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नीतीश के दिल्ली दौरे पर टिकीं नजरें, केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार पर शीर्ष नेताओं से करेंगे चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज हो गई है। नीतीश कुमार मंगलवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 22 Jun 2021 12:15 PM IST
नीतीश के दिल्ली दौरे पर टिकीं नजरें, केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार पर शीर्ष नेताओं से करेंगे चर्चा
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज हो गई है। प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में इस मुद्दे पर पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ लंबा मंथन किया है। जनता दल यू ने भी इस बार मंत्रिमंडल में शामिल होने की सहमति दे दी है।

सूत्रों के मुताबिक जदयू की ओर से तीन नामों का प्रस्ताव किया गया है। वैसे इस पर अंतिम फैसला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत के बाद लिया जाएगा। नीतीश कुमार मंगलवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं और माना जा रहा है कि इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत होगी।

शीर्ष नेताओं के साथ मोदी की मंत्रणा

केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस महीने शीर्ष मंत्रियों और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ कई दौर की बातचीत की है। प्रधानमंत्री ने विभिन्न मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी की है। प्रधानमंत्री के इस कदम को केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है।

इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में सहयोगी दलों के नेताओं को भी शामिल करने की चर्चा है। शिवसेना और अकाली दल के एनडीए से अलग होने के बाद सहयोगी दल के नाम पर सिर्फ रामदास अठावले का ही प्रतिनिधित्व रह गया है। ऐसे में प्रधानमंत्री सहयोगी दलों के नेताओं को भी मौका देने के इच्छुक हैं।

पीएम मोदी से चर्चा करेंगे नीतीश कुमार: फोटो- सोशल मीडिया


पीएम मोदी से चर्चा करेंगे नीतीश कुमार

बिहार में भाजपा का महत्वपूर्ण सहयोगी दल जदयू भी इस बार मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए तैयार हो गया है। जदयू के अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने जदयू के मंत्रिमंडल में शामिल होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं और इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात है हो सकती है।

उन्होंने कहा कि जदयू कोटे से बनाए जाने वाले मंत्रियों की संख्या और नाम नीतीश कुमार ही तय करेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्रियों की संख्या को लेकर किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है और बातचीत करके इस मामले को सम्मानजनक तरीके से हल कर लिया जाएगा। जदयू नेता ने कहा कि हमारा बीजेपी के साथ काफी पुराना गठबंधन है और दोनों पार्टियों के नेतृत्व के बीच किसी भी प्रकार की कोई कटुता नहीं है।

जदयू से तीन नामों की चर्चा

दूसरी ओर नीतीश के करीबी माने जाने वाले सांसद ललन सिंह का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री को ही करना है और दूसरे लोग इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते। जानकारों के मुताबिक जदयू की तरफ से तीन नामों का प्रस्ताव किया गया है।

इनमें ललन सिंह के अलावा जदयू के दो और सांसदों रामचंद्र प्रसाद सिंह और संतोष कुशवाहा के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। ललन सिंह और रामचंद्र प्रसाद सिंह को केंद्रीय मंत्री जबकि संतोष कुशवाहा को राज्य मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इस बाबत नीतीश कुमार की पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान अंतिम फैसला लिया जाएगा।

अन्नाद्रमुक और अपना दल को भी मिलेगा मौका

सहयोगी दलों के रूप में अपना दल और अन्नाद्रमुक को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेताओं से बातचीत की थी। सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों ने मंत्रिमंडल में शामिल होने पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री सहयोगी दलों को मौका देकर एनडीए के बड़ा कुनबा होने का सियासी संदेश देने की कोशिश में लगे हुए हैं।




सिंधिया को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार के गठन में बड़ी भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की जोरदार चर्चा है। सिंधिया के समर्थकों को चौहान कैबिनेट में शामिल किया जा चुका है मगर वे अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार कर रहे हैं।

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार सिंधिया को भी मंत्री पद का तोहफा मिलेगा और उन्हें किसी महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। मोदी सरकार के कुछ मंत्रियों को संगठन के काम में भेजे जाने की भी चर्चा है। मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।



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