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CDS Helicopter Crash: हेलिकॉप्टर हादसे की जांच रिपोर्ट रक्षा मंत्री को सौंपी, कई महत्वपूर्ण वजहों का खुलासा

CDS Helicopter Crash: पिछले महीने सेना के सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) उनकी पत्नी सहित 13 सैन्य अधिकारियों का एक हेलीकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में दुखद अंत हो गया था।

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Newstrack NetworkPublished By aman
Published on: 5 Jan 2022 3:12 PM IST
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सीडीएस बिपिन रावत (फोटो-सोशल मीडिया)

CDS Helicopter Crash: पिछले महीने सेना के सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) उनकी पत्नी सहित 13 सैन्य अधिकारियों का एक हेलीकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में दुखद अंत हो गया था। तब इस घटना की जांच को लेकर एक समिति का गठन किया गया था। वायुसेना (Air Force) ने आज 05 जनवरी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) को जांच से जुड़ी रिपोर्ट (Report) सौंप दी है। रिपोर्ट में हादसे को लेकर कई महत्वपूर्ण तथ्य पेश किए गए तथा सिफारिशें हैं। इसका विस्तार से प्रेजेंटेशन (Presentation) भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दिया गया। साथ ही, हादसे के कारणों पर भी विस्तार से जानकारी दी गई।

बता दें, कि 8 दिसंबर 2021 को हुए हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) सहित 13 सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (kunnur) के समीप हुए इस भीषण हादसे की जांच तीनों सेना की संयुक्त समिति (joint committee) ने की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जांच रिपोर्ट में दुर्घटना के कारणों को लेकर समिति ने अपने नतीजों से रक्षा मंत्री को अवगत कराया है। साथ ही, वीआईपी (VIP) उड़ान के लिए भविष्य के हेलीकॉप्टर संचालन से जुड़ी सिफारिशें भी की हैं।

जानें समिति ने क्या कहा?

एक राष्ट्रीय समाचार माध्यम ने जांच से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है, कि जांच समिति ने रूस में निर्मित Mi-17V5 helicopter के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच तय समय से पहले ही पूरी कर ली थी। इससे पहले सूत्रों ने कहा था, कि भारतीय वायुसेना का यह हेलीकॉप्टर किसी तकनीकी खामी के कारण हादसे का शिकार नहीं हुआ। हालांकि, इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। गौरतलब है, कि दुर्घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (court of inquiry) की अध्यक्षता एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह (Air Marshal Manvendra Singh) ने की। भारतीय नौसेना के एक वरिष्ठ हेलिकॉप्टर पायलट दुर्घटना की जांच का हिस्सा बने थे। बताया जा रहा है, कि जांच समिति ने रक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों (senior officers) को ले जाने वाले हेलिकॉप्टर के संचालन के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं को संशोधित करने के लिए कुछ सिफारिशें भी की हैं।

क्या था मामला?

दरअसल, 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर हादसे की जांच तीनों सेना की संयुक्त समिति ने की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रूस निर्मित Mi-17V5 पहाड़ियों में उड़ रहा था। उड़ान के दौरान विमान घने बादल में घुस गया। मौसम काफी खराब था। इस दौरान दृश्यता काफी कम थी। चालक को दिखाई कम दे रहा था। अंतत: हेलिकॉप्टर एक चट्टान से टकराकर हादसे का शिकार हो गया।

'मास्टर ग्रीन' श्रेणी का था चालक दल

सूत्रों के अनुसार चूंकि पूरा चालक दल 'मास्टर ग्रीन' श्रेणी का था। इसलिए ऐसा लगता है, कि उन्हें भरोसा था कि वे उस स्थिति से बाहर निकल जाएंगे। क्योंकि, आपात स्थिति का सुझाव देने के लिए उन्होंने ग्राउंड स्टेशनों पर कोई कॉल नहीं किया। ज्ञात हो, कि तीनों बलों के परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर बेड़े में सर्वश्रेष्ठ पायलटों को 'मास्टर ग्रीन' श्रेणी दी जाती है। इन पायलट को कम दृश्यता में भी विमान उड़ाने और उतारने में कुशलता प्राप्त होती है।

इस दुखद हादसे में 13 सैन्य अधिकारियों के अलावा सीडीएस जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत का भी निधन हो गया। मृतकों में रावत के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह आदि शामिल थे।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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