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येदियुरप्पा की विदाई की घड़ी नजदीक, बदल गया तेवर, दिल्ली से लौटकर पहली बार दिया बड़ा संकेत
येदियुरप्पा की पिछली दिल्ली यात्रा के बाद से ही उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान की ओर से उन्हें नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी की तैयारी के बारे में बता दिया गया है।
नई दिल्ली: दक्षिण भारत में भाजपा के मजबूत नेता माने जाने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की विदाई की घड़ी नजदीक आ गई है। येदियुरप्पा की पिछली दिल्ली यात्रा के बाद से ही उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान की ओर से उन्हें नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी की तैयारी के बारे में बता दिया गया है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री अब खुद अपनी विदाई के संकेत देने लगे हैं।
मुख्यमंत्री का कहना है कि भाजपा के तीनों शीर्ष नेताओं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के प्रति मेरे मन में काफी आदर और सम्मान का भाव है और पार्टी हाईकमान के निर्देश पर मैं पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। 26 जुलाई को येदियुरप्पा के कार्यकाल का दो वर्ष पूरा होने वाला है और माना जा रहा है कि उसके बाद वे अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
पहली बार दिखा बदला हुआ अंदाज
दिल्ली यात्रा से लौटने के बाद येदियुरप्पा लगातार अपने इस्तीफे की अटकलों को नकारते रहे हैं मगर अब उन्होंने पहली बार स्वीकार किया है कि वे इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद वे मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं।
उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को हाईकमान की ओर से मिलने वाले निर्देश के आधार पर ही मैं 26 जुलाई को काम करूंगा। 26 जुलाई को प्रदेश सरकार की ओर से विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। येदियुरप्पा का कहना है कि इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मैं पार्टी हाईकमान के निर्देश के मुताबिक फैसला लूंगा।
विदाई की ओर किया इशारा
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने 75 साल की उम्र से ज्यादा के नेताओं को कोई पद न देने का फैसला कर रखा है और मैंने 78 साल की उम्र तक पार्टी की पूरी लगन के साथ सेवा की है। पार्टी ने मुझे इस उम्र तक सेवा करने का मौका दिया है और अब आगे मैं पार्टी हाईकमान के फैसले के मुताबिक काम करूंगा। दिल्ली यात्रा से लौट कर येदियुरप्पा पूरी दमदारी के साथ इस्तीफे की अटकलों का खंडन करते रहे मगर गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उनका वह पुराना तेवर नहीं दिखा।
दिल्ली यात्रा से लौटने के बाद उन्होंने यहां तक दावा किया था कि पार्टी हाईकमान ने उनसे मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहने और पार्टी को मजबूत बनाने को कहा है मगर अब येदियुरप्पा का रवैया बदला हुआ नजर आ रहा है। वे पहली बार अपनी विदाई की घड़ी नजदीक होने की ओर इशारा करते हुए दिखे।
हाईकमान के निर्देश पर लेंगे फैसला
26 जुलाई को अपना दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर येदियुरप्पा की ओर से पार्टी के सभी विधायकों के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस कार्यक्रम के बाद हाईकमान के निर्देश के मुताबिक कदम उठाऊंगा। येदियुरप्पा का कहना है कि चाहे मेरे पास सत्ता रहे या न रहे, मैं कर्नाटक में पार्टी को एक बार फिर सत्ता में लाने और उसे मजबूत बनाने की कोशिश में लगा रहूंगा।
उन्होंने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए पूरे राज्य का दौरा करने की भी बात कही। येदियुरप्पा ने कहा कि जब तक मुझे मुख्यमंत्री पद पर रहने को कहा जाएगा तब तक मैं इस पद पर रहूंगा और इसके बाद पार्टी को मजबूत बनाने के लिए प्रयास करता रहूंगा।
हाईकमान ने पहले ही दे दिया था संकेत
हाईकमान के बुलावे पर येदियुरप्पा 16 जुलाई को दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के दौरान उन्होंने अपनी बढ़ती उम्र और खराब सेहत के आधार पर इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि उन्हें पार्टी की ओर से पहले ही इस्तीफा देने का संकेत दे दिया गया था। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष नड्डा से भी मुलाकात की थी। सियासी जानकारों के मुताबिक इस बातचीत में कर्नाटक के नए नेता को लेकर भी चर्चा हुई थी। जानकारों का यह भी कहना है कि येदियुरप्पा ने अपने एक बेटे को केंद्र में और एक बेटे को कर्नाटक में मंत्री बनाने की मांग भी रखी थी। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि उनकी इस मांग पर हाईकमान की ओर से क्या जवाब दिया गया है।
सीएम की रेस में इन नेताओं के नाम
येदियुरप्पा की ओर से इस्तीफे का संकेत दिए जाने के बाद से राज्य में नए मुख्यमंत्री को लेकर सियासी अटकलों का बाजार गरम हो गया है। नए मुख्यमंत्री के रूप में प्रहलाद जोशी, बीएल संतोष, सदानंद गौड़ा, मुर्गेश निराणी, लक्ष्मण सवदी और वसवराज एतमाल आदि के नाम चर्चा में है। माना जा रहा है कि हाईकमान की ओर से जल्दी ही इनमें से किसी एक नेता के नाम पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।