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Jallianwala Bagh: कैप्टन के राहुल विरोधी रुख से गरमाया पंजाब, हाईकमान के खिलाफ ही खोल दिया मोर्चा
राहुल गांधी के इस हमले के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जलियांवाला बाग के नवीनीकरण की तारीफ करके हर किसी को चौंका दिया। उन्होंने यह भी कहा कि नवीनीकरण के बाद अब यह बाग काफी अच्छा लग रहा है।
नई दिल्ली: पंजाब के ऐतिहासिक जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh) के नए स्वरूप को लेकर इन दिनों विवाद छिड़ा हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gnadhi ) ने मंगलवार को अपने ट्वीट के जरिए इस ऐतिहासिक बाग के स्वरूप से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने इसे शहीदों का अपमान भी बताया। राहुल के इस हमले के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab CM Capt. Amarinder Singh) ने जलियांवाला बाग के नवीनीकरण की तारीफ करके हर किसी को चौंका दिया। उन्होंने यह भी कहा कि नवीनीकरण के बाद अब यह बाग काफी अच्छा लग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गत शनिवार को जलियांवाला बाग के नए परिसर का उद्घाटन किया था।
राहुल गांधी की ओर से जलियांवाला बाग के नए परिसर की आलोचना किए जाने के बावजूद कैप्टन की ओर से इसे अच्छा बताने वाला बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। पंजाब कांग्रेस के संबंध में पार्टी हाईकमान के रवैये से कैप्टन भीतर ही भीतर नाराज बताए जा रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू को भी उनकी इच्छा के विरुद्ध ही प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। सिद्धू ने अध्यक्ष का पद संभालने के बाद से कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में यह चर्चा भी हो रही है कि राहुल गांधी के बयान के खिलाफ रुख अपनाकर कहीं कैप्टन ने बदला तो नहीं चुकाया है। कैप्टन के रुख से पंजाब की सियासत एक बार फिर गरमा गई है।
राहुल ने बताया शहीदों का अपमान
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग के नवीनीकरण को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से उठाया गया कदम शहीदों का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा के जलियांवाला बाग के शहीदों के अपमान का यह कदम वही उठा सकता है जिसे शहादत का मतलब और कीमत नहीं पता है। उन्होंने खुद को शहीद का बेटा बताते हुए यहां तक कहा कि मैं इस अपमान को कभी सहन नहीं कर सकता। उन्होंने इसे अभद्र क्रूरता बताते हुए इस कदम का विरोध करने की बात कही है।
कैप्टन को अच्छा लगा बाग में बदलाव
दूसरी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का रुख राहुल गांधी के बयान के पूरी तरह खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक जलियांवाला बाग नए स्वरूप में काफी अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि मैं नहीं जानता कि वहां से क्या हटा दिया गया है जिसे लेकर विवाद हो रहा है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस ऐतिहासिक बाग के नवीनीकरण के बाद उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया था। मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि मुझे यह काफी अच्छा लगा था।
पूरी दुनिया को दहलाने वाली घटना
पूरी दुनिया को दहला देने वाले जलियांवाला बाग की घटना 1919 में हुई थी। 102 साल पहले हुई इस घटना में अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने अंग्रेजों के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर फायरिंग का आदेश दे दिया था। अंग्रेजों की ओर से की गई अंधाधुंध फायरिंग की इस घटना में 1000 से ज्यादा लोग शहीद हुए थे।
आजादी की लड़ाई में बलिदान देने की इस घटना को आज भी पूरे देश में याद किया जाता है। इस घटना को भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय माना जाता है। बाद में इन शहीदों की याद में जलियांवाला बाग में स्मारक का निर्माण किया गया जिसे देखने के लिए भारत ही नहीं दुनिया भर से लोग यहां पहुंचते हैं।
सियासी हलकों में कैप्टन के रुख पर अचरज
राहुल गांधी ने ही नहीं बल्कि कई अन्य नेताओं ने भी जलियांवाला बाग के नवीनीकरण का विरोध किया है । सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम का विरोध करने वालों में प्रसिद्ध इतिहासकार इरफान हबीब भी शामिल है। अब पंजाब के मुख्यमंत्री की ओर से इसे अच्छा बताए जाने के बाद सियासी हलकों में काफी अचरज जताया जा रहा है। राहुल गांधी और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की राय इस मुद्दे पर अलग-अलग होने के कारण कांग्रेस की खूब किरकिरी भी हो रही है।
सियासी जानकारी इसे पंजाब के मुख्यमंत्री की ओर से हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोलने वाला कदम भी मान रहे हैं। पंजाब में हाल के सियासी घटनाक्रम से कैप्टन काफी नाराज हैं। सिद्धू खेमे की ओर से पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की जा रही है। वैसे हाईकमान की ओर से सिद्धू खेमे की इस मांग को खारिज किया जा चुका है। पंजाब के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने 2022 का चुनाव कैप्टन की अगुवाई में लड़ने की घोषणा की है।
कैप्टन सिद्धू खेमे को दिखा चुके हैं ताकत
हालांकि पिछले दिनों कैप्टन ने सियासी डिनर का आयोजन करके अपनी ताकत दिखा दी थी। इस डिनर में कांग्रेस के 58 विधायक मौजूद थे। कैप्टन नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव का शुरू से ही विरोध कर रहे थे मगर उनके विरोध को दरकिनार करके पार्टी हाईकमान की ओर से आखिरकार सिद्धू की ही ताजपोशी की गई। सिद्धू ने अध्यक्ष बनने के बाद कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में यह भी चर्चा है कि कैप्टन ने राहुल गांधी के बयान के खिलाफ जाकर बदला चुकाने वाला कदम उठाया है। आने वाले दिनों में पंजाब की सियासत इसका असर दिखना अभी बाकी है।
आखिर क्यों पैदा हुआ विवाद
जलियांवाला बाग के नवीनीकरण में केंद्रीय स्थल माने जाने वाले ज्वाला स्मारक की मरम्मत करने के साथ ही पूरे परिसर का पुनर्निर्माण किया गया है। लोगों के आवागमन में सुविधा के लिए मार्गों को चौड़ा करने के साथ ही यहां स्थित एक तालाब को लिली तालाब के रूप में विकसित किया गया है। मुख्य रूप से आपत्ति लाइट एंड साउंड शो और बाग को जाने वाले ऐतिहासिक संकरे रास्ते में किए गए बदलाव को लेकर जताई जा रही है।
पहले संकरे रास्ते के दोनों और साधारण कोरी दीवारें थीं मगर अब इन दीवारों पर टेक्सचर पेंट लगा दिया गया है। इतिहासकार किम वैग्नर का मानना है कि बाग को जाने वाले रास्ते के स्वरूप में अब इतना ज्यादा बदलाव कर दिया गया है कि अब वह वैसा नहीं दिखता जैसा 13 अप्रैल, 1919 की शाम को था। ब्रिटेन में भारतीय मूल की सांसद प्रीति कौर गिल ने भी स्मारक को नया रूप दिए जाने की केंद्र सरकार की पहल की आलोचना की है और इसे इतिहास को मिटाने वाला कदम बताया है।