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Chunaav Sudhar Bill: फर्जी मतदान रोकने लिए चुनाव सुधार विधेयक लोकसभा में पेश, आधार कार्ड से जुड़ेगी मतदाता सूची
Chunaav Sudhar Bill: संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में आज चुनाव सुधारों से जुड़ा बिल पेश कर दिया गया है। इस पर विपक्ष ने स्टैंडिंग कमेटी के पास बिल भेजने की मांग की है।
Chunaav Sudhar Bill: संसद के शीतकालीन सत्र (Sansad Ka Sheetkalin Satra) में विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में आज चुनाव सुधारों से जुड़ा बिल (Electoral Reforms Bill) पेश कर दिया गया है। बिल के जरिए जन प्रतिनिधि कानून 1950 और जन प्रतिनिधि कानून 1951 में बदलाव किया जाएगा। इसे चुनाव सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बता दें कि बीते हफ्ते बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की ओर से इन बदलावों को मंजूरी दी गई थी।
सोमवार 20 दिसंबर 2022 को संसद में एक चुनाव सुधार सम्बंधी बिल पेश होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा बोल दिया है। इन चुनाव सुधार बिल के विषय में विपक्षी सांसदों की मांग है कि इस बिल को वापस स्टैंडिंग कमेटी (Standing Committee) या संसदीय समिति (Parliamentary Committee) के वापस भेजा जाए, जहां वापस से इस विधेयक का विस्तृत रूप से अध्ययन किया जाए।
असल में संसदीय समितियों की स्थापना विभिन्न मामलों का अध्ययन करने और उनसे निपटने के लिए की जाती है, खास तौर से ऐसे मामले जिन्हें विधायिका उनकी अधिक मात्रा होने के कारण सीधे तौर पर नियंत्रित नहीं कर सकती है। इसके अतिरिक्त संसदीय समितियां कार्यकारी शाखा के कामकाज की निगरानी भी करती हैं।
क्या है यह विधेयक?
युवाओं के लिए मतदाता सूची में नामांकन को आसान बनाने और मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने सहित कई चुनावी सुधारों से संबंधित विधेयक सोमवार को संसद में पेश किया गया। इस चुनाव सुधार सम्बंधी विधेयक के विषय में विस्तृत जानकारी लोकसभा द्वारा जारी की गई एक बुलेटिन में दी गई। इसके अतिरिक्त बुलेटिन में यह कहा गया है कि चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक, 2021 को सोमवार को निचले सदन की व्यावसायिक सूची में क्रमबद्ध किया गया है, जिसे कानून और न्याय मंत्री किरन रिजिजू पेश करेंगे। विधेयक द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल दे चुका है मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते बुधवार को आयोजित अपनी एक बैठक में चुनावी सुधारों से संबंधित विधेयक को पेश करने को लेकर मंज़ूरी दे दी थी तथा इस विधेयक के पारित होने के चलते वोटर लिस्ट में दोहराव और फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। हालांकि सरकार ने इस नियम को अनिवार्य नहीं किया है तथा इसे वैकल्पिक रूप में रखा गया है लेकिन आने वाले समय में इसपर पुख्ता नियम बनाए जा सकते हैं। इस विधेयक में जोड़े गए एक नए प्रावधान के तहत अब 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले लोगों को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए एक वर्ष में चार मौके मिलेंगे।
विगत नियम के मुताबिक अभी तक ऐसा सिर्फ साल में एक बार होता है, यानी इसकी कटऑफ डेट 1 जनवरी है तथा कोई व्यक्ति अगर 1 जनवरी के बाद 18 वर्ष का पूरा होता है तो उसे अगले साल तक इंतजार करना होगा। अब इस नए विधेयक द्वारा सरकार इस नियम को बदलने जा रही है तथा इस पेश बिल के मुताबिक 18 साल की उम्र पूरी कर चुके युवाओं को हर तीन महीने में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का मौका मिलेगा।
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