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चीन फिर दिखा रहा चालबाजी: एलएसी पर जंगी जहाजों की तैनाती और भारत को बातचीत की नसीहत

चीन अपनी चालबाजी से एक बार फिर भारत को भरमाने की साजिश में जुटा हुआ है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पार चीन के फाइटर जेट अभ्यास करने में जुटे हुए हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 9 Jun 2021 2:29 PM IST
Chinese fighter jets are engaged in exercises across the LAC in eastern Ladakh.
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चीन फिर दिखा रहा चालबाजी: फोटो- सोशल मीडिया  

नई दिल्ली: चीन अपनी चालबाजी से एक बार फिर भारत को भरमाने की साजिश में जुटा हुआ है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पार चीन के फाइटर जेट अभ्यास करने में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर चीन ने भारत को एक-दूसरे से विवाद का रास्ता छोड़कर आपसी सहयोग बढ़ाने की नसीहत दी है।

रक्षा सूत्रों का कहना है कि एलएसी के आसपास सैन्य अभ्यास के दौरान चीन के आधुनिक 22 जंगी जहाजों ने उड़ानें भरी हैं। वहीं भारत में चीन के राजदूत सुन वेदोंग ने कहा है कि दोनों देशों को आपसी बातचीत और परामर्श के जरिए सीमा से जुड़े मतभेदों को सुलझाना चाहिए। चीनी राजदूत की इस टिप्पणी के बावजूद भारत ड्रैगन के रवैये को लेकर सतर्क हो गया है और एलएसी पर निगरानी और बढ़ा दी गई है।

एलएसी के पास जंगी जहाज मंडराए

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच शुरू हुआ गतिरोध अभी तक समाप्त नहीं हुआ है। चीनी सेना ने अपने इलाके में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही सैन्य गतिविधियां भी काफी बढ़ा दी हैं। रक्षा सूत्रों का कहना है कि पूर्वी लद्दाख के दूसरी ओर चीन बड़े स्तर पर अभ्यास में जुटा हुआ है और इसी के तहत 22 जंगी जहाजों ने एलएसी के आसपास के इलाके में उड़ानें भरीं।


चीन फिर दिखा रहा चालबाजी: फोटो- सोशल मीडिया

चीनी सेना की ओर से किए गए इस अभ्यास में चीन के आधुनिक जे-16 और जे-11 विमान भी शामिल थे। जे-11 विमान को भारत के सुखोई-27 जंगी जहाजों का चीनी संस्करण माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक एलएसी पार अपने इलाकों में चीन ने बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान तैनात कर रखे हैं जो हर तरह के अभियान के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

भारतीय सेना भी जवाब देने को तैयार

चीन के इस रवैये को देखते हुए भारतीय सेना भी अलर्ट मोड में है और चीनी सेना की गतिविधियों पर पैनी निगाह रखे हुए है। भारतीय सेना की ओर से भी लद्दाख में मिग-21 विमानों समेत जंगी जहाजों की तैनाती की जा रही है।

फ्रांस से आए ताकतवर राफेल जंगी विमान भी लद्दाख में उड़ान भर दुश्मन सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसके साथ ही भारत की ओर से सुखोई-30 विमानों की भी तैनाती की गई है।

दोनों देशों में सहयोग बढ़ाने की वकालत

चीन की चालबाजी को इसी से समझा जा सकता है कि एक ओर तो वह जंगी जहाजों के जरिए सैन्य अभ्यास में जुटा हुआ है तो दूसरी ओर भारत में तैनात चीनी राजदूत सुन वेदोंग दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। सुन का कहना है कि दो देशों के बीच सीमा विवाद होना एक सामान्य बात है और इसे बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चीन बातचीत के जरिए ही इन विवादों को सुलझाने की कोशिश में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और उसके साथ ही एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना रखते हुए समान व्यवहार करना चाहिए।

टकराव का रास्ता छोड़ने पर जोर: फोटो- सोशल मीडिया

टकराव का रास्ता छोड़ने पर जोर

इंडियन यूथ लीडर्स के साथ ऑनलाइन चर्चा में चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों देशों को कोरोना महामारी से निपटने और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए। दोनों देशों को एक-दूसरे के प्रति टकराव का रवैया छोड़ना होगा। मतभेदों को दूर करने के लिए दूर करने के लिए स्वीकार्य समाधान का रास्ता खोजना होगा।

जानकारों का कहना है कि चीन फिर चालबाजी दिखाने में जुटा हुआ है। वह बातचीत के जरिए विवादित मुद्दों को सुलझाने की बात तो कह रहा है मगर एलएसी पर लगातार अपनी गतिविधियां भी बढ़ा रहा है। यही कारण है कि भारतीय सेना भी सतर्क होकर चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।



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Shashi kant gautam

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