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न्यायपालिका पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला, CBI ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार
Social Media Posts Against Judges: न्यायपालिका और न्यायाधीश के खिलाफ मनगंढ़त और भ्रामक बातें फैलाने के मामले में सीबीआई ने तीन आरोपियों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है।
Social Media Posts Against Judges: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और तेलंगाना (Telangana) में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। न्यायपालिका और न्यायाधीश के खिलाफ मनगंढ़त और भ्रामक बातें फैलाने के मामले बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation- CBI) ने तीन आरोपियों को हैदराबाद (Hyderabad) से गिरफ्तार किया है। इनमें एक कारोबारी औऱ एक वकील भी शामिल है। इन्हें आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित न्यायिक अदालत (Guntur Court) में पेश किया गया। जहां से इन्हें न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया है।
सीबीआई की कार्रवाई
सीबीआई ने कथित तौर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Online Platform) पर साक्षात्कारों/सोशल मीडिया/पोस्ट/भाषणों के माध्यम से न्यायाधीशों और न्यायपालिका को जानबूझकर निशाना बनाने में कथित रूप से शामिल आरोपियों के खिलाफ कई मामले/एफआईआर दर्ज किए, जिसमें दुर्भावनापूर्ण रूप से आदेशों/निर्णयों के वितरण में छिपे हुए उद्देश्यों को जिम्मेदार ठहराया गया था। सीबीआई ने बताया कि उसने ये कार्रवाई आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) के आदेश पर की है।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
बीते साल 22 अक्टूबर को सीबीआई (CBI) ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभिन्न स्थानों से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनपर आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए कुछ फैसलों सहित न्यायधीशों और न्यायपालिका के विरूद्ध सोशल मीडिया (Social Media) पर अपमानजनक बातें करने का आरोप है।
विदेश में रह रहे आरोपी को भी पकड़ने की जारी है कवायद
इस मामले में कुछ आरोपी ऐसे भी हैं जिन्होंने देश के बाहर अपना डेरा जमाए हुए हैं। इनतक पहुंचने में सीबीआई को खासी मशक्कत भी करनी पड़ रही है। विदेश में रह रहे एक अन्य़ आरोपी के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी सबूत जमा कर रही है। उसके यूट्यूब चैनल भी बंद करवाया जा चुका है। इन आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrant) जारी करा राजनयिक माध्यमों से उन्हें गिरफ्तार करने की प्रकिया शुरू कर चुकी है।
आरोपियों के फेसबुक प्रोफाइल, ट्विटर अकाउंट, फेसबुक पोस्ट, ट्विट्स, फेसबुक से यू ट्यूब वीडियो, ट्विटर, गूगल आदि सभी चीजों को खंगाला जा रहा है। इस कवायद में केंद्रीय जांच एजेंसी की मदद म्यूचुअल लीगल असिस्टेन्स ट्रीटी (MLAT) कर रही है।
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