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BUDGET 2022: मध्यम और छोटी फर्मों को मिलेगी मदद, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय बजट पेश किया। इस बजट में वित्त मंत्री ने मध्यम और छोटे वर्ग के फर्मों के लिए कई तरह का घोषणा किया है।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Neel Mani Lal
Published on: 1 Feb 2022 2:05 PM IST
BUDGET 2022: मध्यम और छोटी फर्मों को मिलेगी मदद, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए घोषणा
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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट पेश (Budget 2022) करते हुए कहा है कि आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को अगले वित्त वर्ष में भी 5 लाख करोड़ रुपये के विस्तारित गारंटी कवर के साथ बढ़ाया जाएगा। इसमें हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त गारंटी राशि की घोषणा की गई है।

ईसीएलजीएस के तहत, कोरोना प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप लिक्विडिटी की कमी से परेशान कंपनियों को मदद देने की व्यवस्था है। इसमें बैंक मौजूदा उधारकर्ताओं को अतिरिक्त कोलेटरल मांगे बिना अतिरिक्त ऋण प्रदान करते हैं। बैंकों को प्रोत्साहित करने के लिए इन ऋणों पर सरकार द्वारा बट्टे खाते के खिलाफ पूरी तरह से गारंटी दी जाती है। यह योजना यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि राज्यों में रुक-रुक कर होने वाले लॉकडाउन से प्रभावित एमएसएमई (MSME) को आगे रहने के लिए धन मिले।

इस स्कीम के तहत सुविधा की मंजूरी और पैसे का डिस्ट्रीब्यूशन अपेक्षाकृत तेज गति से होता है क्योंकि इन ऋणों के खिलाफ चूक के मामले में उधारदाताओं के पास केंद्र सरकार की गारंटी है। होस्पिटैलिटी, ट्रेवल, टूरिज्म के साथ-साथ अवकाश और खेल क्षेत्रों की कंपनियों को योजना में छूट से लाभ होने की उम्मीद है। होटल, रेस्तरां, कैंटीन, कैटरर, मैरिज हॉल, टूर ऑपरेटर, साथ ही मनोरंजन पार्क और थिएटर भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। ऐसे खाते जिन्हें एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया है या जहां लोन चुकाने की सीमा 60 दिनों को पार कर चुकी है वे इस स्कीम की पात्र नहीं हैं।

नवंबर 2020 में, सरकार ने अर्थव्यवस्था में तनावग्रस्त क्षेत्रों को धन सहायता प्रदान करने के लिए इस स्कीम का एक नया संस्करण लॉन्च किया था। जिन कंपनियों का 29 फरवरी, 2020 तक 30 दिनों (विशेष उल्लेख खाते या एसएमए-0) तक का ऋण बकाया था, उन्हें योजना के तहत बकाया 20 प्रतिशत का अतिरिक्त क्रेडिट प्रदान किया जा रहा था। अब ये कर्ज एसएमए -1 खातों को दिया जाएगा।

मांग की वजह से सीमा में बढ़ोतरी

यह योजना के तहत ऋण स्वीकृति सीमा 3 लाख करोड़ रुपये की है, लेकिन इसे मांग के आधार पर बढ़ाया जा सकता है। कोरोना काल में सबसे बुरा हाल निर्माण, व्यापार, होटल और परिवहन क्षेत्रों में रहा है। व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएं विशेष रूप से प्रभावित हुई हैं, जहां उत्पादन कोरोना महामारी (2019-20) के स्तर से 8.5 प्रतिशत अंक नीचे था। अधिकांश अन्य क्षेत्रों में उत्पादन पूर्व-महामारी के स्तर से ऊपर हो गया है। कृषि में सुधार सबसे मजबूत स्थिति में है।

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