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Budget 2022: बजट में पहली बार गेमिंग सेक्टर की चर्चा, इसमें रोजगार बढ़ाने की बड़ी योजना

Budget 2022: गेमिंग और एनीमेशन इंडस्ट्री में बड़ी संख्या में भारतीय इंजीनियर आगे हैं, अब पहली बार बजट में इस सेक्टर की बात की गयी है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 1 Feb 2022 4:10 PM IST
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गेमिंग सेक्टर (फोटो-सोशल मीडिया)

Budget 2022: दुनिया भर में गेमिंग और एनीमेशन इंडस्ट्री का बोलबाला है। इस इंडस्ट्री में बड़ी संख्या में भारतीय इंजीनियर भी आगे हुए हैं लेकिन इन कंपनियों में ज्यादातर अमेरिकी और यूरोपियन कंपनियों का बोलबाला है जबकि बहुत सा काम भारत को आउटसोर्सिंग के रूप में मिलता है।

अब पहली बार बजट में इस सेक्टर की बात की गयी है। इसका मतलब है कि अब सरकार ने इस इंडस्ट्री के पोटेंशियल को और उसमें रोजगार तथा रेवेनुए के अवसरों की तरफ ध्यान दिया है। इस इंडस्ट्री में मेटावर्स बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।

बाजारों और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-2023 के अपने बजट भाषण के दौरान घोषणा की है कि सरकार एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) टास्क फोर्स का गठन करने जा रही है। यह टास्क फोर्स भारतीय बाजारों की सेवा करने और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए घरेलू क्षमता बनाने में मदद करेगी।

वित्त मंत्री ने कहा है कि एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) टास्क फोर्स का गठन हमारे बाजारों और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए घरेलू क्षमता बनाने के लिए किया जाएगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), तकनीकी शिक्षा के लिए भारत की भारतीय नियामक संस्था, शहरी नियोजन पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम को आकार देने के लिए जिम्मेदार होगी।

डेलॉयट इंडिया के पार्टनर और मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के अग्रणी जेहिल ठक्कर के अनुसार, केंद्रीय बजट में घोषित एवीजीसी प्रमोशन टास्क फोर्स की स्थापना से भारत को डेलॉइट के अनुमानों के अनुसार 20 लाख नौकरियां हासिल करने की क्षमता हासिल करने में मदद मिलेगी। मेटावर्स के विकास के भारत इस पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाने के लिए तैयार है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, गेमिंग ट्रिलियन डॉलर का उद्योग है और भारत सरकार ने इस क्षेत्र की क्षमता को स्वीकार किया है, ये स्वागत योग्य कदम है।

एनीमेशन उद्योग कोई नया सेगमेंट नहीं है लेकिन भारत इसका हब नहीं बन सका जबकि दुनिया की सबसे बड़ी एनिमेटेड और एक्शन फिल्मों का भारत एक प्रमुख आउटसोर्सिंग केंद्र है। एनिमेशन, वीएफएक्स और पोस्ट-प्रोडक्शन सेगमेंट 2018 में 18 फीसदी बढ़कर 7,890 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2023 में 12,900 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय एनिमेशन और विजुअल इफेक्ट उद्योग वर्तमान में वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का 10 फीसदी हिस्सा है और 2025 तक 20-25 फीसदी तक पहुंचने की क्षमता है। भारतीय गेमिंग उद्योग के 2022 तक 14,300 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।

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Vidushi Mishra

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