन दाखिया नहीं किया था।

विपक्ष एकराय नहीं बना सका

नागालैंड में सत्ताधीर नेडा जिसे एनडीए का पूर्वोतर संस्करण कहा जाता है के पास 60 सदस्यीय विधानसभा में 35 विधायक हैं। बीजेपी यहां नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) के नेता और मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की अगुवाई वाली सरकार में सहयोगी है। वहीं विधानसभा में विपक्षी दल नगा पीपुल्स फ्रंट के पास 25 विधायक हैं। शनिवार को एनपीफ की द्वारा बैठक की गई थी, जिसमें बीजेपी के खिलाफ प्रत्याशी उतारने पर फैसला लेना था, लेकिन बैठक बैनतीजा रही।

नागालैंड में आजतक कोई नहीं हुआ महिला विधायक

साल 1963 में गठन होने के बाद से अब तक नागालैंड विधानसभा में कोई महिला विधानक चुनकर नहीं जा सकी है। लंबे समय़ से उग्रवाद से प्रभावित रहे इस राज्य में केवल एकबार किसी महिला सांसद ने यहां से चुनाव जीता था। 1977 के चुनाव में रानो एम शाइजा ने पहली बार बतौल निर्दीलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव जीता था। उसके बाद से आजतक कोई महिला प्रत्याशी वहां से चुनाव जीतकर संसद नहीं पहुंच चुकी है। महिलाओं के मुद्दे पर काफी मुखर रहने वाली फांगनोन कोन्याक के जीतने के बाद संसद में पांच दशकों के बाद नागालैंड की महिला प्रतिनिधि का आवाज गुंजेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ीं कोन्याक ट्विटर पर समानता और महिला सशक्तिकरण के बारे में नियमित रूप से पोस्ट करती हैं।

बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजकर नागालैंड की महिला मतदाताओं के साथ – साथ कोन्याक आदिवासी समूह को भी साधने की कोशिश की है। जिसके 14 सदस्य बीते साल दिसंबर में सेना के साथ गोलीबारी में मारे गए थे।

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