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अब अरुणाचल सीमा पर चीन की नई शरारत, भूटान में घुसकर बना डाला आर्मी बेस

China Invading Bhutan: अरुणाचल प्रदेश से लगे भूटान के इलाके में चीन ने 8 किलोमीटर अंदर एक नया गांव बसा लिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 24 May 2021 4:24 AM GMT (Updated on: 24 May 2021 4:35 AM GMT)
अब अरुणाचल सीमा पर चीन की नई शरारत, भूटान में घुसकर बना डाला आर्मी बेस
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कांसेप्ट इमेज

China Invading Bhutan: पिछले साल लद्दाख (Ladakh) में एलएसी (LAC) पर घुसपैठ की कोशिश करने वाला चीन अब अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के सीमावर्ती इलाकों में भी शरारत पर उतर आया है। हाल के दिनों में अरुणाचल सीमा से सटे इलाकों में चीन (China) की हलचल काफी बढ़ गई है और वह अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में जुटा हुआ है। चीन सरकार की ओर से तिब्बत (Tibet) पर जारी श्वेत पत्र से अरुणाचल प्रदेश में उसकी इस नई शरारत का खुलासा हुआ है।

अरुणाचल प्रदेश से लगे भूटान के इलाके में भी चीन ने बड़ी शरारत की है। चीन भूटान के 8 किलोमीटर अंदर एक नया गांव बसा लिया है। ग्यालाफुग नामक इस गांव में चीन ने सड़क और इमारतों के अलावा पुलिस स्टेशन और आर्मी बेस तक की स्थापना कर डाली है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का यह खुलासा हर किसी का होश उड़ाने वाला है।

लद्दाख में नहीं खत्म हुआ गतिरोध

पिछले साल गर्मी के दिनों में भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में जमकर टकराव हुआ था और इस दौरान दोनों ओर के कई सैनिक मारे गए थे। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक गतिरोध पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। पूर्वी लद्दाख के भीतरी इलाकों में भी चीनी सेना के अभ्यास की खबरें आई हैं।

इसके साथ ही चीनी सेना अपने ढांचे को मजबूत करने और अपने क्षेत्र में ब॔करों का निर्माण करने में भी जुटी हुई है। पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के अभ्यास और सक्रियता को देखते हुए भारतीय सेना भी अलर्ट मोड पर है। भारतीय सेना चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बीच अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से भी चीनी सेना की हरकत बढ़ने की खबर आ रही है।

तिब्बत पर जारी दस्तावेज से खुलासा

चीन की ओर से तिब्बत पर जारी दस्तावेज में सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास और लोगों के जीवन में सुधार करने पर जोर दिया गया है। चीन का कहना है कि हिमालय क्षेत्र सामरिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है और यह 4000 किलोमीटर लंबी बाहरी सीमा साझा करता है।
दस्तावेज के मुताबिक चीनी सरकार सीमावर्ती इलाकों का विकास पर लोगों का जीवन स्तर सुधारने की कोशिश में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चीन की इसी मुहिम का हिस्सा है। इस खुलासे के बाद चीन के लद्दाख की तरह ही अरुणाचल प्रदेश में भी स्थितियां पैदा करने की आशंकाओं को बल मिला है।

भूटान में चीन की घुसपैठ,बसाया नया गांव

इस बीच ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भूटान में चीन की घुसपैठ का सनसनीखेज खुलासा किया है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के मुताबिक चीन ने भूटान के अंदर 8 किलोमीटर तक घुसपैठ कर ली है। चीन की ओर से बसाए गए ग्यालाफुग गांव में चीन ने पुलिस स्टेशन और आर्मी बेस के साथ पावर प्लांट, गोदाम और कम्युनिस्ट पार्टी का ऑफिस तक बना डाला गया है।

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने एक रिसर्च जनरल में छपी रिपोर्ट के हवाले से यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के कब्जे वाले इस गांव में सौ से ज्यादा लोग डेरा डाले हुए हैं और निर्माण कार्यों से जुटे वर्कर्स का भी आना-जाना लगा हुआ है।

अरुणाचल की सीमा से सटा हुआ है इलाका

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की इस रिपोर्ट में भी इस इलाके के भारत के अरुणाचल प्रदेश से लगे होने का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन पहले भी अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता रहा है और भूटान की जमीन पर कब्जा करने के पीछे उसकी असली मंशा भारत को निशाना बनाने की है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के जमीन पर कब्जा करने के बाद भूटान के लोगों में निराशा बढ़ रही है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के मुताबिक 1980 के चीन के नक्शे में ग्यालाफुग गांव भूटान के अंदर दिखाया गया है मगर अब चीन इस जमीन पर अपना दावा ठोकने में जुटा हुआ है।

चीन की चाल के पीछे खास रणनीति

चीनी मामलों के जानकारों का कहना है कि चीन सोची समझी रणनीति के तहत यह सबकुछ कर रहा है। भूटान के चीन के मुकाबले भारत से ज्यादा अच्छे संबंध हैं और भूटान का ज्यादा व्यापार भी भारत के साथ ही होता है। चीन की नाराजगी का एक यह भी बड़ा कारण है। चीन ने यह कदम एक खास रणनीति के तहत उठाया है ताकि इस कदम पर भूटान की ओर से विरोध जताया जाए और फिर वह इस इलाके पर अपना दावा ठोक दे। जानकारों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी ताकत बढ़ाने के बाद चीन इस क्षेत्र में दादागिरी पर उतर आया है और वह एक बार फिर अपनी साम्राज्यवादी नीति का परिचय दे रहा है।
Shivani

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