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Coal Crisis: कोयले की भारी किल्लत, माइनिंग की शर्तों में दी गई बड़ी ढील

Coal Crisis: कोयले की कमी के कारण पूरे देश में बिजली संकट के बीच अब केंद्र सरकार ने कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए कोयला खदान के विस्तार के लिए पर्यावरण मंजूरी में ढील दे दी है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 12 May 2022 12:03 PM IST (Updated on: 12 May 2022 12:41 PM IST)
Power Crisis in India
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8 घंटे तक की बिजली कटौती (photo: social media ) 

Coal Crisis: भीषण गर्मी, बिजली की भारी डिमांड(power crisis) और ऊपर से कोयले की कमी(lack of coal)। ये बहुत संकटपूर्ण स्थिति बन गई है। कोयले की कमी(Shortage of Coal) के कारण पूरे देश में बिजली संकट के बीच अब केंद्र सरकार(central government) ने कोयला उत्पादन।बढ़ाने के लिए कोयला खदान(Coal Mine) के विस्तार के लिए पर्यावरण मंजूरी में ढील दे दी है।

एक सरकारी नोट के अनुसार, "कुछ मौजूदा साइटें नए इम्पैक्ट असेसमेंट की आवश्यकता के बिना उत्पादन को 10 फीसदी तक बढ़ाने में सक्षम होंगी। स्थानीय निवासियों से परामर्श करने के नियमों को भी ढीला कर दिया गया है।

इसका मतलब यह है कि छूट उन खानों(Coal Mine) के लिए है, जिन्होंने पहले ही 40 फीसदी तक उत्पादन बढ़ाने के लिए परमीशन ले ली है। अब उन्हें स्थानीय लोगों से प्रतिक्रिया मांगे बिना मूल क्षमता से 50 फीसदी अधिक उत्पादन(Coal Production) करने की अनुमति मिलेगी।

कोयले के उत्पादन में वृद्धि के लिए तत्काल उपाय करने की मांग

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने कोयला खनन(Coal Mine) विस्तार परियोजनाओं के लिए अनिवार्य अनुपालन मानदंड में ढील देने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने मौजूदा कोयला खनन परियोजनाओं को अनिवार्य जन सुनवाई और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) अध्ययन की प्रक्रिया से 50 प्रतिशत तक विस्तार के लिए मंजूरी देने की छूट देने का फैसला किया है।

कोयला मंत्रालय द्वारा देश में घरेलू कोयले की आपूर्ति पर भारी दबाव का हवाला देते हुए छह महीने के लिए विशेष मामले के रूप में रियायत प्रदान की गई है। मंत्रालय ने बिना किसी और देरी के कोयले के उत्पादन में वृद्धि के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, 7 मई को एक कार्यालय ज्ञापन में पर्यावरण मंत्रालय ने उल्लेख किया कि उसे कोयला मंत्रालय से एक अनुरोध प्राप्त हुआ था कि घरेलू कोयले की आपूर्ति पर भारी दबाव है और मौजूदा कोयला ब्लॉकों को पिछली पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का अनुपालन और उपलब्ध भंडार को ध्यान में रखते हुए उत्पादन क्षमता के विस्तार की अनुमति दी जानी चाहिए।

दरअसल, इस साल भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ने के बीच कोयले की कमी के कारण कई राज्यों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने इस सप्ताह फिर कई राज्यों में एक बार फिर लू चलने का अनुमान जताया है।

कोयला मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोयले का उत्पादन पिछले साल की तुलना में अप्रैल में 29 फीसदी बढ़कर 66.58 मिलियन टन हो गया।

पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, कोयला मंत्रालय ने बिना किसी और देरी के कोयले के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 40 से 50 प्रतिशत तक विस्तार के लिए सार्वजनिक परामर्श और पर्यावरण प्रभाव आकलन/पर्यावरण प्रबंधन योजना रिपोर्ट तैयार करने की आवश्यकता को कम करने का अनुरोध किया है।

मामले की मंत्रालय द्वारा जांच की गई है। मौजूदा अत्यावश्यकता को ध्यान में रखते हुए, एक विशेष व्यवस्था के रूप में, यह निर्णय लिया गया है कि जिन कोयला खनन परियोजनाओं को 11 अप्रैल के आदेश के प्रावधानों के अनुसार, मूल ईसी क्षमता के 40 प्रतिशत तक पर्यावरण मंजूरी (ईसी) का विस्तार दिया गया है उनको अतिरिक्त क्षमता और सार्वजनिक परामर्श के लिए संशोधित ईआईए / ईएमपी रिपोर्ट की आवश्यकता के बिना, उसी खान पट्टा क्षेत्र के भीतर, अपनी उत्पादन क्षमता को मूल ईसी क्षमता के 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए अनुमति प्रदान की जाएगी।

मंत्रालय ने 11 अप्रैल को बिना अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण के मौजूदा परिसर/खान पट्टा क्षेत्र के भीतर कोयला खनन परियोजनाओं को 40 प्रतिशत तक विस्तार के लिए सार्वजनिक परामर्श और ईआईए से छूट दी थी।



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Vidushi Mishra

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