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लॉकडाउन की उठी मांग: दिल्ली में मच रही तबाही, PM मोदी- CM केजरीवाल से अपील

कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए कारोबारियों के लिए काम करने वाली संस्था कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) ने हालातों को देखते हुए 15 दिन का लॉकडाउन लगाने की मांग की है।

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Report By NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 19 April 2021 4:42 AM GMT
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है।
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लॉकडाउन(फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए कारोबारियों के लिए काम करने वाली संस्था कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) ने हालातों को देखते हुए 15 दिन का लॉकडाउन लगाने की मांग की है। कैट ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और सीएम अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि दिल्ली में कम से कम 15 दिन का लॉकडाउन लगा जाए और दिल्ली के सभी बॉर्डरों पर कोरोना टेस्ट के इंतजाम किए जाएं, जिससे संक्रमण पर रोक लगाई जा सके।

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) ने हालातों को देखते हुए ये भी कहा है कि इससे दिल्ली की व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियां जरूर प्रभावित होंगे, लेकिन अब जान को पहली प्रायोरिटी पर रखना होगा। वहीं इसके अलावा कैट ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी अपील की है कि जिन राज्यों में कोरोना की रफ्तार ज्यादा है, वहां इसकी रोकथाम के लिए पुख्ता योजना बनाई जाए।

समस्या केवल सरकार नहीं, दिल्ली के हर नागरिक की

ऐसे में कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा की बीते एक महीने के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि यदि कोरोना की चेन को तुरंत नहीं तोड़ा गया तो दिल्ली में कोरोना बम फूटना तय है। आगे उन्होंने कहा कि 18 मार्च को दिल्ली में 80,253 टेस्ट हुए थे, जिसमें 607 कोरोना के मामले थे और कोरोना का पॉजिटिविटी रेट0.76% था।


महामंत्री खंडेलवाल ने कहा कि प्रस्तावित लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में रहने वाले लोगों को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई उनके घर तक हो, इसके लिए व्यापारिक संगठन पूरी तरह से तैयार हैं और सरकार का हर संभव सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल सरकार नहीं, दिल्ली के हर नागरिक की है और जरूरत इस बात की है कि पीपीपी मॉडल के आधार पर सरकार और नागरिक मिलकर इस महामारी का मुकाबला करने के लिए तैयार हों।

नहीं मिल रही स्वास्थ्य सेवाएँ

इसके साथ ही कैट के प्रदेश महामंत्री देवराज बवेजा ने कहा कि सरकार कुछ भी दावा करे, लेकिन सच्चाई ये है कि दिल्ली में मेडिकल व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। जिस संख्या में मरीज बढ़ रहे हैं, उस अनुपात में मेडिकल सुविधाएं हैं ही नहीं। अस्पतालों में बेड नहीं है, आईसीयू खाली नहीं हैं, कोरोना मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं।

कैट के प्रदेश महामंत्री और दिल्ली ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के महामंत्री आशीष ग्रोवर ने बताया कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लोग बड़ी तादाद में कोरोना से सम्बंधित कुछ विशेष दवाओं की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन वो दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। इस वजह मरीजों में हताशा और निराशा है। पैसे तो हैं लेकिन मरीज को इलाज उपलब्ध नहीं है।

Vidushi Mishra

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