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Chaudhary Charan Singh Janmdin: किसान मसीहा के रूप में जाने जाते हैं चौधरी चरण सिंह

Chaudhary Charan Singh Janmdin: आज की राजनीति में जब कभी भी किसानों के मसीहा के तौर पर किसी राजनेता का नाम लिया जाता है तो केवल एक ही नाम सामने आता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों के लिए ही बिताया। उनके हित के लिए न जाने कितने काम किए।

Shreedhar Agnihotri
Report Shreedhar AgnihotriPublished By Shreya
Published on: 23 Dec 2021 4:58 AM GMT
Chaudhary Charan Singh Janmdin: किसान मसीहा के रूप में जाने जाते हैं चौधरी चरण सिंह
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चौधरी चरण सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Chaudhary Charan Singh Janmdin: आज की राजनीति में जब कभी भी किसानों के मसीहा के तौर पर किसी राजनेता का नाम लिया जाता है तो केवल एक ही नाम सामने आता है। वह है चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) का। अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में किसानों के हितों के लिए संघर्षरत रहे। चौधरी चरण सिंह का जन्म (Chaudhary Charan Singh Birthday) आज ही के दिन 23 दिसंबर को हापुड़ (Hapur) में एक जाट परिवार में हुआ था।

उन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों के लिए ही बिताया। उनके हित के लिए न जाने कितने काम किए। इसलिए आज का दिन किसान दिवस (Kisan Diwas) के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन इस कार्यक्रम का जश्न मनाने के लिए कृषि के ऊपर कई वाद-विवाद कार्यक्रम, समारोह, सेमिनार और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

चौधरी चरण सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

चौ. चरण सिंह विकिपीडिया (Chaudhary Charan Singh Wiki In Hindi)

स्वाधीनता आंदोलन (Swadhinta Andolan) के समय उन्होंने राजनीति (Politics) में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने बरेली की जेल (Bareilly Jail) से दो डायरी रूपी किताब भी लिखी। स्वतन्त्रता के पश्चात् वह डॉ राम मनोहर लोहिया के ग्रामीण सुधार आन्दोलन (Gramin Sudhar Andolan) में लग गए। अपने पूरे जीवन में नम्र और शालीन रहे चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक एक छोटे कार्यकाल के लिए देश के प्रधान मंत्री (India Prime Minister) भी बने। प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारतीय किसानों के जीवन में सुधार के लिए कई नीतियां शुरू कीं।

किसानों के मुद्दों से रखते थे खुद को जुड़ा

चौ चरण सिंह आदर्श जाट नेता (Jat Neta) थे। वह एक किसान परिवार (Kisan Family) से संबंध रखते थे। यही कारण था कि वे खुद को किसानों के मुद्दों से जुड़ा हुआ रखते थे। उनको समर्थन करने का भरपूर प्रयास करते थे। जब वे 1979 में भारत के प्रधान मंत्री बने तो उन्होंने किसानों के जीवन में सुधार के लिए कई बदलाव किए। उन्होंने 1979 के बजट को पेश किया जिसे किसानों की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया था।

कृषि निर्माण के पीछे विधानसभा में चौधरी चरण सिंह द्वारा पेश किए गए प्रसिद्ध बाजार विधेयक थे। जमींदारी उन्मूलन अधिनियम भी उनके द्वारा शुरू किया गया और लागू किया गया। किसान दिवस के तौर पर आज के दिन उत्तर प्रदेश के लगभग 26 कृषि ज्ञान और लगभग 31 कृषि विज्ञान केंद्रों में इसे मनाया जाता हैं। चौ चरण सिंह की स्मृति में दिल्ली में स्मृति उपवन बनाया गया है।

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Shreya

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