Jammu-Kashmir: पीएम मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, 24 जून को जम्मू-कश्मीर पर अहम चर्चा

Jammu-Kashmir: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश को तरफ ध्यान केंद्रित करते हुए सभी राजनीतिक दलों की एक मीटिंग भी बुलाई है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 19 Jun 2021 3:57 AM GMT (Updated on: 19 Jun 2021 4:01 AM GMT)
Expansion of Modi cabinet soon, this time allies will get more chance
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मोदी कैबिनेट (फोटो- सोशल मीडिया)

Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर(Jammu Kashmir) यानी केंद्र शासित प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव पास आ रहे हैं, वैसे-वैसे चर्चाएं और हलचलों ने काफी जोर पकड़ लिया है। ऐसे में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश को तरफ ध्यान केंद्रित करते हुए सभी राजनीतिक दलों की एक मीटिंग भी बुलाई है। केंद्र की इस पहल के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं।

आपको बता दें कि दो साल पहले अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटा कर जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया गया था। इसके साथ ही इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का ऐलान किया गया था। बता दें, विधानसभा चुनावों के आने से इस बैठक को बहुत अहम माना जा रहा है।

ये लोग होंगें शामिल

साथ ही ये भी संभावना है कि इस सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई दूसरे केंद्रीय नेता भी शामिल हो सकते हैं। केंद्र शामित प्रदेश में राजनीतिक हलचलों में चुनावों के पास आते ही जोर पकड़ लिया है।

ऐसे में केंद्र सरकार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन को बातचीत के लिए आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इस बारे में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें 24 जून को दिल्ली में 'शीर्ष नेतृत्व' के साथ बैठक में शामिल होने का फोन आया था। लेकिन उन्होंने इस बात की पुष्टि नहीं की कि क्या मुख्यधारा के गठबंधन के सभी सदस्य इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं।

महबूबा मुफ्ती (फोटो-सोशल मीडिया)

माकपा नेता और पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने केंद्र से चर्चा को लेकर कहा कि दिल्ली से कोई संदेश नहीं आया है, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो इसका स्वागत किया जाएगा।

संवाद ही एकमात्र तंत्र

आगे तारिगामी ने कहा, 'हमने केंद्र के साथ बातचीत के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए हैं। हालांकि मुझे किसी बातचीत के बारे में कोई जानकारी नहीं है, अगर ऐसा होता है, तो इसका स्वागत किया जाएगा।'

वहीं जेकेएपी के अध्यक्ष बुखारी ने कहा, ''मैं स्वागत करता हूं, यदि और कभी, बातचीत होती है। यह मार्च 2020 की हमारी स्थिति की पुष्टि करता है जब हमने यह स्पष्ट कर दिया था कि जम्मू कश्मीर के लिए लोकतंत्र और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संवाद ही एकमात्र तंत्र है।'' उन्होंने कहा, ''देर आये दुरुस्त आये क्योंकि हमारी सभी समस्याओं का समाधान नई दिल्ली के पास है और कहीं नहीं है।''

इस पर अधिकारियों ने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर देसाई के नेतृत्व में परिसीमन आयोग, जिसे संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के पारित होने के तुरंत बाद गठित किया गया था, के अपने काम में तेजी लाने और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की संभावना है। वहीं आयोग का गठन फरवरी 2020 में किया गया था और इसे इस साल मार्च में एक साल का विस्तार यानी एक्सटेंशन दिया गया है।


Vidushi Mishra

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